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Nutritional rehabilitation center in mau: बच्चों को सुपोषित बना रहा पोषण पुनर्वास केंद्र

Nutritional rehabilitation center in mau: एनआरसीने छह साल में 739 बच्चों को दी स्वस्थ जिन्दगी

मऊ, 19 अगस्तः Nutritional rehabilitation center in mau: बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए सरकार द्वारा लगातार हर स्तर पर हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) जिला अस्पताल पुरुष में 26 अप्रैल 2016 से स्थापित है, यहाँ अब तक 739 बच्चों को स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा चुका है। इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक लाने में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम व ग्रामीण इलाकों में कार्य करने वाली आशा और आंगनबाड़ी का महत्वपूर्ण योगदान है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गिरिजेश चंद्र पाठक ने दी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) अजीत कुमार सिंह ने बताया कि जनपद के आशा और आंगनबाड़ी के सहयोग से इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल 2022 से अबतक 72 बच्चों को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग के सहयोग से अबतक कुल 263 बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र का लाभ मिला है।

Nutritional rehabilitation center in mau: केंद्र पर कुपोषित बच्चों का 14 दिनों तक भर्ती कर उन्हें पोषण युक्त खाद्य पदार्थ डाईट चार्ट के अनुसार दिया जाता है, जिससे कि बच्चे के शरीर में जल्द से जल्द पोषक तत्व की कमी को पूरा किया जा सके। बच्चों के इलाज के साथ ही उनके परिजनों की भी काउंसलिंग की जाती है।

प्यारेपुर कोपागंज की रहने वाली रानी अंकुश की माँ और पिता जीतेंद्र ने बताया कि उनके 2.5साल के अंकुश का वजन 8 किलोग्राम था, 10 दिन भर्ती के बाद बढ़कर 9.2 किग्राग्राम हो गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अफसाना खातून के सलाह पर इस केंद्र में भर्ती कराया गया था इसका बहुत लाभ मिला। करीब पौने पांच वर्षीय इस्तियाक के पिता गुड्डू ने बताया कि जब उसके बेटे को भर्ती कराया गया था तो उसका वजन 11.5 किग्रा था, सात दिन बाद 11.670 किग्रा हो गया।

आरबीएस के फतेहपुर मंडाव ब्लाक की कुपोषित बच्ची तीन वर्षीय फरजाना के पिता प्रसुल्लाह ने बताया कि भर्ती के समय उनकी बेटी का वजन 7.8 किग्रा था, सात दिन में 8.320 किग्रा वजन हो गया था। डॉ एमपी सिंह नोडल अधिकारी व एनआरसी प्रभारी ने बताया कि वह खुद भी भ्रमण कर बच्चों के इलाज के बारे में जानकारी लेते हैं। इसके साथ ही बच्चे के परिजनों को उनके खानपान, रहन सहन और बच्चों की ‘कैसे देखभाल करें’ इसकी काउंसलिंग भी की जाती है।

कुपोषित बच्चों को न्यूनतम 14 दिन और अधिकतम 28 दिन तक इस केंद्र में रखा जाता है और यहाँ से छुट्टी होने के बाद उनके घर पर 15-15 दिनों पर फॉलोअप भी किया जाता है। वहीं इनके आने जाने के लिए 140 रुपये प्रति बच्चा अभिभावक के खाते में दिया जाता है, जबकि 14 दिन तक भर्ती होने के दौरान प्रतिदिन 50 रुपये के हिसाब से उनकेपरिजन के पंजीकृत खाते में भेजे जाते हैं।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अरविंद वर्मा ने बताया इस पोषण पुनर्वास केंद्र में अबतक 432 बच्चे आरबीएसके के द्वारा 51 अन्य बच्चों को ओपीडी के द्वारा रेफर कर लाभान्वित किए जा चुके हैं।

जिला चिकित्सालय के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस पी नारायण ने बताया कि यहां पर आए हुए कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण कैटेगरी के अनुसार खानपान दिया जाता है, जिसमें दूध के अलावा खिचड़ी, हलवा, खीर और अन्य खाद्य पदार्थ जो इनके स्वस्थ होने में लाभकारी हों,उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा कुपोषित बच्चे के साथ आए एक परिजन को भी भोजन निःशुल्क कराया जाता है।

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