Independence Day 1

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण एवं सभी रेलकर्मियों का हार्दिक अभिनंदन

Independence Day COMBO
फोटो कैप्शनः 15 अगस्त, 2020 को स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर चर्चगेट स्थित पश्चिम रेलवे मुख्यालय में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल राष्‍ट्र ध्‍वज को सैल्‍यूट करते हुए तथा सामारोहिक परेड का निरीक्षण करते हुए।

15 अगस्त,अपने प्रिय राष्ट्र का 74 वाँ स्वतंत्रता दिवस पश्चिम रेलवे पर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराकर मनाया गया। इस पुनीत अवसर पर महाप्रबंधक ने रेल सुरक्षा बल की सामारोहिक परेड का निरीक्षण किया और रेलकर्मियों को सम्बोधित कर उन्हें एवं उनके परिजनों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। पश्चिम रेलवे की मेडिकल बिरादरी के 8 कोरोना वॉरियर्स जिनमें आरपीएफ के दो कर्मी शामिल थे, जिन्होंने अन्य लोगों की जान बचाने के लिए अपना ब्लड प्लाज़्मा दान किया, उन्हें इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर पश्चिम रेलवे के अपर महाप्रबंधक श्री आलोक कुमार एवं विभिन्‍न विभागों के प्रधान विभागाध्यक्षों के साथ मुंबई सेंट्रल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक भी उपस्थित थे। समारोह का संचालन पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी श्री गजानन महतपुरकर ने किया और अंत में पश्चिम रेलवे के उप महाप्रबंधक (सामान्य) श्री परीक्षित मोहनपुरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया। प्रारम्भ में महाप्रबंधक श्री कंसल के पहुँचने पर पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्री पी. सी. सिन्हा ने उनकी अगवानी की।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने सम्‍बोधन में महाप्रबंधक श्री कंसल ने कहा कि इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण देश की अर्थव्यवस्था अत्यंत प्रभावित हुई है। भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि यात्री सेवाएं पूर्ण रूप से बंद हुई थीं जिससे स्थिति की गंभीरता साबित होती है, हालांकि 12 मई, 2020 से सीमित यात्री सेवाएं शुरू कर दी गईं। ऐसे विकट समय में भी पश्चिम रेलवे ने 1234 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाकर, जो भारतीय रेल पर सर्वाधिक हैं, कोविड-19 के विरुद्ध जंग में प्रमुख भूमिका निभाई है। इनके द्वारा देश के पश्चिमी भाग के विभिन्न शहरों से 18.55 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्‍यों तक पहुंचाया गया। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के यात्रियों को 26 लाख से अधिक फूड पैकेट नि:शुल्क वितरित किए गए। हमने लॉकडाउन के दौरान IRCTC के सहयोग से ज़रूरतमंदों के बीच लगभग 6 लाख फूड पैकेट वितरित किए। इस कार्य की सराहना सभी के द्वारा की गई तथा गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री ने इस कार्य के लिए पश्चिम रेलवे की टीम को सम्‍मानित भी किया।

श्री कंसल ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि करके लाइन क्षमता को बढ़ाना पश्चिम रेलवे का प्रमुख उद्देश्य रहा है। वर्ष 2020 के दौरान हमने 9.8 किलोमीटर लंबी अलीराजपुर-खांडला नई लाइन का कार्य पूरा किया जो छोटा उदेपुर-धार नई लाइन परियोजना का भाग है। इस परियोजना का कार्य पूरा होने के पश्चात इंदौर-वडोदरा के बीच एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। पश्चिम रेलवे ने भिलड़ी–जसाली, चामराज–दिगसर और शंभुपुरा–निम्बाहेड़ा सेक्शनों सहित लगभग 22 किलोमीटर दोहरीकरण कार्य पूर्ण किया है। नागदा–उज्जैन सेक्शन में रेल विद्युतीकरण सहित गंभीरी ब्रिज के दोहरीकरण कार्य के लिए सीआरएस मंजूरी प्राप्त हो गई है। पश्चिम रेलवे ने वीरमगाम-समाख्‍याली सेक्‍शन में सडला-बजाना-जटपीपली खंड का दोहरीकरण भी हाल ही में पूर्ण किया है। महेसाणा-वडनगर सेक्शन में गेज परिवर्तन के साथ लगभग 34 किलोमीटर विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है। रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा माथेला–निमारखेड़ी सेक्शन में 45 किलोमीटर रेल विद्युतीकरण कार्य का भी निरीक्षण हो चुका है। पश्चिम रेलवे ने 42 स्थायी गति प्रतिबंधों को हटाया है, 11 सेक्शनों में लूप लाइनों पर गति बढ़ाई है, जबकि लगभग 986 किलोमीटर में सेक्शनल स्‍पीड को बढ़ाया गया है। गतिशीलता में वृद्धि की दृष्टि से मुंबई सेंट्रल-गोधरा और रतलाम-नागदा खंड पर सेक्शनल गति 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाने के लिए सीआरएस की मंजूरी प्राप्त कर ली गई है। इससे यात्रा समय में कमी होगी। बांद्रा–खार सेक्शन में 28 वर्ष पुराने स्थायी गति प्रतिबंध को समाप्त किये जाने से संरक्षा में वृद्धि हुई है। इन सबके कारण फ्रेट ट्रेनों की औसत गति को बढ़ाना संभव हो सका है।

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श्री कंसल ने यह भी बताया कि राष्ट्र के प्रतिष्ठित मिशन को जारी रखते हुए भारतीय रेल पर 100% विद्युतीकरण के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मिशन की दिशा में विद्युतीकृत टैरिटरी में डबल स्टैक कंटेनर सफलतापूर्वक चलाकर पश्चिम रेलवे सभी क्षेत्रीय रेलों में प्रथम रहा है। यह डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन पहली बार पालनपुर तथा बोटाद के बीच चलाई गई। यह ऐसी उपलब्धि है, जिससे ग्रीन इंडिया के महत्‍त्‍वाकांक्षी अभियान को भी बल मिलेगा। पश्चिम रेलवे ने पहले ऐसे हाई राइज़ ओएचई की शुरुआत कर अपने-आप को पुनः अग्रणी सिद्ध किया है, जिसमें कॉन्‍टैक्‍ट वायर की ऊंचाई 7.57 मीटर है, जो विश्‍व में सबसे अधिक है। पश्चिम रेलवे ने 10 जून, 2020 को राजकोट एवं भावनगर मंडलों में हाई राइज़ ओएचई मार्ग पर पहली विद्युत ट्रेन का परिचालन किया। इस उपलब्धि के साथ ही राजकोट एवं भावनगर मंडल भी भारतीय रेलवे के इलेक्ट्रिक ट्रैक्‍शन के नक्‍शे में शामिल हो चुके हैं।

पश्चिम रेलवे ने चुनौतियों को अत्यंत सफलतापूर्वक सुअवसरों में बदला है। लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम यातायात का लाभ उठाते हुए पश्चिम रेलवे ने ऐसे कई लंबित महत्वपूर्ण इन्फ्राट्रक्चरल एवं अनुरक्षण कार्यों को पूरा किया, जिनके लिए लंबी अवधि के ब्लॉक लिये जाने की जरूरत थी। माहिम–बांद्रा सेक्शन में मीठी नदी पर स्टील गर्डरों के 6 स्पैन की रि-गर्डरिंग और चैनल स्लीपरों के प्रतिस्थापन का कार्य पूरा किया गया। मुंबई उपनगरीय सेक्शन में बंद किये गये 6 पुराने पैदल ऊपरी पुलों को डिस्मेंटल किया गया। अहमदाबाद मंडल में समपार के स्थान पर सड़क ऊपरी पुल पर 66 मीटर ओपन वेब गर्डर लगाया गया।

श्री कंसल ने कहा कि संरक्षा पश्चिम रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता के लिए विभिन्‍न विशेष संरक्षा अभियान चलाए गए। सुरक्षा मानदंडों का कड़ाई से पालन करने के कारण पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2019-20 में दुर्घटनाओं में 41% की कमी आई। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों में पटरी पर चलने के खतरे के बारे में जागरूकता लाने के लिए विशेष एसएमएस अभियान चलाया गया। कार्यस्थल, ओएचई हेतु सावधानी और शंटिंग परिचालन आदि में संरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाए गए। जंग लगने के कारण रेलों के समयपूर्व नवीनीकरण से बचने के लिए साबरमती में रेलों का जिंक मेटलाइजेशन सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाला पश्चिम रेलवे पहला ज़ोनल रेलवे है। संरक्षा में सुधार करने के लिए 96 चौकीदार युक्त समपार समाप्‍त किए गए हैं तथा 149 सड़क निचले पुलों/कम ऊंचाई के सबवे और 33 सड़क ऊपरी पुलों का निर्माण किया गया, जो पिछले 5 वर्षों में सर्वाधिक हैं। उपनगरीय/गैर-उपनगरीय खंडों पर 44 नए पैदल ऊपरी पुलों का निर्माण किया गया है। वर्ष 2019-20 में 18 लिफ्ट और 14 एस्‍केलेटर स्थापित किए गए। संरक्षा कैटेगरी के कर्मचारी रिफ्रेशर पाठ्यक्रमों के लिए वर्चुअल माध्‍यमों से प्रशिक्षण प्राप्‍त कर रहे हैं।  

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श्री कंसल ने पश्चिम रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि जिन्होंने अवसर के अनुरूप कोविड-19 के कारण उत्पन्न गंभीर परिस्थितियों का सामना अभिनव पहल और विचारों से किया है। मरीजों के लिए क्वारंटाइन सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से लॉकडाउन में 10 दिनों की अल्‍प अवधि में 410 ग़ैर-वातानुकूलित शयनयान डिब्बे-बेड, उपकरण स्टैंड, वॉशरूम और डॉक्टरों के लिए अलग कक्ष की सुविधा के साथ आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किए गए। कोविड-19 महामारी के देश में दस्तक देने के साथ ही रेलवे बोर्ड ने जगजीवन राम अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में सूचीबद्ध किया। अस्पताल के चिकित्सकों एवं पैरामेडिक्स ने अपूर्व कुशलता, समर्पणभाव एवं संवेदनाओं के साथ इस नए वायरस से लड़ने में जी तोड़ मेहनत की है। इस अस्पताल में अब तक 1300 से अधिक रेलवे एवं ग़ैर-रेलवे कोविड-19 मरीजों का उपचार किया गया है एवं इनकी रिकवरी दर 80% से अधिक है। जगजीवन राम अस्पताल रेलवे अस्‍पतालों में पहला तथा मुंबई शहर के उन पांच अस्पतालों में शामिल है, जहां मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी उपलब्ध कराई जा रही है। हाल ही में यहां रैपिड एंटिजन टेस्टिंग शुरू की गई है। मुंबई सेंट्रल, रतलाम, वडोदरा तथा अहमदाबाद के रेलवे अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों में सीसीटीवी कैमरे और वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। फ्रंटलाइन चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों की बेहतर सुरक्षा हेतु पीपीई किट, एन-95 मास्क, वेंटिलेटर, नॉन कांटेक्ट इंफ्रारेड थर्मल गन इत्यादि की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

श्री कंसल ने तारीफ करते हुए कहा कि पश्चिम रेलवे के कारखानों ने इन-हाउस पीपीई सूट तैयार करने का उत्कृष्ट कार्य किया है जिसे डीआरडीओ द्वारा भी अनुमोदित किया गया। इसके अतिरिक्त विशेषत: फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए मास्क एवं सैनिटाइजर तैयार किए गए। शेडों, डिपो एवं अस्पतालों में फुट ऑपरेटेड वॉश बेसिन तथा हैंड सैनिटाइजर भी तैयार कर लगाये गये। कारखानों एवं शेडों ने अभिनव संकल्पनाओं के साथ टच-फ्री थर्मल स्कैनर, हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर स्टैंड तथा स्प्रे मशीन इत्यादि का भी निर्माण किया। लोअर परेल वर्कशॉप ने जगजीवन राम अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के उपचार में उपयोग हेतु 5 इंट्यूबेशन तथा 3 सैंपल कलेक्शन बॉक्‍सों का निर्माण किया। मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनस, सूरत, रतलाम तथा इंदौर स्टेशनों पर थर्मल स्कैनिंग कैमरे लगाए गए हैं। मुंबई सेंट्रल, रतलाम एवं इंदौर स्टेशनों पर टचलेस टिकट चेकिंग सिस्टम की भी शुरुआत की गई। 42 स्टेशनों की पीआरएस खिड़कियों तथा सभी रेलवे अस्पतालों में फेस-टू-फेस पूछताछ प्रणाली हेतु 111 Both way टॉकबैक प्रणाली लगाई गई है। अहमदाबाद स्टेशन पर टच फ्री सेंसर लगेज सैनिटाइजिंग मशीन, मास्क एवं सैनिटाइजर प्रदान करने हेतु ऑटोमेटिक वेडिंग मशीनें लगाई गई हैं। सभी डिविजनल अस्‍पतालों में सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करते हुए आंखों की जांच करने के लिए फंडस कैमरे खरीदे गए हैं।

श्री कंसल ने बताया कि पश्चिम रेलवे के लिए यह गर्व का विषय है कि पश्चिम रेलवे संपूर्ण भारतीय रेलवे पर सर्वाधिक विद्युतीकरण कर प्रथम स्थान पर रही है। 2019-20 के दौरान पश्चिम रेलवे ने रिकॉर्ड 664 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया, जो कि पिछले वित्‍तीय वर्ष की तुलना में 5 गुना अधिक है। पश्चिम रेलवे ने सोलर पावर  संयंत्रों की स्थापना के लिए रेलवे ट्रैक के किनारे 6200 एकड़ सरप्लस भूमि को चिन्हित किया है जिनसे प्रतिवर्ष 1971 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न होगी। इससे ट्रैक्शन बिल में बचत के अतिरिक्त कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। हमारी 67 जोड़ी नियमित ट्रेनों का परिचालन HOG सिस्‍टम पर होता है, जो भारतीय रेलवे पर सर्वाधिक है। फरवरी, 2020 में विद्युत लोको शेड, वलसाड ने इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम, आईएसओ 14001 : 2015 (पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली) तथा आईएसओ 45001 : 2018 (व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं संरक्षा प्रबंधन प्रणाली) प्रमाणन प्राप्त किया। अहमदाबाद–दरभंगा/वाराणसी एक्सप्रेस के 5 रेकों के डिब्बों को एलएचबी डिब्‍बों में बदला गया है, जिनमें HOG के प्रावधान के साथ ही 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति क्षमता है। ‘स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत’ अभियान के अंतर्गत हमारी ट्रेनों के 5332 डिब्‍बों में बायो टॉयलेट लगाए गए हैं। कोचिंग डिपो, इंदौर में पूर्ण सुसज्जित बायो एफल्‍यूएंट टेस्टिंग लैब स्‍थापित की गई, जिससे अब इंदौर में ही बायो टॉयलेट एफल्‍यूएंट नमूनों की जांच हो जाती है। पहले इन नमूनों को लोअर परेल कारखाने में जांच के लिए भेजा जाता था। कोचिंग डिपो, प्रताप नगर में एफल्‍यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट तथा पेयजल हेतु रिवर्स ऑस्मोसिस सहित वॉटर सॉफ्टनिंग प्लांट शुरू किया गया। पश्चिम रेलवे के 35 स्टेशनों को पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली हेतु आईएसओ 14001 : 2015 प्रमाणन प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2019-20 में 43 वॉटर हार्वेस्टिंग कार्य शुरू किए गए। पानी की बचत के लिए मेमू कारशेड, वडोदरा में ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्‍लांट लगाया गया है।

श्री कंसल ने यह भी उल्लेख किया कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना पश्चिम रेलवे का एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसपर पश्चिम रेलवे का पूरा जोर रहता है। 291 से अधिक स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई की व्यवस्था की गई है, जिन्‍हें मिलाकर अब कुल 423 स्टेशनों पर ये सुविधा उपलब्‍ध है। उत्कृष्ट परियोजना के अंतर्गत लंबी दूरी की ट्रेनों के 60 रेकों को अपग्रेड किया गया है। कर्णावती एक्सप्रेस और मुंबई-जयपुर स्पेशल में LSLRD कोचों की शुरुआत से न केवल सामान रखने की जगह बढ़ी, बल्कि विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए अधिक सीटें उपलब्‍ध हुई हैं। हमारे रेलवे सुरक्षा बल ने सूरत में एक बड़े संगठित अपराध का पता लगाया, जिसमें MAC सॉफ्टवेयर तथा वर्चुअल प्रॉक्‍सी नेटवर्क के द्वारा रेल टिकट बुक किए जा रहे थे। इसमें 68 करोड़ रु. मूल्‍य से भी अधिक के 3 लाख से अधिक टिकट जब्‍त किए गए। आरपीएफ द्वारा घर से भागे हुए 182 बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया गया या गैर-सरकारी संस्थाओं/सिटी पुलिस को सौंपा गया। श्री कंसल ने सराहना करते हुए कहा कि पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन (WRWWO) ने हमेशा से ही ज़रूरत के कठिन समय में हमारे कर्मचारियों और उनके परिवारजनों की सहायता की है। इसके अतिरिक्त संगठन द्वारा आरपीएफ बैरकों के लिए डीप फ्रीजर इत्‍यादि तथा मरीजों और पैरामेडिकल स्‍टाफ की सुविधा के लिए जगजीवन राम हॉस्पिटल में वॉटर प्‍यूरीफायर, बर्तनों सहित इंडक्‍शन प्‍लेटें तथा गर्म/ठंडे पानी के प्रावधान सहित वॉटर डिस्‍पेंसर भेंट किए गए हैं।  

महाप्रबंधक ने माना कि रेल कर्मियों द्वारा कड़ी मेहनत और समर्पित कार्य के कारण उपरोक्त सभी उपलब्धियां संभव हो पाई हैं। उन्‍होंने मान्यताप्राप्त ट्रेड यूनियनों एवं एसोसिएशनों की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा सदैव ही प्रशासन और रेल कर्मियों के बीच सौहार्दपूर्ण औद्योगिक संबंध बनाए रखने में सकारात्मक भूमिका निभाई जाती है। उन्‍होंने कहा कि हम सब कोविड-19 के विरुद्ध अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि हम राजस्‍व में हुए नुकसान की भरपाई और अपने लक्ष्‍यों को पूरा करने के लिए पूरे उत्‍साह और शक्ति से प्रयास