Kavya Goshthi in rajpur

Kavya Goshthi in rajpur: साहित्यिक संस्था ‘जिला अदब गोशा बड़वानी’ द्वारा काव्य-गोष्ठी का आयोजन

Kavya Goshthi in rajpur: उठो पैग़ाम उल्फ़त का जहाँ में आम करना है, अमन का जो भी दुश्मन है उसे नाकाम करना है

राजपुर, 07 दिसंबरः Kavya Goshthi in rajpur: जिले की साहित्यिक संस्था ‘जिला अदब गोशा बड़वानी’ के तत्वाधान में नगर में एक साहित्यिक काव्य गोष्ठी आयोजन फ़िरोज-आशियाना में संपन्न हुआ। जिसमें ज़िले के विभिन्न शहरों से जुड़े शायरों एवं कवियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता उस्ताद शायर क़ादिर ह़नफी ने की और संचालन राजपुर के युवा शायर रिज़वान अली ने किया।

सर्वप्रथम फ़िरोज़ ख़ान नात ख़्वाँ (उर्फ़ रज्जू) ने नात पढ़कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उस्ताद शायर क़ादिर ह़नफ़ी ने अपनी ग़ज़ल में कहा “उठो पैग़ाम उल्फ़त का जहाँ में आम करना है, अमन का जो भी दुश्मन है उसे नाकाम करना है” सेंधवा के शायर जुनैद अह़मद ‘जुनैद’ ने शेर सुनाते हुए कहा कि “झूठ बोलेगा तो बातों का असर जाएगा, तू किसी दिन मेरी नज़रों से उतर जाएगा”।

विशाल त्रिवेदी ‘आदिल’ ने अपनी रचना इस तरह सुनाई कि “नज़र क्या रही क्या नज़ारा रहा था, दिले आस्मां में सितारा रहा था” राजपुर के नौजवान शायर रिज़वान अली ‘रिज़वाँ’ ने अपनी ग़ज़ल में कहा “ग़रीबी को मिटाने आए थे तुम, ग़रीबों का सफ़ाया चल रहा है, यहाँ इंसाफ़ मुमकिन ही नहीं है, यहाँ अपना-पराया चल रहा है”।

Kavya Goshthi in rajpur 1

वाजिद हुसैन ‘साहिल’ ने अपने कलाम में कहा “भले ही तल्ख़ हो कितनी भी ये गुफ़्तार की रफ़्तार, मगर नफ़रत के आगे कब थमी है प्यार की रफ़्तार, तख़य्युल ने दिखाई वो अजब तेज़ी बिछड़ते वक्त़, मेरी नज़रों से कम निकली तुम्हारी कार की रफ़्तार” सेंधवा के शाकिर शेख़ ‘शाकिर’ ने शेर सुनाते हुए कहा “दिल दुखाने सदा तैयार नज़र आते हैं, मेहरबां मुझपे मेरे यार नज़र आते हैं”।

हाफ़िज़ अहमद ‘हाफ़िज़’ ने सुनाया “ये तेरी बुज़दिली का सबूत है प्यारे, तू ज़ख्मी परिंदे का शिकार कर गया” राजपुर के अपूर्व शुक्ल ‘हिंदुस्तानी’ ने अपनी रचना में कहा “एक घर ऐसा बनाया जाए, एकता को उसमे बसाया जाए” फैजा़न शैख़ ‘कै़स’ ने अपनी ग़ज़ल सुनाते हुए कहा “बहुत ख़ुश है वो नया आशियाँ बनाने में, उन्हें ख़बर ही नहीं ज़लज़ले भी आते हैं”।

वाहिद साहब क़ुरैशी ने अपने शेर सुनाते हुए कहा “इसे समझूँ रहम या कुछ और, वो अब हम पे सितम नहीं करते” इसी बीच कार्यक्रम मुख्य अतिथि जावेद अह़मद कु़रैशी और विशिष्ट अतिथि असलम बाबा सूफी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में फ़िरोज़ ख़ान ने आभार व्यक्त किया।

क्या आपने यह पढ़ा…. Urban body general election in varanasi: चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों के सम्बन्ध में जुटाएं जानकारी- डी एम वाराणसी

Hindi banner 02