बड़े काम का पुदीना (Pudina),जानिए पुदीने से क्या क्या होते है फायदे
Pudina: गर्मी में लू से बचने के लिए पुदीने के पत्ते और कच्चे आम का रस मिलाकर पिया जाए तो फायदा होता है।
- वानस्पतिक नाम- Mentha piperita (मेन्था पाइपेरिटा)
- कुल- लेमिएसी (Lamiaceae)
- हिन्दी- पुदीना, पपरमेंटा, गमाथी पुदिना
- अंग्रेजी-स्पीयरमिंट, पिपरमिंट, फील्ड मिंट (Spearmint, Peppermint, Field Mint)
- संस्कृत पुतिहा, सुगंधिपत्रा
पुदीना (Pudina) एक छोटा-सा पौधा होता है जो अक्सर नमी वाली भूमि पर उगता हुआ पाया जाता है। इसमें उड़नशील तेल पाया जाता है जो पिपरमिंट जैसी सुगंध देता है। इसका वानस्पतिक नाम मेन्था पाइपरिटा है। सर्दी और जुकाम होने की दशा में पुदीने की पत्तियों के रस की एक-एक बूँद नाक में डालने से लाभ होता है।
पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार बिच्छु के काट लेने पर पुदीने (Pudina) की पत्तियों का रस या पत्तों को पान में डालकर खाने से लाभ होता है। ठंड में बुखार आने पर पुदीने की पत्तियों का रस और अदरक के रस की समान मात्रा मिलाकर रोगी को देने से आराम मिलता है। डाँग-गुजरात के आदिवासियों के अनुसार पेटदर्द और अतिसार में इसके पत्तों को अनारदानों के साथ पीसकर अदरक के रस के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
दाद होने पर इसके पत्तों का रस दिन में 3-4 बार लेपित किया जाए तो आराम मिलता है। कॉलेरा होने पर 6 ग्राम पुदीने (Pudina) की पत्तियाँ और इलायची (3 ग्राम) लेकर आधा लीटर पानी में उबाला जाता है और एक-एक घंटे के अंतराल पर रोगी को दिया जाता है जिससे जी मचलाना और वमन बंद हो जाता है। इसके साथ ही पेटदर्द में भी आराम मिलता है।
गर्मी में लू से बचने के लिए पुदीने (Pudina) के पत्ते और कच्चे आम का रस मिलाकर पिया जाए तो फायदा होता है। आदिवासी पुदीने के रस को पैर के तालुओं में भी लगाते हैं ताकि लू में आराम मिले। (साभार: आदिवासियों की औषधीय विरासत पुस्तक से )
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