Dil ko na jala: दिल को ना अब और जला…
Dil ko na jala: !!दिल को ना जला!!
Dil ko na jala: दिल को ना
अब और जला
हसरतों को राख कर
दुनियां के रंज छोड़ के
तू मोह का अब त्याग कर
नूर ला तूं
चेहरे पर और
लाली सूरज की समेट ले
प्रकृति से प्रेम कर
और पुष्प लता को पराग कर
स्याह
अंधेरे घेरे तो क्या
क्यों साये से कतराता है
सुबह नई
किरण ला रही
देख नींद से जाग कर
कर हिम्मत
बड़ा कदम
हर कदम कामयाबी का
क्यों डर से सिमटा
बैठा क्या मिलेगा भाग कर
सागर से
उठेगीं लहरें
‘ओजस’ कदम तेरे चूमेंगी
नई धुन बना
नए गीत गा
चल नया कोई राग कर
क्या आपने यह पढ़ा…. Maternal health after child born: मातृत्व स्वास्थ्य के लिए संस्थागत प्रसव के कई हैं फायदे, पढ़ें पूरी खबर