प्रधानमंत्री द्वारा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी तक निर्बाध कनेक्टिविटी हेतु आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

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माननीय प्रधानमंत्री द्वारा स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी तक निर्बाध कनेक्टिविटी हेतु  आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया साथ ही गुजरात में विभिन्‍न रेल परियोजनाओं का किया उद्घाटन

एमजीआर को उनकी जयंती पर दी श्रद्धांजलि केवड़िया विश्व के सबसे बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशनों में उभरा  है  भारतीय रेलवे लक्ष्‍य केन्दित प्रयासों से हो रही है ट्रांसफॉर्म

अहमदाबाद, 17 जनवरी: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से देश के विभिन्‍न भागों से केवड़िया के लिए आठ ट्रेनों का हरी झंडी दिखाकर शुभारम्‍भ किया। इन ट्रेनों से स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी के लिए निर्बाध रेल कनेक्टिविटी मिल जायेगी। प्रधानमंत्री ने डभोई–चांदोद गेज परिवर्तित ब्रॉड गेज रेल लाइन, चांदोद से केवडिया नई ब्रॉडगेज रेल लाइन, नव विद्युतीकृत प्रतापनगर- केवड़िया खंड तथा डभोई जंक्शन, चांदोद एवं केवड़िया के नए स्टेशन भवनों का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्‍यमंत्री और केन्‍द्रीय रेल मंत्री उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री ने कहा रेलवे के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब एक साथ देश के अ़लग-अलग कोने से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई हो। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि ऐसा केवड़िया में स्‍चैच्‍यू ऑफ यूनिटी और सरदार सरोवर के होने से उसके महत्‍व के कारण हैं। आज का ये आयोजन भारतीय रेल के विजन और सरदार वल्‍लभभाई पटेल के मिशन को परिभाषित करता है।

यह उल्लेख करते हुए कि केवडिया के लिए चलाई जा रही ट्रेनों में से एक ट्रेन पुरुची थलाइवर डॉ. एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से निकल रही है, प्रधानमंत्री ने भारत रत्‍न एमजीआर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। श्री मोदी ने फिल्म के पर्दे और राजनीतिक मंच पर उनकी उपलब्धियों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि गरीबों को सम्मानजनक जीवन मिले इसके लिए उन्होंने निरंतर काम किया था। भारत रत्न एमजीआर के इन आदर्शों को पूरा करने के लिए आज हम सब प्रयास कर रहे हैं। कुछ साल पहले ही देश ने उनके सम्मान में चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर एमजीआर के नाम पर किया था।

प्रधानमंत्री ने इंगित किया कि केवडि़या के लिए चेन्‍नई, वाराणसी, रीवा, दादर और दिल्‍ली के बीच स्‍थापित नई कनेक्टिविटी के साथ ही केवड़िया और प्रतापनगर के बीच मेमू सेवाओं तथा डभोई-चांदोद खंड का बड़ी लाइन में आमान परिवर्तन और चांदोद केवड़िया के बीच नई रेल लाइन केवड़िया की विकास यात्रा में नया अध्‍याय लिखेगी। इससे टूरिस्‍टों और रोजगार तथा स्‍वरोजगार के नये अवसर मिलने से स्‍थनीय आदिवासियों को भी लाभ होगा। ये रेल लाइन मां नर्मदा के तट पर बसे करनाली, पोइचा और गरुडेश्‍वर जैसे आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण स्‍थानों को भी कनेक्ट करेगी।

केवडि़या की विकास यात्रा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज केवड़िया गुजरात के सुदूर इलाके में बसा एक छोटा सा ब्लॉक नहीं रह गया है, बल्कि केवड़िया विश्व के सबसे बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में आज उभर रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी, स्‍टैच्‍यू ऑफ लिबर्टी से भी अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। अपने लोकार्पण के बाद से करीब-करीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं। कोरोना में महीनों तक सब कुछ बंद रहने के बाद अब एक बार फिर केवड़िया में आने वाले टूरिस्टों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि जैसे-जैसे कनेक्टिविटी बढ़ रही है, भविष्य में हर रोज एक लाख तक लोग केवड़िया आने लगेंगे। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब शुरू में केवड़िया को दुनिया का बेहतरीन पर्यटन स्‍थल बनाने की बात की जाती थी, तो लोगों को ये सपना ही लगता था। पुराने अनुभव के आधार पर उनकी बातों में तर्क भी था। न केवड़िया जाने के लिए चौड़ी सड़कें, न उतनी स्ट्रीट लाइटें, न रेल, न टूरिस्टों के रहने के लिए बेहतर इंतजाम।  अब केवड़िया सभी सुविधाओं के साथ एक संपूर्ण फैमिली पैकेज के रूप में परिवर्तित हो चुका है। यहाँ के आकर्षणों में भव्‍य स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर विशाल सरदार पटेल जुलॉजिकल पार्क, आरोग्‍य वन, जंगल सफारी और पोषण पार्क हैं। यहाँ ग्‍लो गार्डन, एकता क्रुज और वॉटर स्‍पोर्ट्स भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बढ़ते हुए पर्यटन के कारण यहाँ के आदिवासी युवाओं को रोजगार मिल रहा है और यहाँ के लोगों के जीवन में तेजी से आधुनिक सुविधाएँ पहुँच रही हैं। एकता मॉल में स्‍थानीय हैंडी क्राफ्ट के लिए नये अवसर मिल रहे हैं। उन्‍होंने इस बात का भी जिक्र किया कि केवडि़या के आदिवासी गाँव में 200 से अधिक कमरों की पहचान कर उन्‍हें होम स्‍टे के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने बढ़ते टुरिज्‍म को देखते हुए विकसित किये गये केवड़िया स्‍टेशन की भी चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि यहाँ ट्राइबल आर्ट गैलरी के साथ ही एक व्‍यूइंग गैलरी भी है जहाँ से स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी को भी देख सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने लक्ष्‍य केन्द्रित प्रयासों के द्वारा भारतीय रेलवे के ट्रांसफॉर्मेशन का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि यात्री एवं माल परिवहन की पारम्‍परिक भूमिका के अलावा रेलवे पर्यटन एवं धार्मिक महत्‍व के स्‍थलों को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान कर रही है। उन्‍होंने कहा कि अहमदाबाद- केवड़िया जनशताब्‍दी एक्‍सप्रेस सहित कई रूटों पर आकर्षक विस्‍टा डोम कोच चलाये जायेंगे।

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प्रधानमंत्री ने रेलवे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास के लिए अप्रोच में आये बदलाव को भी रेखांकित किया। उन्‍होंने कहा कि पहले विद्यमान इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को ठीक-ठाक करने या सुधारने पर ही फोकस रहता था और नई टेक्‍नोलॉजी पर कम ही फोकस रहा। इस अप्रोच को बदला जरूरी था। बीते सालों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्‍यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। यह काम सिर्फ बजट बढ़ाना-घटाना, नई ट्रेनों की घोषणाएँ करना तक सीमित नहीं रहा। ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है। उन्‍होंने केवड़िया को जोड़ने वाले वर्तमान प्रोजेक्‍ट का उदाहरण दिया, जहाँ बहुआयामी फोकस के द्वारा इसे रिकॉर्ड समय में पूरा किया जा सका।

 प्रधानमंत्री ने पूर्व की अपेक्षा अप्रोच में आये बदलाव के उदाहरण के रूप में डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर का उदाहरण भी दिया। पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर के एक बड़े सेक्शन का लोकार्पण हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। इस प्रोजेक्ट पर 2006-2014 तक लगभग 8 सालों में सिर्फ कागजों पर ही काम हुआ। अब अगले कुछ महीनों में कुल मिलाकर के 1100 किलोमीटर का काम पूरा होने जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने नई कनेक्टिविटी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के उन हिस्‍सों को भी जोड़ा जा रहा है, जो अब तक रेल से जुड़े नहीं थे। गेज परिवर्तन और विद्युतीकरण की गति बढ़ी है और रेलवे ट्रैक को उच्‍च गति के लिए तैयार किया गया है। इससे सेमी हाई स्‍पीड ट्रेनों का परिचालन सम्‍भव हुआ है और अब हम हाई-स्‍पीड क्षमता की ओर बढ़ रहे हैं।  प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए बजट में कई गुना बढ़ोतरी की गई है।

प्रधानमंत्री ने इस ओर भी इंगित किया कि इस बात को सुनिश्चित किया जा रहा है कि रेलवे पर्यावरण मित्रवत रहे। केवडि़या रेलवे स्‍टेशन भारत का पहला ऐसा स्‍टेशन है, जिसको शुरुआत से ही ग्रीन बिल्डिंग के रूप में सर्टिफिकेशन मिला है।

उन्‍होंने रेलवे मैन्‍यूफैक्‍चरिंग और टेक्‍नोलॉजी में आत्‍मनिर्भरता पर बल दिया, जिसके अच्‍छे परिणाम अब मिलने लगे हैं। भारत में हाई हॉर्स पावर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के स्‍थानीय निर्माण के कारण भारत विश्‍व की पहली डबल स्‍टैक लॉन्‍ग हॉल कंटेनर ट्रेन की शुरुआत कर पाये। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में ही बनी एक से एक आधुनिक ट्रेनें भारतीय रेल का हिस्‍सा हैं।

भारतीय रेलवे के ट्रांसफॉर्मेशन के लिए प्रधानमंत्री ने स्किल्‍ड स्‍पैशलिस्ट मैन पावर और प्रोफेशनल्‍स की आवश्‍यकता पर बल दिया। वडोदरा में भारतीय की पहली डिम्‍ड रेलवे यूनिवसिर्टी की स्‍थापना के पीछे यही मकसद है। भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है, जहाँ इस स्‍तर का इंस्टिट्यूट मौजूद है। यहाँ रेल ट्रांसपोर्ट के लिए आधुनिक सुविधाएँ, मल्‍टी–डिसिप्‍लीनरी रिसर्च और ट्रेनिंग की व्‍यवस्‍था है। यहाँ 20 राज्‍यों के मेधावी युवा भारतीय रेल के वर्तमान और भविष्‍य को बेहतर बनाने के लिए खुद को प्रशिक्षत कर रहे हैं। यहाँ होने वाले इनोवेशन और रिसर्च से भारतीय रेल को आधुनिक बनाने में और मदद मिलेगी।

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