WRWWO: पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन द्वारा युवा पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए उठाये गये सार्थक कदम
WRWWO: शिक्षा से ही सम्भव है समाज का उत्थान, शिक्षा ही बच्चों के भविष्य को बनाती है उज्ज्वल
अहमदाबाद, 13 सितंबरः WRWWO: पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रहा है, जिनमें छोटे-छोटे बच्चों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। शिक्षक दिवस के अवसर पर पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा तनुजा कंसल ने छोटे बच्चों के मन और मस्तिष्क को सही आकार देने में शिक्षकों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा।
WRWWO: उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच ऐसे कठिन समय में भी शिक्षकों ने अपने छात्रों के लिए सीखने का नया माहौल बनाने के लिए अथक सामूहिक प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के आधुनिक तरीकों ने आज समाज में प्रमुख स्थान ले लिया है और सभी शिक्षकों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कठिन चुनौती स्वीकार की है कि शिक्षार्थी अपनी रुचि न खोते हुए अपनी पढ़ाई में निरंतर आगे बढ़ते रहें।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार शिक्षक दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर तनुजा कंसल ने बधवार पार्क रेलवे कॉलोनी स्थित नर्सरी स्कूल के नये भवन का उद्घाटन सरस्वती वंदना की धुन के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर किया, जिसमें ज्ञान और विद्या की देवी मॉं सरस्वती का आह्वान किया गया।
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इस मौके पर शिक्षा की संकल्पना पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर कंसल ने स्कूल परिसर में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधे भी लगाये। नवनिर्मित नर्सरी स्कूल भवन में बच्चों के सीखने और आगे बढ़ने के लिए नवीनतम सुविधाऍं उपलब्ध कराई गई हैं। बच्चों के खेलने के लिए स्कूल का अपना बगीचा और साथ ही स्लाइड, झूले और मेरी-गो-राउंड भी हैं।
ठाकुर ने बताया कि यह स्कूल 1965 में एक कमरे में शुरू किया गया था और अब इसे नये 3 कमरों वाले वातानुकूलित, स्वतंत्र और सुरक्षित भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्ले, ग्रो एंड लर्न के आदर्श वाक्य के साथ स्कूल का अपना बगीचा है। इन सुविधाओं की उपलब्धता कोविड-19 को मद्देनजर रखते हुए जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप सुनिश्चित की जा रही है। इस नये भवन के नियोजन और क्रियान्वयन में तनुजा कंसल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके निरंतर मार्गदर्शन में इस नये भवन का निर्माण निर्धारित समय पर पूरा किया गया।
शिक्षक दिवस के अवसर पर कंसल ने अपने विचार साझा किये कि कैसे कोरोना वायरस के इस गम्भीर संकट के दौरान शिक्षकों ने अपने कुशल नेतृत्व और नवाचार का प्रदर्शन किया है। शिक्षकों ने सुनिश्चित किया है कि सीखने की प्रक्रिया कभी बंद न हो और कोई भी शिक्षार्थी कभी पीछे न रहे। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में, शिक्षकों ने अनुकूल समाधान खोजने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से काम किया है और शिक्षा को जारी रखने हेतु अपने छात्रों के लिए एक नया सीखने का माहौल तैयार किया है।
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अपने उत्साहवर्धक शब्दों को जारी रखते हुए कंसल ने कहा कि हमें अब कोविड-19 से परे सोचने और अपनी शिक्षा प्रणालियों में अधिक लचीलापन लाने के लिए काम करने की जरूरत है, ताकि हम इस तरह के अन्य संकटों का भी त्वरित और प्रभावी ढंग से जवाब दे सकें। इन कार्यों में शिक्षा के वित्तपोषण की रक्षा करना, उच्च गुणवत्ता वाली प्रारम्भिक शिक्षा में निवेश करना और साथ ही मौजूदा शिक्षक कार्यबल के व्यावसायिक विकास को जारी रखना मुख्य रूप से शामिल हैं।