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Mau national tuberculosis eradication program: मऊ में टीबी मरीजों को पौष्टिक खाद्य पदार्थों के सेवन हेतु किया जा रहा जागरूक

Mau national tuberculosis eradication program: सरकार सक्रिय टीबी के मरीजों को पोषण के लिये देती है 500 रुपये

मऊ, 07 सितंबर: Mau national tuberculosis eradication program: जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्षय रोग लक्षण वाले मरीजों को चिन्हित करने के साथ संभावित रोगियों की जांच कराने और पुष्टि होने पर नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। बुनकर बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में टीबी को लेकर जन आंदोलन के रूप में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पोषण माह में उन्हें पौष्टिक खाद्य पदार्थों के सेवन के लिये आर्थिक सहयोग समेत उन्हें जागरूक किया जा रहा है। यह जानकारी नवागत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेश अग्रवाल ने दी।

सीएमओ डॉ अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2025 तक जिले को क्षय रोग मुक्त बनाना है। इस दिशा में विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पोषण माह के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी रोग के प्रति जागरूक करेंगी। साथ ही बीमारी की पुष्टि होने पर उन्हें पोषाहार और सरकार की ओर से नि:शुल्क मुहैया करवाया जाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी नोडल डॉ गिरजेश चंद्र पाठक ने बताया कि क्षय रोगियों को पोषण निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह पंजीकृत बैंक के खाते में दिए जाते हैं। कुपोषित शरीर में टीबी होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। टीबी हो जाने पर दवाओं के साथ पोषक तत्वों की मात्रा इस रोग पर जल्द काबू कर लेती है और रोगी के ठीक होने में सहायक होती है।

जिला क्षय रोग अधिकारी नोडल डॉ गिरजेश चंद्र पाठक ने बताया कि अभी तक हम टीबी रोगियों के एक्टिव केस के बेहतर पोषण के लिये इन मरीजों को इलाज के दौरान बेहतर पोषण निक्षय पोषण योजना के तहत रु 500 प्रतिमाह पंजीकृत बैंक के खाते में दिए जाते हैं। कुपोषित शरीर में टीबी होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। टीबी हो जाने पर दवाओं के साथ पोषक तत्वों की मात्रा इस रोग पर जल्द काबू कर लेती है और रोगी के ठीक होने में सहायक होती है।

डॉ जी.सी. पाठक ने बताया कि इन सामान्य लक्षणों पर तुरंत जांच करायें जैसे दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खाँसी का आना, खाँसी के साथ बलगम का आना, बलगम के साथ खून आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूंख कम लगना, सीने में दर्द आदि।

यदि इनमें से कोई भी लक्षण मिलता है तो स्वयं भी अपने नजदीकी टीबी केंद्र पर आकर जाँच करा कर निःशुल्क इलाज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे कि टीबी के मरीज को खांसते व छींकते समय नाक व मुंह को कपडें से ढँककर रखें और इधर-उधर न थूकें जिससे यह अन्य लोगों में न फैले।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यकम के पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक जय देश यादव ने बताया कि जिले में वर्ष 2022 जनवरी से अभी तक जिले में निजी क्षेत्र से 919 राजकीय क्षेत्र से 1984 समेत कुल टीबी के 2903 मरीज मिले हैं। सभी के पंजीकृत 592 मरीजों के रजिस्टर्ड खातों में 1072500 रुपये भेजे जा चुके हैं।

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