India’s future: मानसिक ग़ुलामी से मुक्ति और भारत का भविष्य: गिरीश्वर मिश्र
स्वतंत्रता की भ्रामक चेतना में ग़ुलाम अपने आका की ख़ुशी में ही अपनी भी ख़ुशी देखता है. ग़ुलामी की सोच या मनोवृत्ति (माइंड सेट) संकुचित या प्रतिबंधित दृष्टि के साथ … Read More
स्वतंत्रता की भ्रामक चेतना में ग़ुलाम अपने आका की ख़ुशी में ही अपनी भी ख़ुशी देखता है. ग़ुलामी की सोच या मनोवृत्ति (माइंड सेट) संकुचित या प्रतिबंधित दृष्टि के साथ … Read More
Independent india: देश या राष्ट्र का भौगोलिक अस्तित्व तो होता है पर वह निरा भौतिक पदार्थ नहीं होता जिसमें कोई परिवर्तन न होता हो। वह एक गत्यात्मक रचना है और … Read More
यह भाषा ही है जो हमारे अनुभव के देश–काल को स्मृति के सहारे एक ओर अतीत से जोड़ती है तो दूसरी ओर अनागत भविष्य को गढ़ने का अवसर देती है. … Read More
आज की स्थिति में धन–बल, बाहु-बल, परिवारवाद के साथ राजनीति के किरदारों की अपराध में संलिप्तता किस जोर-शोर से बढ़ती जा रही है वह चिंता का विषय हो रहा है. … Read More
Bharat ka Amrit Mahotsav Swaraj: जगत के प्रति यह दृष्टि सर्वोदय , स्वराज और स्वतंत्रता के लिए आन्दोलन का प्रमुख आधार था. भारत का अमृत महोत्सव ‘स्वराज’ पाने कि स्मृति … Read More
Limits and possibilities of education in India: सकारात्मक भविष्य की परिकल्पना को केंद्र में रखकर शिक्षा नीति- 2020( Education Policy) राज्य की जन कल्याणकारी योजना के रूप में प्रस्तुत की … Read More
Religion is the way of prosperous life: भारतीय मूल की प्रमुख धार्मिक विचार प्रणालियाँ (सनातन/हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख) धर्म को कर्तव्य, आदर्श, विवेक और औचित्य के सिद्धांतों के पुंज के … Read More
यह अवश्य है कि भारत की एकता भाषा पर ही नहीं टिकी है परन्तु प्राचीन इतिहास में भाषिक विविधता राष्ट्रीय एकता के रास्ते कभी बाधा रही हो ऐसा उल्लेख नहीं … Read More
यह शरीर हमें एक ठोस आधार प्रदान करता है और ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों की सहायता से हम विभिन्न कार्य संपादित करते हैं. मानस (अंत:करण), बुद्धि और अहंकार मिल कर हमारे … Read More
Buddha Purnima: हम सभी अच्छी तरह जीना चाहते हैं परन्तु दिन प्रतिदिन की उपलब्धियों का हिसाब लगाते हुए संतुष्टि नहीं होती है । दिन बीतने पर खोने पाने के बारे … Read More