CR RPF Dog Squad

CR RPF Dog Squad: मध्य रेल आरपीएफ डॉग स्क्वॉड-मध्य रेल के कैनाइन हीरोज

मुंबई, 13 मार्च: CR RPF Dog Squad: गर्मी की छुट्टियों के आगमन के साथ, नियमित ट्रेनों के अलावा विशेष ट्रेनें और रेलवे स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों की अतिरिक्त भीड़, रेलवे की संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा मध्य रेल की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

रेलवे सुरक्षा बल, जिसके पास रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी है, सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है और उनमें से एक डॉग स्क्वायड भी है। मध्य रेल, रेलवे सुरक्षा बल, मुंबई मंडल के पास अपने डॉग स्क्वायड में अच्छी तरह से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों की एक कुशल टीम है। 29 ऐसे कैनाइन हीरो हैं जिनमें से 18 को बम और विस्फोटक का पता लगाने के लिए तैनात किया गया है, 4 को नशीले पदार्थों का पता लगाने के लिए और 7 को अन्य अपराधों की जांच के लिए तैनात किया गया है।

Central Railway RPF Dog Squad

धुर्वा, ऑस्कर, मैगी, टीपू, डैनी, जिमी, जीवा और बॉन्ड इस स्क्वाड के कुछ सबसे स्मार्ट और सक्षम कुत्ते हैं जिन्होंने विस्फोटकों, नशीले पदार्थों का पता लगाने में मदद की है और न केवल सुरक्षाकर्मियों की सहायता करने में बल्कि कई आपराधिक मुकदमा को हल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इन कुत्तों को माटुंगा, कर्नाक बंदर, लोकमान्य तिलक टर्मिनस और कल्याण में स्थित विशेष केनेल में रखा जाता है और प्रशिक्षित किया जाता है। उन्हें हेड कांस्टेबल भरत जाधव, मितेश अंबेतकर, कांस्टेबल जे पी गायकवाड़, बजरंग नागरगोजे, रवींद्र झांभे, एस जी गायकवाड़ और कांस्टेबल सचिन गुप्ता, किशोर पवार, डीएस यादव, रामवीर सिंह, तानाजी कांबले और योगेश मीणा हैंडलर्स की एक कुशल टीम द्वारा प्रशिक्षित और नियंत्रित किया जाता है।

इनमें से अधिकांश कैनाइन हीरोज लैब्राडोर और डोबर्मन हैं, हालांकि हाल ही में बेल्जियन शेफर्ड के कुछ पिल्लों को लिया गया है। वर्ष 2022 के दौरान कुल 14 कुत्तों के पिल्ले खरीदे गए। इनमें से 8 लैब्राडोर और 1 डोबर्मन पिल्ले मुंबई मंडल को और 05 बेल्जियन शेफर्ड में से 3 पुणे मंडल को और 1-1 नागपुर और भुसावल मंडल को दिए गए है। इन पिल्लों के बड़े होने पर एवं मौजूदा डॉग स्क्वायड के कुत्तों के सेवानिवृत्त होने के कारण इन कुत्तों के पिल्लों को लिया गया है बाद में उन्हें प्रशिक्षित किया भी जाएगा।

मध्य रेल के इन सुपर डॉग्स ने रेलवे के बाहर भी अपनी कुशलता साबित की है, जब उन्हें राज्य सरकार द्वारा अपराधों को सुलझाने में मदद के लिए बुलाया गया है। इन कुत्तों को उनकी उपलब्धियों और प्रदर्शन के आधार पर रैंक और पदोन्नति दी जाती है।

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रेलवे संपत्ति और यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने में उनका योगदान इस नारे को सही साबित करता है कि “एक कुत्ता मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त होता है”

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