Abu wild life week

Abu wild life week: देखा है जल, जमीन और जंगल को कुछ इतना करीब से….

Abu wild life week: आने वाले सात दिनों में विभिन्न तरह के आयोजन इस वन्य जीव सप्ताह में करेंगे: विजय शंकर पांडे

माउंट आबू, 01 अक्टूबरः Abu wild life week: 1975 में एक फिल्म आई थी एक महल हो सपनों का और वास्तव में माउंट आबू के चारों और बिखरा हुआ जो वन्य क्षेत्र है, किसी सपनों के महल से कम भी नहीं हैं। बहरहाल इस फिल्म में शर्मिला टैगोर धर्मेंद्र सहित अन्य कलाकारों की मुख्य भूमिका थी। लेकिन किशोर कुमार की आवाज में या गीत कुछ उदास करने वाले दृश्यों को फिल्माते हुए दिखाया गया था।

लगभग ऐसे ही उदास हताश करने वाले कुछ दृश्य कोरोना काल की समयावधि दौरान हमारे सामने से उभर रहे थे। लेकिन इन्हीं कोरोना काल के तंग, उदास, हताश करने वाले पलों में माउंट आबू वासियों ने प्रकृति को देखा ही कुछ इतने करीब से कि उन्हें इसी प्रकृति के एक नजारों में कई नजारे नजर आने लगे।

असल में जल जमीन और जंगल की क्या अहमियत होती है, क्या खासियत होती है, क्या खूबियां होती है और हमारे जीवन में उनका क्या महत्व व आवश्यकता है। इस सब की पहचान एहसास एवं अनुभव हमें इसी समयावधि पर लोगों के अनुभव विचारों से जानने को मिलेँ।

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इसके साथ ही माउंट आबू की उप वन संरक्षक विजय शंकर पांडे ने बताया कि आने वाले सात दिनों में विभिन्न तरह के आयोजन इस वन्य जीव सप्ताह में करेंगे। साथ ही उन्होंने प्रकृति के प्राप्त अनुभवों के आधार पर स्थानीय लोगों से जल, जमीन और जंगल सहित प्रकृति को बचाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर सोफिया स्कूल की प्राध्यापक गजेंद्र सिंह होटल अर्बुदा के एमडी ललित शर्मा, पर्यावरण प्रेमी जयेश पटेल उपस्थित थे। साथ ही स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा एक रैली का आयोजन भी इसी दौरान किया गया। जो शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई। वन एवं वन्य जीवों के प्रति जन चेतना जागृति का संदेश देते हुए उन्हें वन विभाग के रेस्ट हाउस में पहुंची।

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