Lord Shiva

Second Monday of Sawan: आज सावन का दूसरा सोमवार, पूजा में न करें यह गलतियां, रखें यह ध्यान

Second Monday of Sawan: भगवान शिव सावन में आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं

धर्म डेस्क, 02 अगस्तः Second Monday of Sawan: इस समय सावन का महीना चल रहा है। भगवान शिव सावन में आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। लेकिन आपकी छोटी सी गलती उनको नाराज कर सकती हैं। इसलिए हर शिवभक्त को इससे सतर्क रहना चाहिए।

Second Monday of Sawan: शिवा पूजा में बहुत सी चीजें ऐसी अर्पित की जाती है जो अन्य किसी देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाई जाती जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग धतुरा आदि। इसी तरह शिवा पूजा में कई ऐसी चीजें होती है जो आपकी पूजा का फल देने की बजाय आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं।

सावन सोमवार व्रत विधि

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Second Monday of Sawan: सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें साथ ही माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं। पंचामृत में रुद्राभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें।

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शिवलिंग पर भांग, आलू, चंदन, धतूरा, चावल चढ़ाएं औऱ सभी को तिलक लगाएं। भगवान शिव को प्रसाद के रूप में घी शक्कर का भोग लगाएँ। दीप, धूप से भगवान गणेश की आरती करें। अंत में भगवान शिव की आरती कर प्रसाद का वितरण करें।

शिव पूजा की सामग्री

Second Monday of Sawan: सावन मास की सोमवार को भगवान शिव की पूजा के दौरान फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, आम्र मंजरी, जौ की बालें, बेर, मंदार पुष्प, तुलसी दल, ईख का रस, गाय का कच्चा दूध, रूई, धूप, दीप, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।

इन बातों का रखें खास ख्याल

शंख भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था जिससे शंख को शिव की पूजा में वर्जित माना गया हैं। भगवान शिव को कनेर और कमल के अलावा कोई लाल रंग के अन्य फूल प्रिय नहीं है। भगवान शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध माना गया हैं।

शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती हैं। हल्दी का उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरातत्व का प्रतीक है जिसकी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती। नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए क्योंकि नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता हैं।

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