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Actress Kangana Ranaut summoned: सोशल मीडिया पर कथित घृणित पोस्ट को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत को किया तलब

  • शांति और सद्भाव संबंधी समिति ने अभिनेत्री कंगना रनौत को समिति के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया
  • समिति को अभिनेत्री के संबंध में कई शिकायतें मिलीं, उनके द्वारा आपत्तिजनक और अपमानजनक इंस्टाग्राम स्टोरी पोस्ट करने का पता चला है
  • शिकायतों में कहा गया है कि कंगना रनौत ने अपनी स्टोरी में सिख समुदाय को ‘खालिस्तानी आतंकवादी’ करार दिया है
  • शिकायतों के मुताबिक इस तरह की पोस्ट ने सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, उनकी सुरक्षा के साथ-साथ जीवन और स्वतंत्रता के बारे में आशंका पैदा की है
  • शिकायतकर्ताओं ने अध्यक्ष विधायक राघव चड्ढा से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने का निवेदन किया, क्योंकि पोस्ट कथित तौर पर उनके क्षेत्र की शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकती है
  • शिकायतों की जांच के बाद समिति ने अध्यक्ष विधायक राघव चड्ढा के माध्यम से इस मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लिया है, कंगना रनौत को 6 दिसंबर 2021 को दोपहर 12 बजे समिति के समक्ष पेश होने के लिए कहा है
  • शांति और सद्भाव समिति को ऐसे कारणों और स्थितियों पर विचार करने का अधिकार है जो सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं
  • गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी दिल्ली में हिंसा के संभावित कारणों की पहचान करने के लिए कार्यवाही करने के लिए समिति को मान्यता दी है


नई दिल्ली, 25 नवंबर: Actress Kangana Ranaut summoned: दिल्ली विधान सभा की शांति और सद्भाव समिति ने सांप्रदायिक वैमनस्य और घृणा के खिलाफ सख्त रुख अपना रखा है। विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता में समिति, शांति को नुकसान पहुंचा सकने वाली किसी भी घटना को रोकने की दिशा में काम कर रही है। समिति को कंगना रनौत द्वारा अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट @kanganaranaut पर कथित रूप से अपमानजनक पोस्ट के बारे में कई शिकायतें मिली हैं। शिकायतकर्ताओं के अनुसार कंगना रनौत के इंस्टाग्राम अकाउंट की पहुंच काफी ज्यादा है। दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोगों द्वारा इसका अनुसरण किया जा रहा है। कंगना ने अपनी पोस्ट से कथित तौर पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है जो कि समाज की शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकती है।

शिकायतों में कहा गया है कि कंगना रनौत ने कथित तौर पर सिख समुदाय को ‘खालिस्तानी आतंकवादी’ करार दिया है। जिससे सिख समुदाय के लोगों का अपमान हुआ है। उनके मन में सुरक्षा, जीवन और स्वतंत्रता के बारे में आशंकाएं भी पैदा हुई हैं। कंगना रनौत ने 20 नवंबर 2021 को स्टोरी पोस्ट की थी। जिसमें लिखा था कि खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार का हाथ मरोड़ सकते हैं। लेकिन इन्हें नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला ने इनको अपनी जूती के नीचे कुचला था। इसकी वजह से चाहे कितनी भी दिक्कतें क्यों न हुई हों लेकिन उसने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया। लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी ये आज उसके नाम से कांपते हैं। इन्हें वैसा ही गुरु चाहिए। 

शिकायतकर्ताओं के मुताबिक कंगना रनौत ने कथित रूप से पोस्ट से सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं को बहुत आहत किया है। पूरे समुदाय का अनादर करने से दिल्ली में शांति और सद्भाव में व्यवधान की स्थिति पैदा हो सकती है। शिकायतकर्ता के अनुसार उसे सभी के सामने ‘खालिस्तानी’ कहा जाता था। यह न केवल उसके लिए चौंकाने वाला था,‌बल्कि उसके परिवार और खुद की सुरक्षा के बारे में उसके आशंकाएं भी पैदा करता था।

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शिकायतकर्ताओं ने समिति से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने का अनुरोध किया है। इसके बाद शिकायतों की जांच करने और उठाए गए मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद शांति और सद्भाव संबंधी समिति ने प्राप्त शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लिया। दिल्ली में इन सभी मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली शांति और सद्भाव समिति ने कंगना रनौत को पेश होने के लिए बुलाया है, ताकि वर्तमान मुद्दे पर अधिक व्यापक और बेहतर तरीके से विचार-विमर्श किया जा सके। समन जारी कर अभिनेत्री को 6 दिसंबर 2021 को दोपहर 12 बजे उपस्थित होने के लिए बुलाया गया है।

गौरतलब है कि शांति और सद्भाव संबंधी समिति को उन स्थितियों और कारणों पर विचार करने का अधिकार है जो राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं। इसके अलावा आपसी सद्भाव स्थापित करने के लिए समिति ऐसे संकटों को रोकने और हालत से निपटने के उपाय सुझाती है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे स्वीकार करते हुए समिति की अनुशंसात्मक शक्तियों को बरकरार रखा है, जिसका उपयोग बेहतर शासन के लिए किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने अजीत मोहन और अन्य बनाम दिल्ली विधानसभा मामले में अपना फैसला दिया। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि देश की राजधानी सांप्रदायिक हिंसा की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकती है। इस प्रकार विभिन्न मुद्दों की जांच के माध्यम से शांति बहाली और निवारक उपाय करने के संबंध में समिति की चिंता नाजायज और गलत नहीं है।

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