Launch of Dr. Rachna Srivastavas book

Launch of Dr. Rachna Srivastava’s book: कौटिल्य का लेखन संतुलित, लोक हितकारी और सर्व समाहारी है.. प्रो शदाशिव द्विवेदी

Launch of Dr. Rachna Srivastava’s book: वी के एम की प्राचार्या प्रो रचना श्रीवास्तव द्वारा रचित पुस्तक ‘कौटिल्य प्रणीत शासन कला एवं मंडल सिद्धांत’ लोकर्पित

  • एनी बेसेंट सभागार मे आयोजित भव्य लोकार्पण समारोह मे उपस्थित हुए शैक्षणिक एवं प्रशासनिक जगत के विशिष्ट जन
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 30 सितंबर
: Launch of Dr. Rachna Srivastava’s book: वसंत कन्या महाविद्यालय, कमच्छा के प्रतिष्ठित एनी बेसेंट सभागार में महाविद्यालय की प्राचार्या तथा प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र विभाग, डॉ रचना श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक ‘कौटिल्य प्रणीत शासन कला एवं मंडल सिद्धांत’ का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत अध्ययन केंद्र(का.हि.वि. वि.) के निदेशक एवं ख्याति विद्वान प्रोफेसर सदाशिव द्विवेदी तथा सारस्वत अतिथि के रूप में प्रोफेसर एच पी माथुर, पूर्व संकाय प्रमुख, प्रबंध शास्त्र संकाय तथा उपाध्यक्ष, वी. डी. ए. पुलकित गर्ग उपस्थित रहे। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान संकाय की प्रमुख प्रोफेसर बिंदा परांजपे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

पुस्तक के लोकार्पण पर शुभेच्छा प्रेषित करते हुए महाविद्यालय की प्रबंधक उमा भट्टाचार्या ने लेखिका को समयोचित विषय चयन की बधाई दी। कार्यक्रम का आरंभ संगीत गायन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीमा वर्मा निर्देशित कुलगीत की मधुर प्रस्तुति से हुआ।

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अतिथियों का स्वागत एवम् विषय प्रवर्तन करते हुए लेखिका प्रोफेसर रचना श्रीवास्तव ने कहा कि कौटिल्य का चिन्तन इतिहास और भविष्य के बीच की चिरंतन कड़ी है। उन्होंने कौटिल्य के देश-चिंतन को वैज्ञानिक, तार्किक कालजयी कहा और अपने पुस्तक लेखन की यात्रा के अनुभव साझा किए।

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मुख्य अतिथि प्रोफेसर सदाशिव द्विवेदी ने कहा कि कौटिल्य का लेखन संतुलित, लोक हितकारी और सर्व-समाहारी है। इसी प्रकार यह पुस्तक भाषा और भाव की गरिमा से युक्त है। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर एच पी माथुर ने कहा कि कौटिल्य विश्व इतिहास के प्रथम और सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन विशेषज्ञ माने जाने चाहिए। वी डी ए के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और मंडल सिद्धांत की समसामयिक प्रासंगिकता को रेखांकित किया और लेखिका को बधाई दी।

प्रोफेसर बिंदा परांजपे ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि यह पुस्तक निश्चय ही अध्येताओं और आम जनमानस को अपनी अविच्छिन्न ज्ञान परम्परा से जोड़ने का महत्त्वपूर्ण कार्य करेगी।

कार्यक्रम में श्री एस. सुंदरम, डॉक्टर मंजू सुंदरम, डॉ कमला पांडेय, वी नारायणन, एस एल दर, डाक्टर प्रीति सिंह, शेखर श्रीवास्तव, वसंत कन्या महाविद्यालय तथा वसंत कन्या इंटर कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा नगर और शिक्षा जगत के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। लोकार्पण समारोह का कुशल मंच संचालन डॉक्टर आरती चौधरी तथा डॉक्टर शुभांगी श्रीवास्तव ने किया ।

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