International criminal police organization general assembly

International criminal police organization general assembly: भारत में आयोजित होगी अंतरराष्ट्रीय पुलिस संस्था इंटरपोल की महासभा

  • नई दिल्ली में सीबीआई करेगी मेजबानी, इंटरपोल के 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत
  • इंटरपोल की सेवा से आने वाले समय में और अपराधियों को पकड़ने में होगी आसानी

International criminal police organization general assembly: गुजरात पुलिस ने चार वर्षों में इंटरपोल की मदद से 4 वांटेड अपराधियों को विदेश से दबोचा

गांधीनगर, 14 अक्टूबरः International criminal police organization general assembly: विश्व की सबसे बड़ी पुलिस संस्था इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन) की 90वीं महासभा 18 से 21 अक्टूबर के दौरान नई दिल्ली में आयोजित होगी। इंटरपोल में भारत सहित 195 सदस्य देश हैं। भारत 1949 में इंटरपोल का सदस्य बना था।

देश जब ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, तब इस कार्यक्रम की मेजबानी का अवसर मिलने गौरव की बात है। चार दिनों तक दुनिया भर का पुलिस नेतृत्व भारत में होगा। भारत सहित 195 सदस्य देशों के पुलिस प्रतिनिधियों के इस बैठक में शामिल होने का अनुमान है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निरंतर प्रयासों से भारत को इस बैठक की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मजबूत नेतृत्व में आज गुजरात पुलिस ने न केवल ड्रग्स सहित अन्य संगीन अपराधों के खिलाफ शिकंजा कसा है, बल्कि इंटरपोल की मदद से विदेश में छिपे बैठे अपराधियों को ढूंढ़ने में भी बड़ी सफलता हासिल की है।

इंटरपोल की मदद से हत्यारोपी जयेश पटेल को लंदन से किया गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने भी अपराध को अंजाम देकर विदेश भाग जाने वाले मोस्ट वांछित अपराधियों को पकड़ने के लिए इंटरपोल की मदद ली है और अब तक चार अपराधियों को विदेशों से धर दबोचा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण मामला जामनगर में एडवोकेट किरीट जोशी हत्याकांड में संलिप्त आरोपी जयेश पटेल का है।

जामनगर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और अभी गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) दीपेन भद्रन ने अनुसार इंटरपोल के लिए भारत की नोडल एजेंसी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मार्फत जयेश पटेल के खिलाफ एकत्र पुख्ता सबूतों को यूके की नोडल एजेंसी ‘यूकेसीए’ के समक्ष इंटरपोल के जरिए प्रस्तुत किया गया।

इन सबूतों के आधार पर आरोपी जयेश पटेल को लंदन में गिरफ्तार किया गया था और अभी वेस्टमिंस्टर कोर्ट में उसके प्रत्यर्पण का मामला चल रहा है। जयेश लंदन में अपनी पहचान छिपाकर एक पुर्तगाली नागरिक के रूप में रह रहा था।

इसके अलावा, वर्ष 2019 से अब तक गुजरात पुलिस ने तीन अन्य महत्वपूर्ण मामलों में इंटरपोल की मदद से अपराधियों तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की है। इसमें आरोपी धवल मावाणी (2019), जिंग फेंग जि उर्फ रिचर्ड (2021) और मुकेश कुमार वृंदावनदास शाह (2022) से जुड़े मामले शामिल हैं।

आगामी दिनों में और भी अपराधियों पर कसेगा शिकंजा

“अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों तक पहुंचने के लिए इंटरपोल के साथ सक्रियता से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। गुजरात पुलिस को अब तक ऐसे चार आरोपियों का ठिकाना ढूंढ़ने में सफलता मिली है। हम राज्य में को नागरिक हित के अनुसार कानून व्यवस्था की स्थिति बरकरार रखने के लिए आने वाले समय में और भी अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे। इंटरपोल के सहयोग के कारण इसमें उल्लेखनीय सहायता प्राप्त हो रही है।”- दीपेन भद्रन, डीआईजी, एटीएस-गुजरात

194 देशों तक भारतीय एजेंसियों की पहुंच

भारत की केंद्रीय तथा राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों की इंटरपोल की मदद से 194 देशों की सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच बनी है। इंटरपोल के ग्लोबल कम्यूनिकेशन सिस्टम की मदद से यह सेतु निर्मित हुआ है, जिसके जरिए पुलिस अपराधियों की तलाश और जांच में सहायता प्राप्त कर सकती है। भारत ने इंटरपोल को पर्याप्त सहयोग दिया है और संस्था के नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है।

महासभा का एजेंडा

इंटरपोल की महासभा वर्ष में एक बार आयोजित होती है। रोटेशन के आधार पर संस्था का प्रत्येक सदस्य इसकी मेजबानी करता है। भारत को 25 वर्षों के बाद इस बैठक की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है। भारत की तरफ से इंटरपोल के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करने वाली सीबीआई इस महासभा की मेजबानी करेगी।

महासभा में सदस्य देशों की आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाता है। इसके अलावा, महासभा में कार्यकारी समिति के सदस्यों का चुनाव भी किया जाता है, जो महासभा के सत्र के दौरान मार्गदर्शन देते हैं। महासभा में संकल्प के रूप में निर्णय किए जाते हैं। प्रत्येक सदस्य देश के पास एक वोट होता है।

इस वर्ष नई दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक में साइबर और प्रोफेशनल अपराधों तथा बाल यौन शोषण अपराधों जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, महासभा में सदस्य देशों के बीच अपराध के डेटा और इसे नियंत्रित करने के उपायों तथा इसके लिए उपयोग में ली जाने वाली तकनीक का आदान-प्रदान होगा।

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