Mau Hospital

Mau tuberculosis search operation: मऊ क्षय रोगी खोजी अभियान की उपलब्धियां, छः दिनों के भीतर ही मिले इतने टीबी मरीज

Mau tuberculosis search operation: अभियान के तहत छः दिनों के भीतर ही मिले 65 टीबी के मरीज, शुरू किया गया उपचार

मऊ, 15 मार्चः Mau tuberculosis search operation: जनपद में 9 मार्च से चल रहे सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान (Mau tuberculosis search operation) में अब तक 2,47,056 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें टीबी के 65 मरीज मिले हैं, जिनका उपचार शुरू हो चुका है। यह जानकारी डॉ श्याम नारायण दुबे मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दी।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसपी अग्रवाल द्वारा बताया कि जिले में सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान (Mau tuberculosis search operation) के कुल आबादी के 20 फीसदी के 2.47 लाख लोगों के स्क्रीनिंग के पश्चात टीबी के संभावित 1,241 लोगों के बलगम (स्पुटम) की जाँच की गई और 41 संदिग्ध रोगियों के एक्सरे के मध्यम से परिक्षण किया गया, जिसमें 65 नये सक्रिय टीबी के मरीज मिले जिनका तुरंत उपचार शुरू कर दिया गया है।

Mau 1

टीबी की जांच के लिए जनपद  में उच्च तकनीक युक्त 2 सीबीनॉट मशीने उपलब्ध हैं, जो एक राजकीय टीबी क्लीनिक में तथा दूसरी सीएचसी घोसी में कार्य कर रही हैं। वहीं रजिस्टर्ड मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत खाते में 500 रुपये प्रति माह पौष्टिक आहार के लिये दिया जाता है।

क्या आपने यह पढ़ा…… Chair of excellence: जनरल रावत की याद में स्थापित की जाएगी ‘चेयर ऑफ एक्सीलेंस’, पढ़ें पूरी खबर

डॉ अग्रवाल ने बताया कि सामान्यतय: टीबी के यह लक्षण जो एक बार में पहचाने जा सकते हैं। दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द, बलगम के साथ खून आना आदि इसके मुख्य लक्षण हैं।

टीबी के मरीजों को खांसते व् छींकते समय नाक व् मुंह को कपडें से ढँक कर रखें और इधर-उधर न थूकें, जिससे यह अन्य लोगों में न फैले। इसमें से किसी तरह के लक्षण दिखाई देने पर सीधे अपने निकटतम सेंटर पर पहुँच कर इलाज़ करा सकते हैं।

डीपीपीएमसी जयदेश यादव ने बताया कि जिले में चल रहे सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान के तहत पूरे जिले के मलिन बस्तियों, ईट भट्टा, सीलन भरी जगहों बुनकर आबादी के बीच जाकर इस अभियान को चलाया जा रहा है, इसकी प्रत्येक दिन शाम को जिले के ब्लाकों पर तैनात सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, एसटीएलएस, टीबी-एचबी की सीएमओ और डीटीओ की अध्यक्षता में बैठक कर प्रगति की जानकारी लेकर उसका समाधान किया जाता है।

Hindi banner 02