Life partner: जीवनसंगिनी सा साथी…
Life partner: !!जीवनसंगिनी!!
Life partner: वृक्ष होते हमारे जीवनसाथी
जिनसे जीवन में खुशहाली
चलो चले करते हैं प्रण हम
एक काटे, दस वृक्ष लगाए हम
जीवन की आधार वृक्ष है
खुशियों की श्रृंगार वृक्ष है
फिर भी काट रहे हैं वृक्ष हम
क्या इतना स्वार्थी बन गए है हम
वृक्ष लगानी है भविष्य बचानी है
ऐसी कई बड़ी बातें हम बना लेते हैं
वृक्ष लगाकर क्या सेवा करते है हम
क्या उसी उत्साह से इन्हें बढ़ाते है हम
वृक्ष पशु पक्षियों का होता बसेरा है
क्यों हम उनके निकेतन उजार रहे है
क्या पराए का घर, बसा न सकते हम
तो क्या उनके घर को, उजार दे हम
जीवनसंगिनी सा साथी है वृक्ष
मानवता का पूजारी है वृक्ष
इनके ही बल तो जीते हैं हम
फिर भी करते है कत्ल इन्हें हम
कुछ ऐसे भी बिन फलहारी लगाए वृक्ष
जो सतत् ही आक्सीजन देती हमें है वृक्ष
क्यों अपना ही फायदा ढूंढते रहते है हम
कभी तो आगे के बारे में भी सोच ले हम
क्यों वृक्ष महोत्सव की जरूरत पड़ रही
क्यों वृक्षारोपण अभियान चलानी पड़ रही
क्या वृक्षों के प्रति, जागरूक नहीं है हम
नहीं है तो क्यों नहीं है हम, क्यों नहीं है हम
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