CM bhupendra Patel

Development of infrastructure in gujarat: 20 वर्षों में ढाँचागत सुविधाओं के विकास से गुजरात के नागरिकों को मिला ‘ईज ऑफ लिविंग’

  • अहमदाबाद मेट्रो, वंदे भारत और बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं के साथ रेलवे इन्फ़्रास्ट्रक्चर का विकास
  • गैस आधारित अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक एकीकृत राज्य-व्यापी गैस ग्रिड विकसित किया गया

Development of infrastructure in gujarat: गुजरात को प्रगति पथ, विकास पथ, किसान पथ, प्रवासी पथ जैसी योजनाओं के माध्यम से रोड कनेक्टिविटी मिली

गांधीनगर, 25 अक्टूबरः Development of infrastructure in gujarat: सुव्यवस्थित तथा सुगठित ढाँचागत सुविधाएँ आर्थिक एवं सामाजिक विकास में वृद्धि करती हैं और राज्य एवं देश के विकास को नई ऊँचाई पर ले जाती हैं। पिछले 20 वर्षों में गुजरात सरकार ने राज्य में अत्याधुनिक ढाँचागत सुविधाएँ देकर नागरिकों को ‘ईज़ ऑफ़ लिविंग’ प्रदान किया है। 20 वर्ष पहले जब नरेन्द्र मोदी को राज्य की साशन धुरा सौंपी गई, तब गुजरात कई चनौतियों का सामना कर रहा था, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दीर्घदृष्टिपूर्ण नेतृत्व में गुजरात में एक मज़बूत इन्फ़्रास्ट्रक्चर का गठन करने के सन्निष्ठ प्रयास शुरू किए।

मोदी के नेतृत्व में भविष्य की आर्थिक समृद्धि के लिए राज्य में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर बल दिया गया और इसके लिए फ़ोकस्ड टारगेटेड एक्शन प्लान्स लागू किए गए। इसके फलस्वरूप राज्य ने अपने इन्फ़्रास्ट्रक्चर लैण्डस्केप में बड़े पैमाने पर परिवर्तन देखा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल मोदी द्वारा बनाई गई विकास की उसी पगडंडी पर आगे बढ़ते हुए गुजरात में इन्फ़्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए निरंतर कार्यरत हैं।

विभिन्न प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत गुजरात को मिली रोड कनेक्टिविटी

राज्य के आदिवासी क्षेत्र तथा समुद्र तट, औद्योगिक एवं ग्रामीण क्षेत्रों को राज्य की मुख्य धारा के क्षेत्रों और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के साथ जोड़ने के लिए प्रगति पथ योजना घोषित की गई, जिसमें राज्य के सुदूर क्षेत्र को जोड़ने वाले 9 हाई स्पीड कॉरिडोर को चौड़ा करने तथा मज़बूत बनाने का समावेश होता है। 2488 करोड़ रुपए की लागत से इस प्रोजेक्ट में कुल 3710 किलोमीटर लम्बे हाईवे बनाने का निश्चय किया गया है। इस पहल का उद्देश्य गुजरात के सभी कोनों को जोड़ने वाले मज़बूत रोड नेटवर्क का निर्माण करना है, जिससे 80 किलोमीटर/घण्टे की औसत गति बनाए रखते हुए यात्री राज्य के किसी भी भाग में 6-8 घण्टे में पहुँच सकेंगे।

नगर पालिकाओं, नगरीय क्षेत्रों, नगरों तथा बड़े महानगरों से गुज़रने वाली राज्य की सड़कों का आधुनिकीकरण करने के लिए विकास पथ योजना लागू की गई। समग्र वर्ष के दौरान लोगों के लिए आवागमन सरल बनाने के उद्देश्य के साथ इस पहल में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, फ़ुटपाथ बनाने, उचित ड्रैनेज सिस्टम विकसित करने जैसे कार्यों पर ध्यान केन्द्रित किया गया। 750 करोड़ रुपए के निवेश के साथ इस पहल के अंतर्गत 189 नगर पालिकाओं में विकास हुआ है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी देने तथा किसानों के कृषि उत्पादों को समय पर बाज़ार तक पहुँचाने के लिए किसान पथ योजना लागू की गई। इसके द्वारा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के अपग्रेडेशन एवं सुधार की दिशा में कार्य शुरू हुआ। इससे किसानों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ तथा उनके कृषि उत्पाद व दूध तेज़ी से बाज़ार में पहुँचने लगे। इस योजना ने किसानों को केन्द्रित ढाँचागत सुविधा प्रदान की। गुजरात के 3800 गाँवों को इस योजना का लाभ मिला।

2000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ लगभग 2600 प्रोजेक्ट्स लागू किए गए। इसके साथ ही पर्यटन क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रवासी पथ योजना (पर्यटक पथ योजना) लागू की गई। यह एक ऐसी पहल थी, जिसने 60 से अधिक पर्यटन स्थलों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार कर पर्यटन उद्योग को उल्लेखनीय वेग दिया। इससे पर्यटन स्थलों के आसपास आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं। 2300 करोड़ रुपए से अधिक के केन्द्रित निवेशों के साथ इस पहल से राज्य के 24 से अधिक ज़िलों को लाभ हुआ है।

रेलवे कनेक्टिविटी

ततकालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में एक मज़बूत रेलवे इन्फ़्रास्ट्रक्चर स्थापित करने का संकल्प किया था। उन्होंने सपना देखा था कि गुजरात में मेट्रो ट्रेन चलें और अहमदाबाद तथा सूरत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट आरंभ किए थे। आज मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की सरकार के अंतर्गत यह सपना वास्तविकता में परिवर्तित हुआ है। हाल ही में अहमदाबाद मेट्रो के प्रथम चरण के अंतर्गत थलतेज से वस्त्राल रूट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेट्रो ट्रेन का शुभारंभ कराया है।

सूरत मेट्रो का कार्य भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में गांधीनगर रेलवे स्टेशन से नई वंदे भारत ट्रेन का भी शुभारंभ कराया है, जो गांधीनगर-मुंबई के बीच चल रही है। देश की यह पहली ऐसी वंदे भारत ट्रेन है, जो ‘कवच’ टेक्नोलॉजी से सज्ज है तथा देश में ही विकसित हुई है।

इतना ही नहीं, औद्योगिक प्रदेशों, बंदरगाहों एवं दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) के साथ रेलवे कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए ‘गुजरात रेल इन्फ़्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड’ (G-RIDE) नामक समर्पित कंपनी का गठन किया गया। इस पहल से राज्य की वैश्विक निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में काफ़ी वृद्धि हुई है।

विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिट’ तक विश्व भर के पर्यटक सरलता से पहुँच सके; इसके लिए जनवरी 2021 में प्रधानमंत्री ने केवडिया तक जाने वाली 8 नई ट्रेनों का भी शुभारंभ कराया था।

गैस, बिजली और पानी की सुविधा

गैस आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने में गुजरात अग्रसर रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व समर्थन तले गुजरात ने ओपन एक्सेस-कॉमन कॅरियर के मानदंड पर एक समन्वित राज्यव्यापी गैस ग्रिड विकसित किया है। मुख्य औद्योगिक केन्द्रों को जोड़ते हुए 25 ज़िलों में आज 2600 किलोमीटर से अधिक लम्बा पाइपलाइन गैस ग्रिड नेटवर्क कार्यरत है। इससे औद्योगिक उत्पादनों में वृद्धि हुई है और वैश्विक बाज़ारों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिली है।

सिंचाई के लिए जल वितरण करने के उद्देश्य से 75,000 किलोमीटर का राज्यव्यापी वॉटर ग्रिड नेटवर्क तथा 14,000 से अधिक गाँवों और 154 नगरों को पानी पहुँचाने के लिए राज्यव्यापी पेयजल ग्रिड की स्थापना करने वाला वॉटर ग्रिड प्रोजेक्ट है, जो एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है तथा जनसंख्या के तीन चौथाई हिस्से को कवर करता है। गुजरात के अकाल तथा जलाभाव से ग्रस्तता के ऐतिहासिक मुद्दों को रणनीतिक रूप से हल किया गया है, जिसके फलस्वरूप अतीत में जहाँ 75% जनसंख्या भूमिगत जल पर निर्भर थी, वहीं अब राज्य की 75% जनसंख्या सरफ़ेस वॉटर यानी भूतल जल की आपूर्ति प्राप्त करती है।

वर्ष 2001 में गुजरात में बिजली क्षेत्र की हालत दयनीय थी। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय बिजली उपलब्ध नहीं थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में वर्तमान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने ज्योतिग्राम योजना लागू कर राज्य के सभी गाँवों में 24 घण्टे बिजली पहुँचाई। इसके अलावा राज्य सरकार ने बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन एवं विवरण में व्यापक सुधार किए और 2009 में गुजरात ने पावर सरप्लस स्टेट का दर्ज़ा प्राप्त किया। आज गुजरात में 24×7 निर्बाध व गुणवत्तायुक्त विद्युत आपूर्ति उपलब्ध है।

पोर्ट कनेक्टिविटी

तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के बंदरगाहों का विकास करने पर विशेष बल दिया था। भारत का प्रथम निजी बंदरगाह यानी गुजरात का पीपावाव मोदी के नेतृत्व में ही बनाया गया था। इसके अलावा राज्य में चार ग्रीन फ़ील्ड पोर्ट लोकेशन स्थापित की गई हैं। गुजरात ने एक पारदर्शी व भविष्यवादी पोर्टल पॉलिसी भी घोषित की है, जो पोर्ट क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देती है।

वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में हमारे प्रधानमंत्री ने स्पष्ट सुझाव दिया था कि गुजात भारत का 40 प्रतिशत समुद्री व्यापार संचालित करेगा और आज गुजरात भारत के 40 प्रतिशत से अधिक कारगो का संचालन कर रहा है, जो गुजरात के लिए वास्तव में गर्व की बात है।
बंदरगाह क्षेत्र का निजीकरण करने वाला गुजरात भारत का प्रथम राज्य है और इसके लिए अत्याधुनिक बंदरगाह विकसित किए गए हैं। गुजरात का कंडला बंदरगाह इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके साथ ही हाल ही में प्रधानमंत्री ने गुजरात के भावनगर में विश्व के प्रथम CNG टर्मिनल, ब्राउन फ़ील्ड पोर्ट का शिलान्यास भी किया है।

4024 करोड़ रुपए के ख़र्च से यह सीएनजी टर्मिनल अत्याधुनिक इन्फ़्रास्ट्रक्चर के साथ विकसित होगा। यह पोर्ट भावनगर ज़िले की भावी आवश्यकताओं तथा वाहन स्क्रैपिंग, कंटेनर उत्पादन, अन्य मेगा प्रोजेक्ट और विशेष रूप से धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन जैसे भावी प्रोजेक्ट्स की आवश्यकताओ को भी पूरी करेगा।

अत्याधुनिक एयरपोर्ट्स तथा रेलवे स्टेशन का निर्माण

गुजरात के नागरिकों को मज़बूत ढाँचागत सुविधाएँ मुहैया कराने के संकल्प के साथ राज्य सरकार ने एयरपोर्ट्स तथा रेलवे स्टेसन का भी अत्याधुनिक विकास किया है। भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के अंतर्गत राज्य के 7 एयरपोर्ट्स पर 18 रूट्स द्वारा हवाई सेवा शुरू की गई है। राजकोट में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ग्रीन फ़ील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए 924 हेक्टेयर भूमि सरकार द्वारा नि:शुल्क आवंटित की गई है।

गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित रेलवे स्टेशन का अत्याधुनिक विकास किया गया और वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से इस रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया। इस रेलवे स्टेशन पर ही गुजरात आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए फ़ाइव स्टार होटल ‘द लीला’ का भी निर्माण किया गया है। हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए भारतीय रेलवे के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है। अहमदाबाद में कालूपुर स्थित रेलवे स्टेशन की नई डिज़ाइन गुजरात के सुप्रसिद्ध मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित होगी।

देश के प्रधानमंत्री के रूप में भारत के इन्फ़्रास्ट्रक्चरल विकास को गति देने के लिए नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान क्रियान्वित किया है। उनकी इस पहल का सत्कार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में पीएम गति शक्ति पोर्टल शुरू करने वाला गुजरात देश का प्रथम राज्य बना है। यह पोर्टल आगामी समय में गुजरात के सुगठित विकास को नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार नागरिकों के लिए एक मज़बूत ढाँचागत सुविधाओं का नेटवर्क विकसित करने को प्रतिबद्ध है।

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