Dosti: दोस्ती सा कोई रिश्ता नहीं मिलता…
Dosti: !!दोस्ती!!
Dosti: इस जीवन मे रिश्ते तो बहुत मिलते हैं,
लेकिन दोस्ती सा कोई रिश्ता नहीं मिलता..
जिस प्रकार उपवन मे होते तो बहुत फूल हैं,
लेकिन कोई गुलाब की तरह ना खिलता..
बचपन से लेकर जीवन भर ये अक्सर साथ निभाते हैं,
जरूरत महसूस होने पर वो हमारे इर्द गिर्द ही नजर आते हैं.
बचपन की दोस्ती की बात ही अलग होती है,
वो मीठी सी नोक झोंक और पल मे दोस्ती खुट्टी होती है..
नहीं लगता मन उनके बिना कहीं भी,
क्योंकि बिन उनके कहाँ दिल खोल के मस्ती होती है..
थोड़ी थोड़ी देर मे उनसे रूठना मनाना होता है,
फिर अगले ही पल साथ मे उन्हीं का टिफिन खाना होता है..
एक दिन ना मिलें तो लगता है बीत गया जमाना,
उनके बिन वो कैंटीन की चाय मे भी ना असली स्वाद आना होता है..
वो दोस्तों के साथ बारिश मे बेइंतहा जी भर कर भीगना,
वो कागज की कश्ती को पानी मे चलाना होता है..
एक समय आता है जब बिछड़ जाते हैं सब एक दूसरे से,
जिंदगी की आपा धापी मे ना चाह के भी दूर जाना होता है..
लेकिन जब भी सोचो उन पुराने पलों को यारा..
आँखों मे आँसू और दिल मे सुनहरी यादों का खजाना होता है..
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