WR Safety seminar: पश्चिम रेलवे द्वारा संरक्षा संगोष्ठी का आयोजन
WR Safety seminar: संरक्षा हमेशा सतर्क रहकर सुनिश्चित करती है जीरो टॉलरेंस
मुंबई, 13 अक्टूबर: WR Safety seminar: पश्चिम रेलवे के संरक्षा विभाग द्वारा हाल ही में मुख्य लोको निरीक्षकों और यातायात निरीक्षकों सहित ट्रेन परिचालन में शामिल प्रमुख पर्यवेक्षकों के लिए संरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ये निरीक्षक क्रमशः ट्रेन चलाने वाले चालक दल और स्टेशन कर्मचारियों के संवर्ग को भी नियंत्रित करते हैं।
यह सेमिनार पिछले कई वर्षों में पश्चिम रेलवे पर आयोजित अपनी तरह का एक अनूठा आयोजन था। उल्लेखनीय है कि यह संगोष्ठी आयोजित करने का विचार पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल द्वारा प्रकट किया गया, जिन्होंने इस संगोष्ठी को भविष्य में जारी रहने वाली श्रृंखला का पहला भाग बताया।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अनुभवी मुख्य लोको निरीक्षकों (CLI) और यातायात निरीक्षकों (TI) के विचारों से सीखने के अभिनव प्रयास के रूप में इस सेमिनार का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में अनुभवी सीएलआई और टीआई ने अपने ज्ञान, अनुभव और बुद्धिमता को स्टाफ के साथ साझा किया। महाप्रबंधक आलोक कंसल ने इस संगोष्ठी को जीरो टॉलरेंस के ज़रिये सुनिश्चित संरक्षा की ओर भारतीय रेलवे के दर्शन के सिद्धांतों में से एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया है।
कुल 23 मुख्य लोको निरीक्षकों और यातायात निरीक्षकों ने 2-2 घंटे के दो सत्रों में अपने अनुभव साझा किये। दोनों सत्रों के बाद सवाल-जवाब का दौर चला। निकट भविष्य में श्रृंखला के दूसरे भाग में ट्रैक, स्टेशन, सिग्नलिंग, ओवरहेड ट्रैक्शन एसेट्स तथा कोच एवं वैगन जैसी अचल प्रकृति की संपत्ति के रखरखाव हेतु कर्मचारियों की श्रेणियों के लिए कुछ और सेमिनार आयोजित किए जायेंगे।
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ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे के अपर महाप्रबंधक, सम्बंधित प्रमुख विभागाध्यक्षों, मुंबई सेंट्रल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक और पश्चिम रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सेमिनार में भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किये। 5 मंडलों के मंडल रेल प्रबंधकों ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो लिंक के माध्यम से संगोष्ठी में भाग लिया। प्रौद्योगिकी की शक्ति के कारण पूरे पश्चिम रेलवे के विभिन्न प्रशिक्षण स्कूलों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 650 कर्मचारी, प्रशिक्षण स्कूल के प्रशिक्षक और प्राचार्य यू-ट्यूब पर लाइव फीड के माध्यम से संगोष्ठी में शामिल हुए।
कंसल ने अपने सम्बोधन में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में जिम्मेदार सभी हितधारकों के बीच निरंतर संपर्क के महत्व पर जोर दिया और कहा कि पर्यवेक्षक प्रबंधन और फ्रंटलाइन अधिकारियों के बीच सुचारू संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे ट्रेनों को सुचारू और व्यवस्थित रूप से चलाने में मदद मिलती है। महाप्रबंधक ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को विकसित करने के लिए प्रदर्शन सूचकांकों के आधार पर पांच विभागों के पर्यवेक्षकों के लिए एक त्रैमासिक प्रोत्साहन योजना की घोषणा की।
मुख्य लोको निरीक्षकों के लिए चर्चा में शामिल विषय अलग-अलग थे, जिनमें लोको पायलटों की काउंसलिंग की आवश्यकता, ट्रेन चलाते समय एकाग्रता न खोने, छुट्टी का लाभ उठाने के बाद ड्यूटी पर रिपोर्ट करने वाले लोको पायलटों के बदलते व्यवहार का पता लगाने, उनकी मानसिक स्थिति और पारिवारिक समस्याओं को जानने तथा उनकी एकाग्रता की समीक्षा, रेड सिगनल पास करने से बचने के लिए मल्टीपल लाइन सेक्शन पर संरक्षा सावधानियों का पालन, ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए मल्टीपल लाइन वाले रूटों के लिए नव नियुक्त पायलटों को रूट लर्निंग देने के तरीके, योग और ध्यान के माध्यम से उचित मानसिक विश्राम के साथ लोको पायलटों के रिएक्शन टाइम को कम करने जैसे महत्वपूर्ण विषय मुख्य रूप से शामिल रहे।
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यातायात निरीक्षकों के सत्रों में रेलवे कर्मचारियों द्वारा शॉर्टकट के उपयोग से बचने, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं हो सकती हैं और बाढ़ एवं भारी बारिश में सुरक्षा सावधानियों का पालन करते हुए ट्रेनों का संचालन जैसे विषयों को व्यापक रूप से शामिल किया गया। कुछ सामान्य विषयों जैसे दिन-प्रतिदिन के कामकाज में कमियों को दूर करने की आवश्यकता और एकाग्रता हासिल करने के लिए योग और ध्यान की भूमिका पर भी सार्थक चर्चा की गई।
संगोष्ठी के सभी प्रतिभागियों ने इन समृद्ध चर्चाओं के माध्यम से नया दृष्टिकोण और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त की। पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी ने संरक्षा को और अधिक बेहतर बनाने के लिए पश्चिम रेलवे पर कार्रवाई किये जाने योग्य बिंदुओं का विश्लेषण करके संगोष्ठी का सारांश प्रस्तुत किया।