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Bournvita: बोर्नविटा को लेकर सरकार ने जारी की एडवाइजरी; यह “स्वास्थ्य पेय” नहीं

Bournvita: सरकार ने ई- कॉमर्स कंपनियों को जारी की एडवाइजरी, कंपनी से एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा

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दिल्ली, 14 अप्रैल: Bournvita: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 10 अप्रैल को ई- कॉमर्स की सभी कंपनियों को बोर्नविटा के साथ ऐसे सभी पेय पदार्थों स्वास्थ्य पेय की श्रेणी से हटाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। दरअसल यह सलाह राष्ट्रीय अधिकार संरक्षण आयोग के जांच के बाद सामने आई है। FSSAI द्वारा प्रस्तुत एफएसएस अधिनियम 2006, नियमों और विनियमों के तहत स्वास्थ्य पेय की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है।

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इससे पहले NCPCR ने बोर्नविटा के निर्माता मोंडेलेज इंडिया इंटेरनेशनल से संपर्क किया था। उनसे भमक विज्ञापन और पैकेजिंग लेबल को वापस लेने का आग्रह किया था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह कदम दूध के पूरक के रूप मे बड़ी मात्रा मे चीनी सामग्री के आरोपों को लेकर विवाद के बाद उठाया गया था।

असल मे यह विवाद तब शुरू हुआ था जब एक हेल्थ इंफ्लुएंसर ने एक वीडियो में बोर्नविटा को लेकर सवाल उठाया था वीडियो मे कहा गया की पाउडर सप्लीमेंट मे अत्यधिक चीनी, कोको और कैंसर से जुड़े संभावित हानिकारक रंग शामिल है। बाद मे इंफ्लुएंसर ने कंपनी के कानूनी नोटिस के बाद मे वीडियो हत्या लिया था और कंपनी ने दावा किया था की वीडियो भ्रामक है।

बोर्नविटा ने दावा किया था की उनके दूध का पूरक का निर्माण पोषण विशेषज्ञों और खाद्य वैज्ञानिकों की एक टीम के नेतृत्व में पूरी सावधानी पूर्वक प्रक्रिया से गुजरात है। जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य और स्वाद का लाभ प्रदान करना है। फिर भी एनसीपीसीआर ने यह नोध लिया है की बोर्नविटा एफएसएसएआई और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम द्वारा उल्लेखित दिशनिर्देशों और विनियमों के अनिसर अनिवार्य प्रकटीकरण को पर्याप्त रूप से प्रदर्शित नहीं करता है। आयोग ने कंपनी से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने का आग्रह किया है।

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