दिल्ली सरकार के राजस्व कलेक्शन में सुधार के लिए डीडीसी करेगी विस्तृत अध्ययन

  • दिल्ली देश में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक आय वाले राज्यों में से एक है, जीएसडीपी का प्रतिशत टैक्स राजस्व के मामले में 19वें स्थान पर है-  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
  • उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजस्व कलेक्शन में सुधार के लिए डीडीसी को विस्तृत अध्ययन करने का निर्देश दिया
  • डीडीसीडी को अध्ययन करने के लिए क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों और संबंधित संगठनों के साथ परामर्श करना चाहिए- डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया


नई दिल्ली, 05 अगस्त, 2020
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को  संवाद एवं विकास आयोग दिल्ली (डीडीसीडी) को दिल्ली सरकार में राजस्व कलेक्शन को सुधारने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि डीडीसीडी को दिल्ली के राजस्व कलेक्शन में सुधार के लिए छोटे और दीर्घकालिक उपायों का सुझाव देना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि डीडीसीडी को अध्ययन करने के लिए क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों और संबंधित संगठनों से परामर्श करना चाहिए। डीडीसीडी को यह विस्तृत अध्ययन दो महीने के अंदर सौंप देना चाहिए।
 कोविद -19 महामारी ने सरकार के राजस्व पर काफी प्रभाव डाला – डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोविड -19 महामारी ने दिल्ली में सरकारी राजस्व पर काफी प्रभाव डाला है और इसलिए राजस्व वृद्धि की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, ताकि सरकार दिल्ली के निवासियों के कल्याण के लिए सभी आवश्यक कार्य और कार्यक्रमों पूरा कर सके। 
दिल्ली देश में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक आय वाले राज्यों में से एक है, जीएसटी का प्रतिशत टैक्स राजस्व के मामले में 19वें स्थान पर है-  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री ने 2019-20 के लिए दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण का भी संज्ञान लिया।  देश में प्रति व्यक्ति उच्च आय वाले राज्यों में से दिल्ली एक है। 2018-19 में जीएसडीपी (4.73 % ) का प्रतिशत हमारे टैक्स राजस्व के मामले में 19वें स्थान पर था। 2019-20 (बीई) में जीएसडीपी का प्रतिशत टैक्स राजस्व के रूप में उत्तर प्रदेश में (9.1%), केरला (7.7%), राजस्थान (7.2%), महाराष्ट्र (7.1%) और आंध्र प्रदेश (7.0%) है। अगर केवल दिल्ली के आंकड़े देखे तो वर्ष 2009-10 में दिल्ली का टैक्स राजस्व जीएसडीपी (ग्रास स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट) का 6.18 प्रतिशत है। जबकि वर्ष 2014-15 में यह 5.38 प्रतिशत और 2018-19 में गिरकर 4.73 प्रतिशत हो गया। इसकी तुलना में देश के अन्य राज्यों का एवरेज टैक्स कलेक्शन जीएसडीपी के प्रतिशत का वर्ष 2009-10 में 5.94 प्रतिशत था जो 2014-15 में बढ़कर 6.25 प्रतिशत और वर्ष 2018-19 में 6.69 फीसद हो गया। इससे साफ है कि दिल्ली में टैक्स कलेक्शन घट रहा, जबकि अन्य प्रदेशों म़े बढ़ रहा। 
(विस्तृत – नीचे टेबल में) डीडीसी को अध्ययन करने के लिए क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों और संबंधित संगठनों के साथ परामर्श करना चाहिए- डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीडीसी को निर्देशित किया कि वह इस अध्ययन शुरू करे। यहां पर राजस्व के आधार में सुधार करके जीएसडीपी के लिए टैक्स में सुधार की गुंजाइश है। डीडीसी जीएनसीटीडी के कर-संबंधी सभी प्रासंगिक डेटा का विश्लेषण करके टैक्स में योगदान देने वाले सभी कारणों पर एक विस्तृत अध्ययन कर सकती है और जीएनसीटीडी में राजस्व के आधार को बेहतर बनाने के लिए किए जाने वाले दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकताओं पर सुझाव दे सकती है। डीडीसी को इस क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञों और संबंधित संगठनों के विशेषज्ञों से सलाह लेना चाहिए, ताकि वर्तमान स्थिति और अधिक क्षमता के साथ सुधार के उपायों का सभी प्रकार से विश्लेषण प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने डीडीसी को दो महीने के अंदर इसके निष्कर्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
दिल्ली सरकार की अर्थ व्यवस्था को खोलने और एक मजबूत स्वास्थ्य देखभाल की रणनीति ने आर्थिक पुर्नरुत्थान के लिए सही परिस्थितियों को निर्धारित किया है- जस्मीन शाह
दिल्ली में राजस्व के आधार में सुधार पर अध्ययन शुरू करने की जिम्मेदारी मिलने के बाद डीडीसी के वाइस चेयरमैन जस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार की अर्थ व्यवस्था को खोलने और एक मजबूत स्वास्थ्य देखभाल की रणनीति ने आर्थिक पुर्नरुत्थान के लिए सही परिस्थितियों को निर्धारित किया है। दिल्ली के राजस्व के आधार में सुधार के लिए डीडीसी गहराई से अध्ययन करेगा। हम इस अध्ययन को करने के लिए क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी शामिल करेंगे। आज, कोविड-19 के खिलाफ लड़ने का दिल्ली मॉडल पूरे भारत के लिए एक मॉडल बन गया है और हमें विश्वास है कि हम उचित रणनीति के साथ राजस्व घाटे को भी समय पर दूर कर पाएंगे।
वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अधीन दिल्ली राज्य व्यापार और कर विभाग ने जीएसटी में पंजीकृत करदाताओं की रिटर्न फाइलिंग स्थिति का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। कल, श्री सिसोदिया ने विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जहां यह प्रस्तुत किया गया कि लगभग 15000 करदाताओं का विश्लेषण किया गया था और लगभग 970 करदाताओं ने जनवरी से मार्च 2020-21 तक के लिए रिटर्न दाखिल नहीं किया है। दिल्ली सरकार ने यह भी पाया है कि इस साल लगभग 10800 कंपनियों ने जनवरी से मार्च तक कम या शून्य टैक्स का भुगतान किया। इन निष्कर्षों पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार ने डिफॉल्टरों की एक सूची तैयार की है। डिप्टी सीएम श्री सिसोदिया ने सभी कंपनियों से तुरंत टैक्स जमा करने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार बकाएदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। दिल्ली ने अब तक 15,000 कंपनियों का मूल्यांकन किया है, लेकिन भविष्य में जीएसटी के तहत पंजीकृत 7 लाख कंपनियों का मूल्यांकन किया जाएगा। दिल्ली सरकार मूल्यांकन के बाद सभी बकाएदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।