Prof. Anurag Dave

Prof. Anurag Dave: मीडिया का निष्पक्ष रूप से कार्य करना लोकतंत्र हेतु अहम शर्त

प्रो. अनुराग दवे (Prof. Anurag Dave) ने भारतीय आर्थिक सेवा के नवनियुक्त प्रशिक्षु अधिकारियों को किया संबोधित

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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 09 मई:
Prof. Anurag Dave: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित कला संकाय के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के प्रोफेसर अनुराग दवे ने भारतीय आर्थिक सेवा के नवनियुक्त प्रशिक्षुओं को मीडिया और लोकतंत्र के विषय पर संबोधित किया। महाराष्ट्र के पुणे स्थित प्रतिष्ठित गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स में भारतीय आर्थिक सेवा में चयनित अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रो. दवे ने दो सत्रों में व्याख्यान दिया.

उन्होंने मीडिया अर्थशास्त्र, मीडिया के सामाजिक उतरदायित्व और चुनौतियों, एक सतर्क प्रहरी के रूप में मीडिया की भूमिका जैसे प्रासंगिक विषयों पर विचार साझा किये। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 18 अधिकारी शामिल हुए। गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स भारत में अर्थशास्त्र का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है।

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प्रो. अनुराग दवे ने अपने व्याख्यान में बताया कि तमाम चुनौतियों व दबाव के बीच मीडिया का निष्पक्ष रूप से कार्य करना तथा अपनी प्रासंगिकता सिद्ध करना एक स्वस्थ व सशक्त लोकतंत्र की अहम शर्त है। उन्होंने बताया कि मीडिया विभिन्न तरह के दबावों का सामना करता है, जिनमें राजनीतिक, सामाजिक आर्थिक या बाजार जनित, तमाम चुनौतियां शामिल होती हैं, ऐसे में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका बदलते दौर के साथ साथ और महत्वपूर्ण होती जा रही है।

प्रो. दवे ने कहा कि आज मीडिया विभिन्न स्वरूपों में दिखता है और इसका श्रेय तकनीक के आधुनिकीकरण को जाता है। इस आधुनिकीकरण ने मीडिया को सशक्त तो बनाया है लेकिन इसके कई नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते है, जैसे मीडिया सामग्री पर बाज़ार शक्तियों का बढ़ता असर।

इस कार्यक्रम में प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद के दौरान मीडिया की ज़िम्मेदारी और जवाबदेही जैसे प्रश्नों पर विचार साझा किये गए। अपने व्याख्यान के दौरान प्रो. दवे ने यह भी बताया कि किस तरह मीडिया का अर्थशास्त्र अन्य अर्थशास्त्र से अलग है। सत्रों के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने मीडिया अर्थशास्त्र विषय को लेकर काफी उत्सुकता दिखाई।

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