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Anti raging programme for awareness: रैगिंग के खिलाफ जागरूकता हेतु वसंता कॉलेज फॉर वोमेन वसंत कॉलेज फॉर वोमेन में आयोजित हुआ व्याख्यान

Anti raging programme for awareness: रैगिंग करने वाले को हो सकती है जेल और जुर्माना

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 25 सितंबरः Anti raging programme for awareness: शिक्षण संस्थानों मे रैगिंग एक दंडनीय अपराध है। इस गैरकानूनी कृत्य मे संलिप्त पाए जाने वाले विद्यार्थियों को जेल और जुर्माना दोनों हो सकती है। उक्त विचार वसंता कॉलेज फॉर वोमेन (बसंत महिला महाविद्यालय राजघाट, वाराणसी) के द्वारा आयोजित व्याख्यान में मुख्य अतिथि बी एच यू के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर भुवन चंद कापड़ी ने व्यक्त की।

Anti raging programme for awareness: नए सत्र के शुभारंभ के अवसर पर बसंत महिला महाविद्यालय ने एंटी रैगिंग के प्रति छात्राओं मे जागरूकता और संवेदनशीलता उत्पन्न करने हेतु एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। आरम्भ मे कॉलेज की डायनामिक प्राचार्या प्रोफेसर अलका सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। प्राचार्या ने अपने संबोधन मे कहा कि यहाँ के शिक्षकों और छात्राओं के सहयोग से, पिछले कई वर्षों से हमारा कॉलेज रैगिंग मुक्त परिसर है।

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Anti raging programme for awareness: इसके बावजूद नये छात्राओं को भी रैगिंग के प्रति जागरूक करने हेतु व्याख्यान एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन समय समय पर किया जाता है। कॉलेज के नोटिस बोर्ड और अन्य उचित स्थानों पर रैगिंग मुक्त परिसर के पोस्टर्स लगाए गये है। कॉलेज की गुणवत्ता परक शिक्षण, स्वच्छ एवं हरित परिसर, श्रेष्ठ प्रबंधन तथा कड़े अनुशासन की वजह से ही महिला शिक्षा के क्षेत्र में महाविद्यालय को राष्ट्रीय ख्याति मिली है।

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मुख्य अतिथि प्रोफेसर कापड़ी ने अपने सारगर्भित व्याख्यान में कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में रैगिंग से होने वाली विभीषिकाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। रैगिंग के कारण पूरे देश में हजारों विद्यार्थियों के न केवल जीवन बर्बाद हुए बल्कि बहुतो ने रैगिंग के डर से अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली। उन्होंने आगे कहा कि शरारती और अनुशासन हीन विद्यार्थियों को डंडित करने एवं अच्छे विद्यार्थियों को रैंगिंग से बचाने हेतु ही केंद्रीय सरकार ने सं. 2019 में संसद में कानून पास किया।

इस क़ानून के कड़े प्रावधान के कारण ही एक तरफ जहाँ रैगिंग की गैर कानूनी गतिविधियों में भारी कमी आयी है वहीं दूसरी ओर आम विद्यार्थियों में इससे होने वाले डर का माहौल भी ख़त्म हुआ है। प्रोफेसर कापड़ी ने रैगिंग मुक्त परिसर बनाने हेतु प्राचार्या प्रोफेसर अलका सिंह को बधाई दी। महाविद्यालय में गठित एंटी रैगिंग समिति के कार्यों का संक्षिप्त विवरण संयोजक डॉ. मीनू अवस्थी ने दिया। संगीता रॉय ने वक्ता का परिचय दिया।

व्याख्यान सत्र का सफलता पूर्वक संचालन डॉ अमृता कात्यायनी ने किया। इस अवसर पर समिति के सदस्य डॉ. डी. उमा देवी, विभागाध्यक्ष कॉमर्स डिपार्टमेंट, डॉक्टर सुशीला भारती, डॉ. वेद प्रकाश रावत, डॉ मनोज कुमार तिवारी, डॉ उषा दीक्षित, डॉ वेद मनी मिश्रा, डॉ रंजन भट्टाचार्य, डॉ सोनल कपूर एवं महाविद्यालय के अन्य प्रोफेसर तथा बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थिति रहीं। अंत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन व्याख्यान की आयोजिका डॉ. आम्रपाली त्रिवेदी ने दिया।

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