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सूरज को भी सर्दी है, पर गणतंत्र को वर्दी को ना सर्दी हैं : ममता कुशवाहा

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हमारी तरफ से वे गणतंत्र दिवस की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएँ आप सभी को…

इस बार गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर देश में एक नई हलचल सी मची हुई है जहा चारों तरफ जश्न एवं उत्साह के साथ ध्वजारोहण का कार्यक्रम चल रहा है वही किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रेक्टर रैली निकाले जाने वाली है जहां देश भर के किसान भाई दिल्ली हरियाणा बोडर पर बीते एक महीने से आंदोलन (धारणा) कर रहे और कई लोग तो इस ठंडी में धारणा देते हुए जान भी गवां बैठे हैं फिर भी देश का कानून व्यवस्था एवं राजनीति प्रशासन अपने आप में राजनीति सत्ता का खेल खेल रहा हो मानो..

तो बोडर पर तैनात सेना देश की सुरक्षा के लिए इस ठंडी में भी देश सेवा में तैनात है ताकि कोई दुश्मन या विद्रोही देश हमारे शांति भंग करने की कोशिश ना करे, अथार्त एक तरफ किसान जो हमारा अन्नदाता और हमारे सैनिक(जल थल वायु सेना) दोनों का बहुत ही आभार है जो हमारे लिए अपना बहुमुल्य योगदान कर रहे है |
मेरी कुछ पंक्तियां उनके लिए निम्न है….

ये मौसम बेदर्दी है,
लगे दिल में सर्दी,
अपनो की क्या बात करे,
बेगानो में भी हमदर्दी
जीवन के सफर मे,
लगता क्या जल्दी हैं ,
बच्चे तो बच्चे हैं ,
बुजुर्गो में भी जल्दी हैं
जितना चाहे सर्दी हैं,
पर लेह-काश्मीर लद्दाख में वर्दी हैं,
सूरज को भी सर्दी है,
पर गणतंत्र को वर्दी को ना सर्दी हैं ,
ये मौसम बेदर्दी है ,
फिर भी ना सर्दी किसान भाइयों को
निकल पड़ी हैं रैली यहा ट्रेक्टर की ,
होगा ध्वजारोहण के साथ -साथ
न्याय हमारे अन्नदाता के संग |

~~ममता कुशवाहा~~

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