International women’s day: एक साथ कितने किरदार निभाए, कभी बच्ची तो कभी दादी नानी बन जाये
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस(International women’s day)

इस धरा पर आने का कारण है तू,
इस संसार मे दुखों का निवारण है तू.
जो अपनी छाया मात्र से मकान को घर बना दे,
ऐसी घर की छत्रछाया है तू.
एक साथ कितने किरदार निभाए,
कभी बच्ची तो कभी दादी नानी बन जाये,
रिश्तों को एक सूत्र मे पिरो दे,
ऐसी मोतियों की माला है तू..
घर की जिम्मेदारी हो या हो सरहद मे तैनाती,
उड़ाना हो हवाई जहाज या हो सामने कोई भी चुनौती,
देश के प्रतिनिधित्व मे भी जो अडिग रहे,
ऐसी भारत की गौरवगाथा है तू..
नमन है ऐ मातृ -शक्ति तुझको बारम्बार,
क्योंकि जीवन के हर क्षेत्र मे विस्तारक है तू…
यह भी पढ़ें:–Holi utsav: अस्तित्व की व्याप्ति का उत्सव है होली: गिरीश्वर मिश्र
देश की आवाज़ की खबरों को फेसबुक पर पाने के लिए लाइक करेंAdvertisement