लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 230 पार्सल विशेष ट्रेनों के ज़रिये 35 हज़ार टन से अधिक अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

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पहली तस्वीर में पालनपुर के रेल दूध टैंकर में दूध की मैकेनाइज़्ड लोडिंग का दृश्य, जबकि दूसरे चित्र में अहमदाबाद स्टेशन पर पार्सल विशेष ट्रेन में हो रही लोडिंग दिखाई दे रही है।

मुंबई, 18 मई 2020

पूरी दुनिया जहाॅं अपने तरीके से कोरोना महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लड़ रही है, वहीं भारत में भी हर सम्भव प्रयास कर विभिन्न स्तरों पर कोरोना संक्रमण से बचाव और लड़ाई सुनिश्चित की जा रही है।  इस घातक महामारी के अप्रिय माहौल में, पश्चिम रेलवे देश के विभिन्न स्थलों तक अत्यावश्यक सामग्री के परिवहन के लिए अपनी विभिन्न सेवाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे द्वारा 17 मई, 2020 तक, कुल 230 पार्सल विशेष ट्रेनों का परिचालन लॉकडाउन के दौरान किया गया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 17 मई 2020 तक, 35 हज़ार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन 230 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा किया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के ज़रिये होने वाली कमाई 10.49 करोड़ रुपये रही है। इस परिवहन के अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा उन्नतीस दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें 20 हज़ार टन से अधिक भार और 100 % वैगनों के उपयोग 3.65 करोड़ रु. से  अधिक की आय हुई।  इसी प्रकार, 197 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 6.06 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए। श्री भाकर ने कहा कि 22 मार्च से 17 मई, 2020 तक पार्सल विशेष रेलगाड़ियों के अलावा, माल गाड़ियों के कुल 4021 रेकों का भी उपयोग 7.91 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 8026 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 4059 ट्रेनें सौंपी गईं और 3967 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर लिया गया।  दूध पाउडर, तरल दूध, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांगों का सामना करने के लिए पार्सल वैन / रेलवे दूध टैंकरों (आरएमटी) के 232 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे गये। उन्होंने बताया कि 18 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से तीन पार्सल स्पेशल ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें पोरबंदर – शालीमार, बांद्रा टर्मिनस – लुधियाना और भुज – दादर पार्सल स्पेशल ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 के बाद से उपनगरीय और गैर-उपनगरीय खंडों सहित सम्पूर्ण पश्चिम रेलवे की कुल आमदनी का लॉकडाउन के कारण हुआ नुक़सान 911.46 करोड़ रुपये रहा है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 264.62 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 127.23 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, पूरी पश्चिम रेलवे पर 40.51 लाख यात्रियों ने अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि भी प्राप्त कर ली है।