Reward for having three children

Maternal health after child born: मातृत्व स्वास्थ्य के लिए संस्थागत प्रसव के कई हैं फायदे, पढ़ें पूरी खबर

  • जब अस्पताल में होगा प्रसव तो जच्चा बच्चा होंगे स्वस्थ और गूंजेगी किलकारी

Maternal health after child born: जन्म की तैयारी से आसान होगी मातृत्व स्वास्थ्य की राह

मऊ, 27 जुलाईः Maternal health after child born: अस्पताल में शिशु का जन्म सबसे सुरक्षित है। इसके बावजूद कभी घर, कभी एंबुलेंस तो कभी अस्पताल के बरामदे में नवजात के जन्म की खबरें सुनने को मिलती हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नारायण दुबे का। डॉ दुबे ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान ही किन चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता ‘शिशु जन्म की तैयारी’ करते हैं। यह अतिसतर्कता का एक ख़ास उदहारण है। इससे अस्पताल में प्रसव को बढ़ावा मिलेगा वह मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी आएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रसव सुरक्षित हो इसके लिए गर्भ का पता चलते ही आशा कार्यकर्ता शिशु जन्म की तैयारी कराती हैं। एक झोले में मां व शिशु के लिए आवश्यक सामग्री रखने की साथ अस्पताल का चयन। प्रसूता के साथ में कौन जाएगा। घर की देखभाल कौन करेगा आदि सभी तैयारियां गर्भावस्था के दौरान करा देती हैं। इसमें यूपी-टीएसयू बीओसी कार्यकर्ता भी आशाओं की मदद करते हैं।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके यादव ने अस्पताल में प्रसव कराने के फायदे के बारे में बताया इससे शिशु मृत्यु-दर में कमी आएगी। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूता को रु.1400 दिए जाते हैं। इलाज होने में विलंब नहीं होता है। सामान्य प्रसव में 3 दिन व ऑपरेशन से प्रसव होने पर प्रसूता को 7 दिन अस्पताल में पौष्टिक आहार की सुविधा होती है।

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जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्श दाता अंजू ने बताया कि जन्म से पहले की तैयारी के क्या हैं फायदे जिसमें सबसे पहले अस्पताल चयन करने में विलंब नहीं होता है। अस्पताल पहुंचने में विलंब नहीं होता इलाज होने में विलंब नहीं होता किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से मां व नवजात को सुरक्षा मिलती है। मां व नवजात की देखभाल के लिए सभी अस्पतालों में आवश्यक सामग्री का पहले से इंतजाम रहता है।

रतनपुरा ब्लाक की पिंडोहरी ग्रामसभा की गर्भवती का नाम चंदा 25 वर्षीय को 8 माह का गर्भ है यह इनका पहला प्रस्ताव है। जिसकी संभावित तिथि 29 अगस्त है। गर्भवती चंदा की सास का इरादा घर पर प्रसव करने का था आशा संगिनी मीना ने उन्हें समझाया और कहा कि ऐसे तो प्रसव एक सामान्य प्रक्रिया है।

किंतु कोई भी मुश्किल होने पर इसे प्रशिक्षित नर्स का डॉक्टर ही संभाल सकते हैं। जैसे मां के शरीर से खून का अधिक बहने या जन्म के तुरंत बाद शिशु का न होना आदि चिंताओं का इलाज घर पर संभव नहीं है। संगिनी ने बताया सभी सेवाएं निशुल्क होने के साथ अस्पताल में प्रसव कराने पर सरकार 1400 सौ रुपए भी देती है।

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