Three day international seminar at BHU: बीएचयू में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

Three day international seminar at BHU: मुद्राओं के इतिहास पर बीएचयू में 26 से जुटेंगे अंतरराष्ट्रीय मुद्राशास्त्री

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 25 फरवरीः Three day international seminar at BHU: मुद्राएं इतिहास के बारे में जानकारी की महत्वपूर्ण स्रोत हैँ। आकार प्रकार में छोटी होने के बावजूद उनके आन्तरिक और बाह्य अध्ययन से इतिहास के बहुत सारे पक्षों को पुनः परिभाषित किया जा सकता है। स्वतंत्रता के बाद मुद्राओं के बाह्य पक्ष पर तो बहुत सारे कार्य हुए, जैसे उन पर प्राप्त लेखों, अंकनों का अध्ययन इत्यादि लेकिन उनके आंतरिक पक्ष जैसे धातु, धात्विकी विज्ञान, तकनीक इत्यादि पक्षों पर गंभीर अध्ययन की आवश्यकता है।

उपरोक्त विषयों और प्रश्नों पर मंथन के लिए सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, भारतीय मुद्रा परिषद, बीएचयू इकाई और ज्ञान प्रवाह के संयुक्त तत्वावधान में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 26 से 28 फरवरी 2023 तक आयोजित की जा रही है। सामाजिक विज्ञान संकाय की प्रमुख व संगोष्ठी की आयोजन सचिव प्रो. बिन्दा पंराजपे के अनुसार इस संगोष्ठी में कुल पन्द्रह विद्वान देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे हैं जो तीन दिन तक इस विषय पर मंथन करेंगे।

संगोष्ठी के समन्वयक डाॅ. अमित कुमार उपाध्याय ने बताया है कि प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था को केन्द्र में रखकर सम्पूर्ण दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में मुद्रा, मौद्रिकी और मौद्रिक इतिहास को समझना बहुत महत्वपूर्ण है जो इन देशों के मध्य आर्थिक संबंधों को समझने में सहायक होगा। मुद्राओं का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष उनकी तकनीक है जो प्राचीन काल से लेकर आज तक अपरिवर्तित है।

अर्थव्यवस्था के संदर्भ में इसकी व्याख्या कैसे हो?

Three day international seminar at BHU: सिक्कों के निर्माण की डाई क्या अर्थव्यवस्था को समझने में सहायक हो सकती है? धात्विक मुद्रा के साथ-साथ मौद्रिक प्रणाली में और कौन से वस्तुएं थी जो मुद्राओं के तरह व्यवहार में लाई जाती थी? इनका आपस में अन्र्तसम्बन्ध क्या था? हम कैसे पहचानते है कि प्राचीन मुद्राओं का अंकित मूल्या क्या है? ये सब प्रश्न इस गोष्ठी में विचार के लिए प्रस्तुत होंगे।

संगोष्ठी के दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों में कैलिफोर्निया, श्रीलंका, बांग्लादेश, मकाउ देशों से आए मुद्राशास्त्रियों समेत अनेक विद्वान विचार मंथन करेंगे।

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