Didi lata ki yaad me: ऐ दीदी लता मंगेशकर वापस आ जा इस दुनिया में…
!! ऐ दीदी लता !!(Didi lata ki yaad me)
Didi lata ki yaad me: ऐ दीदी लता मंगेशकर
वापस आ जा इस दुनिया में
क्यों चलें गए हमें छोड़ ?
तेरे बिना जीना अधूरा
याद है मुझे एकबात
जब मैं था प्रथम वर्ग में
तेरा गाना ऐ मेरे वतन
हमेशा सुना करता था ।
पन्द्रह अगस्त हो या
छब्बीस जनवरी का पर्व
तेरा गाना सुनकर ही
तिरंगा फहराया करता था ।
अब तो कहीं मेरा मन नहीं
लग रहा है जब यह जाना
आप छोड़ चली गयी और क्यों ?
कभी नाम गुम जायेगा,
कभी तेरे बिना जिंदगी से
गाना सुन तेरी यादों में
आँसू भी रुक नहीं पाता
आँसू भी पोंछ पोंछकर
दिन भी नहीं कट रही
बैचेनी से सोया फिर
स्वप्न में भी आप ही आप !
मुझे अब आपके बिना
रहा ही नहीं जाता एक पल भी ।
एकादश वर्ग में जब
पाठ्य में आपके बारे में
विस्तार से जाना , समझा
स्वर साम्राज्ञी कहें जिन्हें जाते
स्वर – संगीत कलाओं से परिपूर्ण
कंठ सुर में क्या कड़क वाह !
मैं तो यह भी सोचा था
आपसे कभी मुलाकात
करना है अब फिर कहाँ
आप मिलेगी और कैसे ?
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