Atal bihari vajpayee birth anniversary

Atal bihari vajpayee birth anniversary: मालवीय, अटल वाजपेयी का हिंदी को जनसरोकार की भाषा बनाने में महत्वपूर्ण योगदान- प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

Atal bihari vajpayee birth anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर हिंदी का परचम विश्व में लहराया: प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल

वर्धा, 26 दिसंबरः Atal bihari vajpayee birth anniversary: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को जनसरोकार की भाषा के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कुलपति प्रो. शुक्ल विश्वविद्यालय में मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस (Atal bihari vajpayee birth anniversary) पर ‘महामना और अटल वाजपेयी की हिंदी सेवा’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार शंभू नाथ शुक्ल और वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने संबोधित किया।

कुलपति प्रो. शुक्ल ने कहा कि हिंदी शासन और न्याय की भाषा बने इसके लिए मालवीय ने आंदोलन चलाया और हिंदी में उच्च अध्ययन तथा अनुसंधान हों इसके लिए महत्वपूर्ण प्रयास किये। भारत का व्यक्ति भारत की भाषा में सोचे यह उनकी दृष्टि थी। अपने जीवन काल में मालवीय ने हिंदी को संरक्षण देने का काम किया। अटल बिहारी वाजपेयी (Atal bihari vajpayee birth anniversary) ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर हिंदी का परचम विश्व में लहराया। उन्होंने संसदीय बहस हिंदी में लाने का काम किया। एक राजनेता और कवि के रूप में वाजपेयी ने हिंदी को साॅप्टकार्नर की भांति स्थापित करने में अद्वितीय योगदान दिया है।

वरिष्ठ पत्रकार शंभू नाथ शुक्ल ने मालवीय और अटल (Atal bihari vajpayee birth anniversary) के हिंदी के उत्थान में योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मालवीय ने हिंदू- मुस्लिम एकता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे कट्टर सनातनी थे। हिंदी समाज के लिए उनकी बड़ी भूमिका रही है। वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने कहा कि हिंदी को दबाया जा रहा था तब मालवीय ने हिंदी का झंडा उठाया।

उन्होंने हिंदी में लेखन और पत्रकारिता की। उन्हें विलक्षण संस्था निर्माता और भाषा योध्दा के रूप में याद किया जाएगा। उनकी हिंदी सेवा हिंदुस्तान की ही सेवा थी। अटल की हिंदी सेवा को लेकर राहुल देव ने कहा कि अटल राजनीति में हिंदी निष्ठा के प्रतीक थे। राष्ट्र धर्म, स्वदेश और पांचजन्य जैसे अखबारों के संपादक तथा पत्रकार के रूप में उन्होंने हिंदी को आगे ले जाने का सायास प्रयास किया।

क्या आपने यह पढ़ा….. दरोगा जी; (Daroga ji)आशीष बादल हमीरपुर द्वारा लिखित..

आज हिंदी मजबूत है और इसकी नींव रखने का श्रेय वाजपेयी को जाता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने महामना मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी (Atal bihari vajpayee birth anniversary) के फोटो पर पुष्प अर्पण कर अभिवादन किया। सहायक प्रोफेसर डॉ. जगदीश नारायण तिवारी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य और प्रास्ताविक संगोष्‍ठी के संयोजक तथा जनसंचार विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने दिया। संचालन दर्शन एवं संस्कृति विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयंत उपाध्याय ने किया। आभार दूर शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. हरीश अरोड़ा ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रति कुलपति द्वय प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल और प्रो. चंद्रकांत रागीट सहित अध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की।

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