दिल्ली सरकार के एक स्कूल से 5 बच्चे IIT में चयनित

Manish Sisodia Student IIT
  • दिल्ली सरकार के एक स्कूल से 5 बच्चे IIT में चयनित, उपमुख्यमंत्री ने स्कूल जाकर शिक्षकों को बधाई दी
  • अगर एक स्कूल से 5 बच्चे आइआइटी जा सकते हैं तो यही सफलता अन्य स्कूलों में भी दोहराई जा सकती है : सिसोदिया
  • इसी स्कूल के 22 बच्चों नें नीट की परीक्षा भी क्वालीफाई की
  • टीचर्स ने दिल्ली सरकार की ट्रेनिंग और अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र से लाभान्वित होने की बात कही, सिसोदिया ने और सुझाव मांगे

रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली

नई दिल्ली, 27 अक्तूबर 2020:रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली सरकार के एक स्कूल आरपीवीवी, पश्चिम विहार का दौरा किया। इस साल इस स्कूल के 5 बच्चे IIT में दाखिला ले रहे हैं. इसी स्कूल के 22 बच्चों नें नीट की परीक्षा भी क्वालीफाई की है। 
श्री सिसोदिया नें स्कूल जाकर वहां के शिक्षकों और प्रिंसिपल  को इस ऐतिहासिक सफलता की बधाई दी।
श्री सिसोदिया ने कहा कि,”जिस तरह आपके स्कूल से पांच बच्चे आइआइटी में और 22 बच्चे नीट की परीक्षा में सफल हुए  हैं वैसा ही कमाल बाकी सभी स्कूल भी कर सकते हैं। आज मैं आपको इस सफलता की बधाई देने आया हूं। आपकी बेस्ट प्रेक्टिस से अन्य स्कूल भी सीख सकते हैं।”

whatsapp banner 1

उल्लेखनीय है कि इस साल आरपीवीवी स्कूल, पश्चिम विहार के पांच बच्चों को आइआइटी में एडमिशन का मौका मिला है। इसी स्कूल के 22 बच्चों को नीट में भी सफल रहे हैं। 
श्री सिसोदिया ने आज विद्यालय का दौरा करके इस ऐतिहासिक सफलता के लिए प्रिंसिपल और शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी का सपना है कि दिल्ली के हर सरकारी स्कूल के बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने और देश का नाम रौशन करने का भरपूर अवसर मिले।
श्री सिसोदिया ने कहा कि पांच साल पहले हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा का सपना देखा था। अब बारहवीं के बोर्ड में 98 फीसदी रिजल्ट आने और जेईई और नीट में मिली सफलता बताती है कि हमारा सपना साकार हो रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता काफी उच्चस्तरीय हो चुकी है। हमें इन सफलताओं से सीखते हुए दिल्ली की शिक्षा-क्रांति को इतना कारगर बनाना है ताकि इससे देश ही नहीं, पूरी दुनिया को प्रेरणा मिले।

मीटिंग के दौरान स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने अपनी बेस्ट प्रेक्टिस की विस्तार से जानकारी दी। प्रिंसिपल प्रीति सक्सेना ने कहा कि हमलोग छठी से आठवीं कक्षा के दौरान ही बच्चों को सभी प्रकार के शैक्षणिक कैरियर के बारे में जागरूक करते हैं ताकि वे अपना सही रास्ता चुन सकें। उन्होंने कहा कि हमने फाइव-सी माॅडल अपनाया है। इसमें कनेक्ट, काउंसिलिंग, कांस्टेंट मोटिवेशन, क्यूरियोसिटी और क्रिएटिव थिंकिंग शामिल है। शिक्षकों ने बताया कि हमने बच्चों को रोचक एवं व्यावहारिक तरीकों से सिखाने की भरपूर कोशिश की। जैसे, फिजिक्स कांसेप्ट समझाने के लिए मैकेनिकल लैब का उपयोग किया जाता है।
शिक्षकों ने कहा कि हमने बच्चों की यह धारणा बदलने का भरपूर प्रयास किया कि जेईई, नीट में सफलता के लिए कोचिंग जरूरी है। बच्चों ने हम पर भरोसा किया और सफलता मिली। शिक्षकों ने यह भी बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा हमें कैम्ब्रिज और सिंगापुर में मिले प्रशिक्षण का भी इस सफलता में बड़ा योगदान है। साथ ही, हमें मिले टैबलेट जैसे उपकरणों ने भी अच्छी तरह शिक्षण में काफी मदद की।
शिक्षकों ने कहा कि बच्चों की सफलता से हमारा उत्साह काफी बढ़ा है और हमारे लिए यह गर्व की बात है कि शिक्षा मंत्री हमसे मिलने स्वयं आये हैं।