Floating CNG station launched in Varanasi

Floating CNG station launched in Varanasi: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन का हुआ शुभारंभ

Floating CNG station launched in Varanasi: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने रविदास घाट पर नौकाओं के लिए फ्लोटिंग मोबाइल रि-फ्यूलिंग (एमआरयू)  सीएनजी स्टेशन का किया उद्घाटन

  • वाराणसी में नौकाओं हेतु दूसरा सीएनजी स्टेशन
  • पेट्रोलियम मंत्री ने गेल उत्कर्ष केंद्र की छात्राओं के साथ भी की बातचीत

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 27 नवंबर: Floating CNG station launched in Varanasi: प्रदूषण मुक्त वाराणसी हेतु एक महत्वपूर्ण कदम की दिशा में रविदास घाट पर शहर के दूसरे फ्लोटिंग कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मोबाइल रि-फ्यूलिंग यूएनआईटी (एमआरयू) स्टेशन का उद्घाटन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया। नगवा स्थित रविदास घाट पर यह सचल सी एन जी स्टेशन, नमो घाट सीएनजी स्टेशन के पश्चात नौकाओं में सीएनजी भरने के लिए बना देश का दूसरा स्टेशन निर्मित किया गया है।

उक्त दोनों स्टेशनों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नियंत्रणाधीन महारत्न पीएसयू गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। इस अवसर पर गेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप कुमार गुप्ता, निदेशक (मानव संसाधन) आयुष गुप्ता, निदेशक (विपणन) संजय कुमार और अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इसी के साथ, वाराणसी के मुख्य घाटों के दोनों ओर नौकाओं के लिए फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन अब चालू हैं। गेल द्वारा फ्लोटिंग स्टेशनों को लगभग 17.5 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। इस अवसर पर पुरी ने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों और स्वच्छ अक्षय स्रोतों में बदलाव की तत्काल आवश्यकता से जूझ रहे विश्व में, वाराणसी में दूसरे फ्लोटिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर का उद्घाटन व्यवहार्य अक्षय ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मंत्री ने यह भी कहा कि  “इस फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन को स्थापित करने का निर्णय स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में परिवर्तनकारी शक्ति में हमारे विश्वास का प्रमाण है।” रविदास घाट पर सीएनजी स्टेशन के महत्व के बारे में बोलते हुए, पुरी ने कहा कि इससे नाविकों को बड़ी सुविधा मिलेगी क्योंकि उन्हें ईंधन भरने के लिए नमो घाट तक नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत होगी।

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विगत कई वर्षों से वाराणसी घाटों पर नाविक पुराने और कम कुशल पेट्रोल और डीजल इंजनों का उपयोग कर रहे थे, जिन्हें अब किट के साथ नए सीएनजी इंजनों में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे ईंधन दक्षता में सुधार हुआ है।

निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत गेल ने नावों को पर्यावरण अनुकूल ईंधन सीएनजी में बदलने के लिए वाराणसी नगर निगम (वीएनएन) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। अब तक वीएनएन के साथ पंजीकृत 890 में से 735 ऐसी नौकाओं को गेल के सीएसआर कार्यक्रम के तहत 18 करोड़ रुपये की लागत से सीएनजी में परिवर्तित किया गया है।

नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी मदर स्टेशन विश्व में पहला ऐसा सीएनजी स्टेशन है, जो दिसंबर 2021 से चालू है। इस स्टेशन की संपीड़न क्षमता लगभग 15,000 किलोग्राम/दिन सीएनजी की है जो प्रति दिन लगभग 1,000-1,500 नौकाओं में सीएनजी भरने में सक्षम है।

वर्तमान में वाराणसी में चलने वाली नौकाओं में 5 से 20 एचपी इंजन पावर के साथ 15 से 80 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। हाल ही में गेल को इस परियोजना के लिए एशियाई तेल और गैस पुरस्कार कार्यक्रम में प्रतिष्ठित ‘मिडस्ट्रीम प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर- इंडिया’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

रविदास घाट पर नया स्टेशन सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) है, अर्थात सीएनजी को नमो घाट से कैस्केड में भरा जाएगा और नौकाओं में ईंधन हेतु रविदास घाट तक जल मार्ग से पहुंचाया जाएगा, जो विश्व में इस प्रकार का पहला प्रयास है। इसकी क्षमता 4,000 किलोग्राम प्रति दिन है, जो प्रति दिन 300 से 400 नौकाओं को पूरा कर सकती  है।

चूंकि सीएनजी डीजल की तुलना में अधिक कुशल ईंधन है, अतः इससे नाविकों को अधिक बचत होती है, क्योंकि पुराने डीजल इंजनों को कुशल सीएनजी इंजनों में परिवर्तित करने के कारण उन्हें लगभग 35-40% अधिक माइलेज मिल रहा है (1 किलोग्राम सीएनजी 1.39 लीटर पेट्रोल और 1.18 लीटर डीजल के बराबर ऊर्जा प्रदान करती है)। औसतन रूप से यह अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक नाविक ईंधन के रूप में सीएनजी का उपयोग करके संभावित रूप से  लगभग 36,000 रुपये बचा सकता है।

सीएनजी सुरक्षित और कम प्रदूषणकारी है और डीजल की तुलना में काफी कम नाइट्रस ऑक्साइड (एनओएक्स) और सल्फर ऑक्साइड (एसओएक्स) उत्पन्न करता है। यह डीजल की तुलना में कम धुआं उत्पन्न करता है और गंधहीन है, जो पवित्र नदी गंगा और वातावरण में प्रदूषण को कम करते हुए नाविकों और पर्यटकों को स्वास्थ्य लाभ और आराम प्रदान करता है। नौकाओं के कम कंपन के कारण डीजल इंजन की तुलना में इंजन के शोर में कमी के कारण नाव की सवारी का आनंद लेने वाले पर्यटकों के लिए यह आरामदायक और सुविधाजनक है।

गेल ने वाराणसी में सीजीडी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए 350 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और 2024 तक 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वाराणसी सीजीडी परियोजना प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का हिस्सा है और इसका उद्घाटन वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।

इन दो फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशनों के अलावा, गेल 24 सीएनजी स्टेशनों का भी प्रचालन करता है और 8000 से अधिक चार पहिया वाहनों, 17,000 तीन पहिया वाहनों और लगभग 100 बसों को पर्यावरण अनुकूल ईंधन की आपूर्ति के लिए अन्य 13 सीएनजी स्टेशनों का कार्य प्रगति पर है। 

गेल 32,000 से अधिक घरों, होटल और रेस्तरां जैसी 61 वाणिज्यिक इकाइयों और 13 औद्योगिक इकाइयों को पाइप्ड नेचुरल गैस (डी-पीएनजी) भी प्रदान कर रहा है। अन्य 40,000 घरों में पीएनजी कनेक्टिविटी का कार्य प्रगति पर है।

इसके तत्पश्चात, पुरी ने गेल उत्कर्ष के वाराणसी केंद्र में छात्रों के साथ बातचीत की। गेल उत्कर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं हेतु प्रतिस्पर्धा करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की 60 मेधावी छात्राओं को सभी खर्चों वाले आवासीय कोचिंग प्रदान करने के  लिए कंपनी की एक सीएसआर पहल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ विज़न से प्रेरित होकर वर्ष 2021-22 में शुरू किया गया वाराणसी केंद्र, गेल का पहला ‘ऑल गर्ल्स’ केंद्र है और उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश की 60 कन्या छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के दोहरे पाठ्यक्रम के लिए कोचिंग उपलब्ध कराने वाला पहला ऐसा केंद्र है।

वर्ष 2022-23 में 30 में से 28 कन्या छात्राओं ने जेईई मेन्स परीक्षा उत्तीर्ण किए और 30 में से 29 कन्या छात्राओं ने एनईईटी परीक्षा में सफलता प्राप्त की।

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