Electrification completed on Mumbai Division: मुंबई मंडल पर विद्युतीकरण पूर्ण होने से वार्षिक 1.64 लाख टन कार्बन फुटप्रिंट की बचत
Electrification completed on Mumbai Division: मुंबई मंडल पर 100% विद्युतीकरण से वार्षिक 556.56 करोड़ रुपये की बचत
मुंबई, 03 मार्च: Electrification completed on Mumbai Division: भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है और 2030 से पहले “शून्य कार्बन उत्सर्जक” बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। रेलवे पर्यावरण के अनुकूल, कुशल, लागत प्रभावी, समयनिष्ठ होने की समग्र दृष्टि से निर्देशित है और नए भारत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई का एक बड़ा व आधुनिक वाहक है।
भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन तत्कालीन बॉम्बे विक्टोरिया टर्मिनस (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) और कुर्ला के बीच हार्बर लाइन पर दिनांक 03.02.1925 को चली थी। खंड को 1500 वोल्ट डीसी पर विद्युतीकृत किया गया था। मध्य रेल के मुंबई मंडल के डीसी ट्रैक्शन को एसी ट्रैक्शन में बदलना 2001 में शुरू हुआ था और धीरे-धीरे, राष्ट्र की जीवन रेखा, यानी उपनगरीय सेवाओं में बिना किसी बाधा के, 2016 में पूरा किया गया।
पिछले कुछ वर्षों में ट्रैक्शन, घाट खंड आदि में मध्य रेल ने डीसी-एसी के रूपांतरण की चुनौतियों को पार कर लिया है। इसके परिणामस्वरूप 33% की क्षमता वृद्धि हुई क्योंकि उपनगरीय खंड पर 9-कार सेवाओं को 12-कार सेवाओं में परिवर्तित कर दिया गया था।
मुंबई मंडल को 2019 में 555.5 रूट किमी के साथ पूरी तरह से विद्युतीकृत किया गया था। इससे मुंबई महानगर क्षेत्र के लोगों की लाइफस्टाइल को बदलने में मदद मिली है। मुंबई मंडल पर विद्युतीकृत अंतिम खंड यानी पनवेल-पेन-रोहा मुंबई महानगर शहर के साथ रायगढ़ और अलीबाग जिलों के बेहतर संपर्क के लिए लाभान्वित हुआ है। पश्चिमी घाट और कोंकण रेलवे नेटवर्क को जोड़ने के लिए पनवेल-पेन-रोहा खंड भी प्रवेश द्वार है।
वर्ष 2022-23 के दौरान 77 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में बदला गया। मुंबई मंडल पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस, डेक्कन क्वीन, पंजाब मेल, तेजस एक्सप्रेस, विदर्भ एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस आदि हैं। वास्तव में, राजधानी एक्सप्रेस एकमात्र ट्रेन है जो पुश-पुल मोड पर चलती है।
दैनिक 22107/22108 मुंबई-लातूर एक्सप्रेस ने हाल ही में फरवरी 2023 में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर स्विच किया और 22143/22144 मुंबई-बिदर एक्सप्रेस को जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर स्विच किया जाएगा। यह मुंबई मंडल के ईंधन बिल को काफी कम कर देगा जो औसतन 5156.75 किलो लीटर प्रति माह है और सालाना 1.64 लाख टन कार्बन फुटप्रिंट अर्जित करता है।
रेलवे विद्युतीकरण की गति, जो पर्यावरण के अनुकूल है और प्रदूषण को कम करती है,विधुतीकरण का कार्य 2014 के बाद से 9 गुना गति से बढ़ा है। रेलवे ने ब्राड गेज मार्गों के विद्युतीकरण की योजना बनाई है जो डीजल कर्षण को समाप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा जिसके परिणामस्वरूप इसके कार्बन फुटप्रिंट और पर्यावरण प्रदूषण में महत्वपूर्ण कमी आएगी।
विद्युतीकरण के लाभ
• पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन है।
• आयातित डीजल ईंधन पर निर्भरता कम हुई, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत हुई और कार्बन फुटप्रिंट्स में कमी आई है।
• परिचालन लागत कम हुई है।
• इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की उच्च ढुलाई क्षमता वाली भारी मालगाड़ियों और लंबी यात्री ट्रेनों की ढुलाई से थ्रूपुट में वृद्धि हुई है।
• कर्षण परिवर्तन के कारण अवरोधन को समाप्त करके अनुभागीय क्षमता में वृद्धि हुई है।