Seemapuri zonal revenue office: दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने सीमापुरी जोनल राजस्व कार्यालय का औचक निरीक्षण किया
Seemapuri zonal revenue office: दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने उपभोक्ताओं से बात कर उनके बिलों की जांच की और अनियमित बिलिंग के लिए मीटर रीडर को निलंबित किया
नई दिल्ली, 20 सितंबरः Seemapuri zonal revenue office: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा को लोगों से सीमापुरी, सुंदर नगरी जैसे आसपास के क्षेत्रों में बढ़े हुए बिलिंग की शिकायतें मिलीं। इसके बाद राघव चड्ढा ने एनई-1 जीटीबी एन्क्लेव जोनल राजस्व कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने ट्विटर हैंडल पर मिलीं शिकायतों के बारे में भी बात की।
राघव चड्ढा ने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि कोविड-19 के दौरान पिछले कुछ बिलिंग राउंड में गलत वाटर मीटर रीडिंग के आधार पर बिल जेनरेट किए जा रहे हैं। ऐसे सभी बिलों के एल्गोरिदमिक रुझानों को अधिकारियों द्वारा जांचना होगा, ताकि उपभोक्ता 20 केएल योजना का लाभ उठा सकें।
इस गलत बिलिंग का डीजेबी के बिलिंग प्रक्रिया पर गलत प्रभाव पड़ता है। यहां मौजूद प्रत्येक कर्मचारी के लिए यह समझना बेहद आवश्यक है कि पानी मीटर के संबंध में टैबलेट पर दी गई सभी जानकारी सही होनी चाहिए। पानी मीटर की जो रीडिंग लेता है वह सरकार और उपभोक्ताओं के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु है।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि मैंने उन सभी उपभोक्ताओं से बात की जो क्षेत्रीय कार्यालय में थे, ताकि उनकी शिकायतों को बेहतर ढंग से समझा जा सके। इसके अलावा राजस्व प्रबंधन प्रणाली में उन सभी बिलों को देखा। इस संबंध में जेडआरओ और जेटी को राजस्व क्षेत्र के सभी घरों का पुनरीक्षण करने का निर्देश दिया। मीटर रीडिंग की स्वयं ठीक से जांच करें और एक सप्ताह के भीतर बिल संबंधी सभी शिकायतों का समाधान करें। यदि एक सप्ताह में बिलों का समाधान नहीं किया जाता है तो जेडआरओ को निलंबित कर दिया जाएगा।
इस दौरान राघव चड्ढा ने उपभोक्ता के घर पर वाटर मीटर रीडर द्वारा मीटर को फिजिकल रूप से पढ़ने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डीजेबी के 1 हजार से अधिक मीटर रीडर हैं। ऐसे में जेडआरओ और संयुक्त निदेशक को इस प्रक्रिया में शामिल होने की आवश्यकता है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक मीटर रीडर साइट पर शारीरिक रूप से उपस्थित रहे और मीटर रीडिंग के महत्व को लेकर संवेदनशील रहे। क्योंकि वे डीजेबी की छवि निर्माण का महत्वपूर्ण बिंदु संपर्क हैं। उन्हें अत्यधिक प्रोफेशनल होकर अपना काम करना चाहिए।
राघव चड्ढा पानी के बिलों को लेकर काफी सख्त थे। उन्होंने कहा कि औसतन पानी के बिलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड की जिम्मेदारी है कि केजरीवाल सरकार के दिल्ली वासियों को चौबीसों घंटे पानी उपलब्ध कराने के वादे को पूरा करने के साथ 25 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को सही बिल जारी किए जाएं। जिससे उन्हें डीजेबी से कोई शिकायत न रहे। इस तरह का भ्रष्टाचार डीजेबी के किसी भी जोन में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दिल्ली जल बोर्ड की नीति के अनुसार यदि मीटर रीड की स्थिति ठीक नहीं है तो उस विशेष रीड को औसत रीड के रूप में माना जाता है और औसत आधार पर बिल जेनरेट किया जाएगा। ऐसे कई उदाहरण हैं जब दिल्ली जल बोर्ड के उपभोक्ता के लिए एक औसत बिल जारी किया जाता है। उदाहरण के लिए जब मीटर लॉक होता है या उपभोक्ता पानी के बिल की रीडिंग लेने के समय घर पर नहीं होता है, तब औसत बिल जारी किया जाता है। केवल ऐसे विशेष मामलों में डीजेबी एक औसत बिल जारी करने की अनुमति देता है।
राघव चड्ढा ने सभी 41 जेडआरओ को पहले से उपलब्ध एंड्रॉइडआधारित टैबलेट का अधिकतम उपयोग करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि डीजेबी की बिलिंग प्रणाली में पारदर्शिता को अधिकतम करने के लिए बिल तैयार करने के लिए टैबलेट का 100 फ़ीसदी उपयोग होना चाहिए।
दिल्ली जल बोर्ड उन कुछ संगठनों में से है जहां बिल तैयार करना और भुगतान, तुरंत एंड्रॉइड-आधारित टैबलेट के माध्यम से किया जाता है। ये टैबलेट अक्षांश और देशांतर के साथ-साथ पानी के मीटर की फोटो लेते हैं। रीडिंग फीड किए जाते वक्त खपत के आधार पर बिल की गणना करती है, जिसके बाद बिल उपभोक्ता को दिया जाता है।
दिल्ली जल बोर्ड के पूरी दिल्ली में 41 जोन हैं। जहां करीब 1,000 मीटर रीडर्स 25 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के पानी का बिल जेनरेट करते हैं। पानी का बिल दो माह में दिया जाता है। बिलिंग के संबंध में उपभोक्ता किसी भी शिकायत के लिए 1916 पर कॉल कर एक्सटेंशन नंबर 2 पर संपर्क सकते हैं। इसके अलावा, उपभोक्ता राजस्व प्रबंधन प्रणाली (आरएमएस) की वेबसाइट www.djb.gov.in पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।