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Gujarat Sports Infrastructure: 20 सालों में गुजरात ने खड़ा किया वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर

Gujarat Sports Infrastructure: राज्य का खेल बजट 2002 में मात्र ₹ 2.5 करोड़ की तुलना में आज बढ़कर ₹ 250 करोड़ रुपए हुआ

  • Gujarat Sports Infrastructure: खेल महाकुंभ बना एशिया का सबसे बड़ा ग्रासरूट टैलेंट आइडेंटिफिकेशन एंड डेवलपमेन्ट प्रोग्राम
  • 36वें राष्ट्रीय खेलों में रिकार्ड स्तर पर 20,000 खिलाड़ी, कोच और अधिकारी सेवाओं के दल के साथ 36 स्पोर्ट्स डिसिप्लिन्स का हो रहा है आयोजन

गाँधीनगर, 2 अक्टूबर: Gujarat Sports Infrastructure: देश में 36वें राष्ट्रीय खेल का आग़ाज हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 सितम्बर को गुजरात के अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम से 36वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया। गुजरात के इतिहास में यह पहली बार है कि इस राज्य में इतना बड़ा कोई खेल आयोजन किया जा रहा है। सामान्यतः ऐसे बड़े खेल आयोजनों की तैयारी के लिए लगभग 1 से 3 साल का समय लिया जाता है लेकिन राज्य की भूपेन्द्र पटेल सरकार ने मात्र 3 महीने से भी कम समय में इस खेल आयोजन की तैयारी की है जो कि अपने आप में एक प्रशंसनीय है।

आइए, जानते हैं कैसे गुजरात ने की इस आयोजन तैयारी की और कैसे गुजरात खेल क्षेत्र में वैश्विक केन्द्र बनने की ओर आगे बढ़ रहा है।

बेहतर स्पोर्ट्स इन्फ्रा ने खेल आयोजन को लेकर राह बनाई आसान
मात्र 3 महीने में राष्ट्रीय खेल जैसे बड़े आयोजनों की तैयारी कर लेने के पीछे गुजरात में वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता है।
पिछले कुछ सालों में गुजरात सरकार ने राज्य में विभिन्न वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़े किए हैं। आकंड़ों को देखें तो 2002 से पहले पूरे गुजरात में केवल 3 स्पोर्ट्स सेंटर थे वहीं 2022 में गुजरात के 19 ज़िलों में मल्टीपर्पज इंडोर हॉल और आउटडोर खेलों के लिए कई सरकारी परिसर उपलब्ध हैं।

Gujarat Sports Infrastructure: 36वाँ राष्ट्रीय खेल राज्य के 6 शहरों में आयोजित किया जाना है और इन सभी 6 शहरों में बेहतरीन खेल सुविधाएँ पहले से ही उपलब्ध होने के कारण राज्य सरकार ने इतने कम समय में इतने बड़े खेल आयोजन को मूर्त रूप देने में सफलता पाई है। विशेष रूप से अहमदाबाद के नारनपुरा में स्थापित खेल परिसर ओलंपिक स्तर की सुविधाओं वाला है और खेल की अति आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। गुजरात सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में वह हर ज़िले में एक खेल परिसर उपलब्ध कराएगी।

इसके अलावा,(Gujarat Sports Infrastructure) खेल के क्षेत्र में खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से गुजरात सरकार ने 2011 में स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी की स्थापना की। इस स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी में पिछले ढाई सालों की बात करें तो 3500 से अधिक छात्रों ने स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी में नामांकन कराया है। इस विश्वविद्यालय से 14 से अधिक संस्थान संबद्ध हैं।
खेल के क्षेत्र में राज्य के बजट की बात करें तो 2002 में, राज्य का खेल बजट केवल मात्र 2.5 करोड़ रुपए था जो अब बढ़कर 250 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार की शक्तिदूत योजना और डिस्ट्रिक्ट लेवल स्पोर्ट्स स्कूल योजना ने भी राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा और प्रस्फुटित करने में काफी मदद की है।

खेल महाकुंभ ने देश को दिए कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
गुजरात में खेल को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देने और गुजराती समुदाय में व्यवहार परिवर्तन लाने के विचार के साथ, तत्कालीन नरेन्द्र मोदी सरकार ने खेल महाकुंभ की शुरुआत वर्ष 2010 में की थी। पिछले 12 सालों में खेल महाकुंभ ने राज्य को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जैसे टेबल टेनिस खिलाड़ी हरमीत देसाई और टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना, तैराक माना पटेल, धावक सरिता गायकवाड, और हाल ही में टोक्यो पैरालंपिक में टेबल टेनिस खेल में सिल्वर मेडल जीतने वाली भाविना पटेल जैसे कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं।

राज्य सरकार के इस खेल आयोजन की सफलता का अनुमान आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि वर्तमान में खेल महाकुंभ एशिया का सबसे बड़ा ग्रासरूट टैलेंट आइडेंटिफिकेशन एंड डेवलपमेन्ट प्रोग्राम है। खेल महाकुंभ के 11वें संस्करण में 41 लाख खिलाड़ियों की रिकॉर्ड भागीदारी थी, जो 2010 में 13 लाख प्रतिभागियों से भारी वृद्धि को दर्शाता है। इस खेल आयोजन के विजेता खिलाड़ियों को प्रोत्साहन स्वरूप राज्य सरकार आर्थिक पुरस्कार भी देती है।

PM Modi with players

इसके अलावा, राज्य सरकार की शक्तिदूत योजना ने राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का मंच प्रदान किया है। यह योजना राज्य के खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण उपलब्ध कराती है। गुजरात के लगभग 64 ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने राज्य की इस योजना का लाभ लेकर राष्ट्रीय स्तर तक खेलने के लिए पहुँचे हैं।

गुजरात की नई खेल नीति राज्य को बनाएगी वर्ल्ड क्लास स्पोर्ट्स सेंटर
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की सरकार ने राज्य में खेल क्षेत्र को एक नई दिशा देने के के लिए नई गुजरात खेल नीति 2022 को कुछ महीने पहले ही लॉन्च किया है। यह नई नीति एक जीवंत खेल संस्कृति बनाने की बात करती है और राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है। गुजरात सरकार की नई खेल नीति राज्य में खेल के क्षेत्र में उच्च प्रदर्शन केंद्र, खेल उत्कृष्टता केंद्र, प्रत्येक जिले में जिला खेल परिसर, खेल कॉलेज और स्कूल के निर्माण पर भी विशेष जोर देती है ताकि एथलीटों को उनकी स्पोर्ट्स जर्नी में सहायता मिल सके।
यह नई नीति भारत के पहले पैरा-एथलीट केंद्रित उच्च प्रदर्शन केंद्र की स्थापना, पहुंच बढ़ाने के लिए खेल स्थलों पर बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और विशेष रूप से पैरा और विशेष एथलीटों के लिए प्रतिभा पहचान कार्यक्रम आयोजित करने में सक्षम बनाएगी।

36वें राष्ट्रीय खेल में रिकार्ड स्तर पर भाग ले रहे हैं खिलाड़ी
लगभग 20,000 खिलाड़ी, कोच और अधिकारी सेवाओं के दल के साथ 36 स्पोर्ट्स डिसिप्लिन्स 36वें राष्ट्रीय खेलों में भाग ले रहे हैं। यह राष्ट्रीय खेलों के किसी भी संस्करण में खेल विषयों की सबसे अधिक संख्या है। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में योगासन, मलखंब, कबड्डी, तैराकी, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी, गोल्फ, कयाकिंग, ट्रायथलॉन आदि सहित स्वदेशी और आधुनिक दोनों खेल शामिल हैं।

गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पंजाब जैसे राज्यों में सबसे बड़ी टुकड़ी है, जिसमें प्रत्येक टीम में लगभग 400 से 650 खिलाड़ी स्टेडियम और मैदान में अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पूरी प्रतियोगिता के दौरान 7,000 से अधिक एथलीट 36 खेलों में 381 से अधिक स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे और लगभग 1,100 से अधिक पदक हासिल करेंगे।

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