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Mahatma gandhi international hindi university: हिंदी विश्वविद्यालय में बनेगा भारतीय भाषाओं में विधि शिक्षा प्रदान करने का अंतरराष्ट्रीय केंद्र

Mahatma gandhi international hindi university: वकालत की कला में दक्ष अधिवक्ता तथा न्याय प्रदान करने में सक्षम न्यायाधीश का निर्माण करना इस केंद्र का कार्य होगा

वर्धा, 24 मईः Mahatma gandhi international hindi university: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की अपेक्षाओं के अनुरूप मातृभाषा में पठन-पाठन की भावना को बलवती करते हुए प्रथतमः हिंदी तथा आगामी वर्षों में संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित अन्य भारतीय भाषाओं में विधि शिक्षा प्रदान करने का एक अंतराष्ट्रीय केंद्र स्थापित करने का संकल्प किया है। वकालत की कला में दक्ष अधिवक्ता तथा न्याय प्रदान करने में सक्षम न्यायाधीश का निर्माण करना इस केंद्र का कार्य होगा।

विदित है कि इस वृहद लक्ष्य को अभि लक्ष्य कर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने सत्र 2021-22 से हिन्दी भाषा में बी.ए.एलएल.बी कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। आने वाले वर्षों में बार कौंसिल आफ इण्डिया की अनुमति से विश्वविद्यालय अन्य भारतीय भाषाओं में विधि शिक्षा प्रदान करने पर गंभीरतापूर्वक यत्न कर रहा है। प्रारंभ में मराठी, गुजराती, तेलुगू और बांगला भाषा में बी.ए.एलएल.बी. कार्यक्रम प्रारंभ करने की विश्वविद्यालय की योजना है।

Mahatma gandhi international hindi university: विश्वविद्यालय के विधी विद्यापीठ के अंतर्गत इस पाठ्यक्रम को संचालित किया जा रहा है। विधिक शिक्षा को न्याय शिक्षा के रूप में विकसित किया जाय जिससे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक परिवर्तन का संवैधानिक संकल्प सिद्ध किया जा सके।

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विधिक व्यवस्था में ऐसे घटकों का अवदान करेें जो राष्ट्र और समाज में न्याय, स्वतंत्रता और बन्धुत्व के संवैधानिक लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना अवदान प्रस्तुत कर सकें। विश्वविद्यालय अधिवक्ता के कलेवर में समाज के समक्ष न्याय प्रदाता अभिकर्ता के रूप में अपने स्नातकों को प्रस्तुत करने के लिये प्रतिबद्ध है।

Mahatma gandhi international hindi university: विधि विद्यापीठ के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी में विधिक शिक्षा का संचालन करना शामिल हैं। समस्त विधिक प्रक्रिया का अंतिम लक्ष्य है न्याय अवदान, जिसमें न्यायालय के साथ-साथ अधिवक्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। परन्तु इससे भी महत्वपूर्ण है न्याय प्राप्तकर्ता की संतुष्टि और यह तभी सम्भव है जब उसे न्याय उसकी भाषा में प्रदान किया जाए।

Mahatma gandhi international hindi university: न्याय अवदान प्रणाली जब तक अबूझ भाषा में कार्य कर रही है तब तक न्याय प्राप्तकर्ता निर्णय तो प्राप्त कर लेता है लेकिन भाषा की सम्यक समझ न होने के कारण अपने को न्याय से वंचित महसूस करता है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि न्याय अवदान प्रणाली को स्वीकार्य बनाने के लिए इसे राजभाषा हिन्दी के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं में प्रदान किया जाय।

इस सर्वजन स्वीकार्य लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सबसे पहली आवश्यकता है कि ऐसे अधिवक्ता एवं न्यायाधीशगण निर्मित किये जायें जो हिन्दी सहित भारतीय भाषाओं में दक्ष हों। विश्वविद्यालय ने राजभाषा हिन्दी सहित भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित समस्त भारतीय भाषाओं में विधिक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सत्र 2021-22 से बी.ए.एलएलबी. कार्यक्रम प्रारंभ किया है।

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