भारत में खेली जानेवाली होली (Holi) की अनोखी परंपरा के बारे में जानिए सबकुछ, पढ़ें पूरी खबर
देेशभर में कोरोना महामारी प्रकोप के बीच होली (Holi) खेली जा रही है
नई दिल्ली, 29 मार्चः देश में होली मनाई जाने की अपनी अद्भुत परंपरा है। यहाँ देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग अंदाज में होली मनाई जाती है। आइए जानें इसकी अनोखी परंपरा के बारे में सबकुछ।
मथुरा, वृदांवन और बरसाने की होली के बारे में तो सबने ही सुना हैं। यहाँ की होली भारत की नहीं अपितु विदेशों में भी मशहूर है। यहाँ होली खेलने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसी प्रकार भारत के अन्य राज्यों में भी होली खेलने के अंदाज अलग-अलग है।
उत्तरप्रदेश में खेली जानेवाली होली फाग और लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध हैं। यहाँ मथुरा, वृदांवन, नंदगांव, गोकुल और बरसाने की होली की अलग ही धूम रहती है। बरसाने की होली में तो पूरा वृज रंगीला हो जाता है। इसकी शुरूआत सोलहवीं शताब्दी से हुई थी। यहाँ होली खोलने के साथ लोकगीत होली गाया जाता है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की होली पूरे देश में चर्चा का विषय है। यहाँ पहले दिन होलिका दहन होता है और दूसरे दिन धुलेटी खेली जाती है। राजस्थान में फागुन महीने में मनाई जानेवाली होलिका यहाँ अलग ही मजा है। यहाँ रंग धमाल के बीच राजस्थानी लोकनृत्य का भी प्रसंग किया जाता है।
राजस्थान के सिंकड़ जिले के कावढ की होली तो अजब-गजब देखने को मिलती है। यहाँ शेखावाटी की धरा पर कई लुभावनी परंपराएं, संस्कृति का जींवत परिचय देती है। कावट में अनेक कलाकार स्वांग रचाकर लोगों का भरपूर मनोरंजन करते हैं।
इस स्वांग में एक युवा को दूल्हे की तरह सजाकर पीछे की ओर मुंह करके घोड़ी पर बैठाया जाता है। बाद में बैंड-बाजा के साथ दुल्हे की बिंदौरी निकाली जाती है। यह बिंदौरी गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए सौनी मोहल्ले में चल रहे ख्याल में पहुँचती है। बाद में दुल्हे की मंच पर शादी करवाई जाती है। शादी के दौरान की हंसी-ठिठौली को देखकर लोग हंसकर लोटपोट हो जाते है।
इस तरह गुजरात, महाराष्ट्र में होली का त्योहार कई तरीकों से मनाया जाता है। यहाँ होली को कई नामों से पुकारा जाता है। महाराष्ट्र में होली को फाल्गुन पूर्णिमा और रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस तरह गुजरात में होली को गाविदां होली की खासी धूम रहती है
मणिपुर का योसंग त्योहार को होली उत्सव कहते हैं। यह उत्सव 6 दिन तक चलता है। इस दौरान पारंपरिक खानों का आनंद लिया जाता है। यहाँ दो दिन तक होली मनाई जाती है।
तमिलनाडु में होली कामदेव के बलिदान के रूप में मनाया जाता है। यहाँ होली को कामन पोडिगई भी कहा जाता है। कर्नाटक में होली को कामना हब्बा के रूप में मनाने की परंपरा है।
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