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Jobs in Railway: रोजगार का अहम जरिया बनी रेलवे, पिछले एक साल में इतने लोगों को मिली नौकरी…

Jobs in Railway: पिछले एक वर्ष में भारतीय रेल द्वारा 1.5 लाख रोजगार उपलब्ध कराये गये

राजकोट, 09 नवंबरः Jobs in Railway: पिछले एक वर्ष में भारतीय रेल द्वारा 1.5 लाख रोजगार उपलब्ध (Jobs in Railway) कराये गये हैं। पिछले 9 वर्षों में विभिन्न श्रेणियों जैसे सहायक लोको पायलट, स्टेशन मास्टर, ट्रेन मैनेजर, जूनियर इंजीनियर, तकनीशियन, वाणिज्यिक लिपिक, ट्रैक मेंटेनर, पॉइंट्समैन आदि पदों में रिकॉर्ड भर्ती की गई है। नये भर्ती कार्मिकों को मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल, सिग्नल और दूरसंचार आदि जैसे विभिन्न विभागों में तैनात किया गया है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004-2014 की अवधि के दौरान लगभग 4.11 लाख उम्मीदवारों की भर्ती की गई थी, जो औसतन प्रति वर्ष 41,000 भर्ती है। इसी तरह 2014 से अब तक की अवधि में 5 लाख अभ्यर्थियों की भर्ती की गई।

कोविड अवधि को भी ध्यान में रखते हुए औसतन 50,000 उम्मीदवारों की भर्ती की गई है। अन्यथा भर्ती किए गए उम्मीदवारों का औसत आंकड़ा 62,000 होगा। कंप्यूटर आधारित टेस्ट/ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से दुनिया का सबसे बड़ा भर्ती अभियान चलाना एक और बड़ी उपलब्धि है, जो दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच आयोजित की गई।

गैर-तकनीकी लोकप्रिय कोटि (एनटीपीसी) और आरआरसी (ग्रुप डी) परीक्षाओं वाली ये परीक्षाएं बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी तरीके से सफलतापूर्वक आयोजित की गईं। लगभग 2.37 करोड़ उम्मीदवार 232 शिफ्ट वाले 1277 परीक्षा केंद्रों के साथ 400 से अधिक शहरों में आयोजित परीक्षा के लिए उपस्थित हुए। परीक्षा 15 भाषाओं में आयोजित की गई।

परीक्षा अभ्यर्थियों की संख्या शिफ्ट शहर केन्द्र भाषा
गैर-तकनीकी लोकप्रिय कोटि (एनटीपीसी) 1.26 करोड़ 133 211 726 15
आरआरसी (ग्रुप डी) 1.11 करोड़ 99 191 551 15
कुल 2.37 करोड़ 232 402 1277 15

औसतन 1 किमी ट्रैक के निर्माण के लिए सालाना लगभग 33,000 श्रम दिवस रोजगार सृजित होता है।

भारतीय रेल पर पिछले एक वर्ष में 5,600 किमी ट्रैक का निर्माण किया गया। अत: प्रतिदिन सृजित कुल श्रम दिवस 5 लाख (5,06,301) से अधिक है। इसके अलावा, भारतीय रेल बड़े पैमाने पर ओएचई, सिग्नलिंग, प्रोडक्शन यूनिट और पब्लिक सेक्टर यूनिट, स्टेशन पुनर्विकास कार्यों जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य कर रहा है, जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। इससे एक साल में लगभग 10 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं।

रेलवे में इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों का अर्थव्यवस्था पर औसतन 3.5 गुना प्रभाव होता है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख x 3.5= 35 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हो रही हैं।

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 2.6 लाख करोड़ रुपये का पूंजी आवंटन प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सबसे अधिक पूंजीगत व्यय है।

102,881 रुपये (सितंबर 2022 तक BG का 43%) की तुलना में सितंबर 2023 तक व्यय 1,50,444 करोड़ रुपये (BG का 58%) है, अर्थात पिछले वर्ष की तुलना में 46% की वृद्धि है। इससे भारतीय रेल में रोजगार पैदा करने में भी मदद मिली है।

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