Lithium Mining Agreement

Lithium Mining Agreement: भारत सरकार ने अर्जेंटीना के साथ लिथियम की खोज-खनन के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए

Lithium Mining Agreement: चीन पर निर्भरता और कार्बन उत्सर्जन कम करने में मील का पत्थर साबित होगा लिथियम खनन समझौता

नई दिल्ली, 18 जनवरीः Lithium Mining Agreement: अर्जेंटीना में पांच लिथियम ब्लॉकों की खोज से जुड़ा भारत सरकार का समझौता कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इसके अलावा यह लिथियम के आयात के लिए भारत की चीन पर निर्भरता को भी कम करने में मदद करेगा। भारत सरकार ने अर्जेंटीना के साथ लिथियम की खोज और खनन के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। 15,703 हेक्टेयर क्षेत्र में पांच लिथियम ब्राइन ब्लॉकों से जुड़ी यह भारत की पहली लिथियम खोज और खनन परियोजना है।

केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘यह रणनीतिक कदम न केवल भारत और अर्जेंटीना में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाएगा, बल्कि यह खनन क्षेत्र के सतत विकास में भी योगदान देगा, जिससे विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए एक लचीली और विविध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित होगी।’’

पर्यावरण हितैषी भविष्य की दिशा में सकारात्मक बदलाव के लिए लिथियम बेहद जरूरी है। ऊर्जा परिवर्तन के लिए लिथियम को सबसे महत्वपूर्ण खनिज के तौर पर जाना जाता है। इलैक्ट्रिक व्हीकल्स और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-आयन बैटरी का ये सबसे अहम भाग होता है। डीजल और पेट्रोल गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण कम करने की दिशा में ये बेहद महत्वपूर्ण है।

लिथियम के लिए भारत अभी तक चीन, ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना जैसे देशों पर निर्भर रहा है। भारत के नए सौदे के बाद अनुमान है कि केवल चीन की ही इस महत्वपूर्ण खनिज पर पकड़ नहीं रहेगी बल्कि भारत भी लिथियम खनन में उसे टक्कर दे पाएगा।

इसके अलावा बीते साल फ़रवरी में भारत सरकार ने घोषणा की थी कि उसे जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम का 59 लाख टन का भंडार मिला है। यहां से आपूर्ति शुरू होने पर भारत की चीन पर निर्भरता लगभग खत्म हो जाएगी।

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