World 5 Unique Schools: दुनिया के पांच सबसे अनोखे स्कूल, जिनके बारे में कभी नहीं सुना होगा
World 5 Unique Schools: एबो एलिमेंट्री स्कूल जमीन के ऊपर ना होकर जमीन के नीचे बना हुआ हैं
अहमदाबाद, 05 सितंबरः World 5 Unique Schools: शिक्षक दिवस के मौके पर आज हम विश्व के उन पांच अजीबोगरीब स्कूलों (World 5 Unique Schools) के बारे में बतायेंगे जिनके बारे में शायद ही आपने सुना हो। ये स्कूल अपने अनोखेपन के कारण चर्चा का विषय बने रहते हैं। यहीं कारण है कि दूर-दूर से लोग इन स्कूलों को देखने के लिए आते हैं। आइए जानें दुनिया के पांच अनोखे स्कूलों के बारे में….
एबो एलिमेंट्री स्कूल
स्कूल अक्सर जमीन के ऊपर बनाए जाते हैं। लेकिन एबो एलिमेंट्री स्कूल जमीन के ऊपर ना होकर जमीन के नीचे बना हुआ हैं। इसी वजह से यह चर्चा का विषय बना रहता हैं। स्कूल को जमीन के नीचे बनाए जाने का एक बड़ा कारण था। अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हो रहे शीत युद्ध के दौरान न्यू मैक्सिका आर्टिस्टा के लोगों को इस बात का पता था कि उनके यहां बमबारी होगी। इसी वजह से स्कूल को जमीन के नीचे बनवाया।
लोकटक का फ्लोटिंग स्कूल
क्या आपने किसी फ्लोटिंग स्कूल के बारे में सुना है। फ्लोटिंग स्कूल हमारे भारत में ही मौजूद हैं। मणिपुर में लोकटक झील के ऊपर बने इस स्कूल में कई बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। स्कूल को लोकटक झील के मछुआरों ने मिलकर बनाया हैं। इस स्कूल में बच्चों के साथ-साथ बड़े लोग भी पढाई करते हैं।
क्या आपने यह पढ़ा… Guru: जिनमे है ज्ञान का सार, वो हैं “गुरु” इस संसार का आधार
ग्रे स्कूल ऑफ विजार्डी
आप सभी ने हैरी पॉटर फिल्म तो देखी होगी, जिसमें एक स्कूल को दिखाया गया हैं जहां पर बच्चे आकर जादू सीखते हैं। ठीक वैसा ही स्कूल असल में भी मौजूद हैं। इस स्कूल का नाम ग्रे स्कूल ऑफ विजार्डी हैं। यहां कुल 16 डिपार्टमेंट हैं, जिसमें हैरी पॉटर की तरह काला जादू वाला विभाग भी मौजूद हैं।
मोबाइल स्कूल
यह स्कूल अपने अनोखेपन के कारण चर्चा में बना रहता हैं। इस स्कूल की खास बात यह है कि यहां पर छात्रों को स्कूल नहीं जाना पड़ता बल्कि स्कूल खुद छात्रों के पास चलकर आता हैं। इसी वजह से इसका नाम मोबाइल स्कूल पड़ा। यह कोलंबिया, अमेरिका, स्पेन के साथ-साथ ग्रीस में भी खूब पसंद किया जाता हैं।
हेजल वुड एकेडमी
स्कॉटलैंड में स्थित यह स्कूल काफी खास हैं। स्कूल उन बच्चों के लिए हैं जो देख और सुन नहीं सकते हैं। स्कूल को विशेष प्रकार से डिजाइन किया गया हैं। स्कूल में खास तरह की इंजीनियरिंग की मदद से वाइब्रेशन को भी शामिल किया गया है, ताकि बच्चे खुद अपना रास्ता अकेले तय कर सकें।