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श्रमिकों में प्रिय श्रमिक अन्नपूर्णा योजना कोरोना की महामारी के नाम पर बंद

गुजरात

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रिपोर्ट : रामकिशोर शर्मा
अहमदाबाद, 19 जनवरी:
गुजरात सरकार ने रोज कमाकर अपने परिजनों का पालन पोषण करनेवाले राजगीर श्रमिकों को दोपहर का भोजन देने के लिए श्रमिक अन्नपूर्णा योजना शुरू की थी। राज्य सरकार की इस योजना का श्रमिकों में बहुत अच्छा असर हुआ था। इस योजना को श्रमिकों की वाहवाही मिली थी। राज्य में 119 सेन्टरों से उन्हें 10 रूपये की अदागी पर भर पेट भोजन मिल जाता था।

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राज्य सरकार के श्रम और रोजगार विभाग ने 2017 में श्रमिकों के लिए श्रमिक अन्नपूर्णा योजना शुरू की थी। इन केंद्रो से श्रमिकों को रोटी, सब्जी, चावल, दाल के उपरांत सप्ताह में एक दिन मिष्ठान भी दिया जाता था। राज्य सरकार को भोजन के लिए प्रति श्रमिक 19 रूपये खर्च आता था। जिसे श्रमिकों को 10 रूपये में ही दिया जाता था।

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यह योजना राज्य के अहमदाबाद, कलोल, गांधीनगर, राजकोट, वडोदरा, सूरत, भावनगर, वापी, धर्मपुर, वलसाड, भरूच और अंकलेश्वर में शुरू की गई थी। जिसे कोरोना की महामारी के कारण बंद कर दिया गया था। हालांकि यह योजना एक बार फिर शुरू की गई थी। परंतु अक्टूबर से इसे बंद कर दिया गया है। वर्तमान समय में केवल आणंद, भरूच और नवसारी में ही इसे क्रियानवित किया गया है। अन्य शहरों में श्रमिकों की मांग है कि संवेदनशील सरकार यह योजना तत्काल शुरू करे।

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