Schizophrenia: शीघ्र निदान और उचित उपचार से स्किज़ोफ्रेनियाको अच्छे से मेनेज किया जा सकता है
Schizophrenia: स्किज़ोफ्रेनिया की थिम पर कई सुपरहिट सायकोलोजिकल थ्रिलर फिल्में बन चुकी हैं, जैसे कि हॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्में “शटर्स आइलैंड” और पुरस्कार विजेता “ए ब्यूटीफुल माइंड” और बॉलीवुड की “कार्तिक कॉलिंग कार्तिक”, “वो लम्हे”, “मदहोशी” और “15 पार्क एवेन्यू”। लेकिन इन सभी फिल्मों में दिखाए गए स्किज़ोफ्रेनिया के मरीज़ बहुत ही एक्स्ट्रीम केसिस हैं। वास्तविक जीवन में स्किज़ोफ्रेनिया के रोगियों का जीवन अत्यंत विकट, जटिल लक्षणोंसे त्रस्त, एकाकी, उदासीनता से ग्रस्त और अंधकारमय होता है। अपने कठिन जीवन से जूझते हुए उनके परिवार जनों की स्थिति अक्सर बहुत दयनीय होती है और उन्हें समाज के समर्थन और सहयोग की निहायत सख्त जरुरत होती है जिससे वे अधिकतर वंचित होते हैं।
दरअसल, फिल्मों द्वारा बनाई गई झूठी और अवास्तविक छवि और सच्ची जानकारी के अभाव के कारण आम जनता के दिमागमें सिज़ोफ्रेनिया के बारे में बहुत सारी भ्रमणाएं फ़ैली हुइ है, जिसके कारण इसके रोगियों और उनके रिश्तेदारों को समाज में अवमानना और उपेक्षा का सामना करना पड़ता है। आज हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि ये स्किज़ोफ्रेनिया और इससे जुड़ी समस्याएं क्या हैं ताकि उनके साथ हो रहे सामाजिक और नैतिक अन्याय से उनकी रक्षा की जा सके।
स्किज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) क्या है?
स्किज़ोफ्रेनिया एक मनोरोग की स्थिति है जो आमतौर पर किशोरावस्था के अंतिम चरण या वयस्कता के शुरुआती दिनों में प्रकट होती है,जिसमें शामिल हैं:
- इस मनोविकृति का रोगी के बात-चीत के अंदाज, विचार, भावनाओं और जीवन के अन्य क्षेत्रों पर जो असर होता है वह उसके सामाजिक व्यवहार और दैनिक गतिविधियों को भी बहुत प्रभावित करता है।
- लक्षण आमतौर पर किशोरावस्था के अंत और 30 की शुरुआत में दिखने लगते हैं। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पहले विकसित होता है। कुछ मामलों में, एक व्यक्ति बचपन से ही असामान्य व्यवहार दिखाना शुरू कर देता है, जो कि उम्र के साथ अधिक ध्यान खींचते है। दूसरों में, उसके लक्षण काफी अचानक प्रकट हो सकते हैं।
- स्किज़ोफ्रेनिया एक आजीवन स्थिति है, जिसके लक्षणों को उचित उपचार के साथ मेनेज किया जा सकता है।
- शीघ्र निदान इस मनोरोग को आगे बढ़ने से रोक सकता है ,ताकि उचित उपचार द्वारा मानसिक स्थिरता बनाए रखने में अधिक सुविधा होती है।
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स्किज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) के लक्षण
स्किज़ोफ्रेनिया अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- बोलने का ऐसा तरीका जो दूसरों के लिए समझना मुश्किल है।
- चेहरे पर भावशून्यता अर्थात भावनात्मक अभिव्यक्ति का अभाव।
- कुछ भी करने की प्रेरणा की कमी ।
- किसी विषय या बात पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई ।
- रोगी में सायकोसिस या मनोविकृतिके लक्षण होते हैं, जैसे कि भ्रम (डिल्युझन) और मतिभ्रम(हेलुसिनेशन)।
- इन लक्षणों के प्रकट होने से पहले रोगी के व्यवहार में कुछ असामान्य व्यवहार देखे जाते हैं, जैसे अकारण बेचैनी या व्यग्रता, आदि।
स्किज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) के कारण
एन.आई.एम.एच. के अनुसार, कुछ आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक के मिले-जुले प्रभाव से स्किज़ोफ्रेनिया विकसित होता है:
- आनुवंशिक वंशानुक्रम: यदि परिवार में स्किज़ोफ्रेनिया का कोई इतिहास नहीं है, तो इसके विकसित होने की संभावना 1% से कम है। यदि माता-पिता में से किसी एक को स्किज़ोफ्रेनिया का निदान किया जाता है, तो बच्चों में भी जोखिम बढ़ जाता है।
- मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन: स्किज़ोफ्रेनिया तब विकसित होता है जब मस्तिष्क में डोपामाइन और संभवतः सेरोटोनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन होता है।
स्किज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) का उपचार
स्किज़ोफ्रेनिया एक आजीवन स्थिति है, लेकिन प्रारंभिक निदान और प्रभावी उपचार रोगी के लिए अपने लक्षणों को मेनेज करना आसान बनाता है, और उसकी पुनरावृत्ति को रोकता है और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना से बचता है। स्किज़ोफ्रेनिया में हर किसी का अनुभव अलग होता है। मनोचिकित्सक रोगी के विशिष्ट लक्षणों के अनुसार उपचार निर्धारित करता है, जिसके कुछ संभावित विकल्प इस प्रकार हो सकते हैं:
- एंटी-साइकोटिक दवाएं: ये दवाएं दैनिक उपयोग के लिए तथा, यदि व्यक्ति इंजेक्शन योग्य दवाओं का चयन करता है, बार-बार के उपयोगको कम करने के लिए हो सकती हैं।
- काउंसेलिंग या परामर्श: यह रोगी और उसके परिवार को स्किज़ोफ्रेनिया को संभालने के लिए कौशल विकसित करने और जीवन के निजी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
- स्पेश्यल को-ओर्डिनेटेड केर या विशेष समन्वित देखभाल: यह एक सर्वग्राही अभिगम है जो स्किज़ोफ्रेनिया के उपचार में आवश्यकतानुसार दवाएं, रोगी के परिवार की समझदारीपूर्ण भागीदारी और जरुरी शिक्षा / मार्गदर्शन का समन्वय होता है।
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