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खादी को ब्रांड बनाने में जुटा भारतीय विदेश मंत्रालय

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  • खादी को ब्रांड बनाने में जुटा भारतीय विदेश मंत्रालय
  • मेक्सिको की ओहाका खादी की दुनिया में हो रही चर्चा
  • खादी से जुड़े अन्य उत्पादों की लोकप्रियता भी बढ़ी

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को सफल बनाने में भारतीय विदेश मंत्रालय भी जुट गया है। मंत्रालय इस अभियान के तहत भारत के स्थानीय उत्पादों का प्रचार-प्रसार विश्व के अन्य देशों में कर रहा है। जिसका नतीजा है कि दुनिया के तमाम देशों में भारतीय उत्पादों को लोकप्रियता बढ़ी है। ऐसी ही एक खबर उत्तरी अमेरिका के देश मेक्सिको से सामने आई है, जहां के ग्रामीण इलाकों में लोग खादी से जुड़े उत्पाद बना रहे हैं, जिसे मेक्सिकन लोग ही नहीं दुनिया के अन्य देशों के लोग भी काफी पसंद कर रहे हैं।

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जानकारी के अनुसार मेक्सिको के ‘ओहाका’ राज्य के कई गांवों में स्थानीय लोग खादी बुनने का काम कर रहे हैं, जो अब एक ब्रांड बन चुका है। जिसे दुनिया में लोग ‘ओहाका’ खादी के नाम से जानते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रयासों का नतीजा है कि लम्बे समय तक सादगी की पहचान रही खादी आज इको फ्रेंडली-फैब्रिक के रूप में पहचानी जा रही है।

ओहाका में ऐसे पहुंची खादी
मेक्सिको के एक युवा मार्क ब्राउन ने महात्मा गांधी पर एक फिल्म देखी। गांधी जी से वह इतना प्रभावित हुए कि भारत आ गए और 12 वर्ष तक यहीं रहे। इस दौरान दो वर्ष उन्होंने (1986-88) तक, गुजरात के साबरमती आश्रम में गुजारे, जहां उन्होंने खादी के बारे में जाना। ब्राउन ने उन कपड़ों को पहनना भी शुरू कर दिया, जो उन्होंने खुद काते थे। वर्ष 1990 के दशक में वह एक चरखा लेकर मेक्सिको के ओहाका चले गए। जहां के सैन सेबेस्टियन रियो होंडो गांव में उन्होंने स्थानीय परिवारों को सूत कातना सिखाया और अंततः 2010 में उन्होंने ‘फार्म टू गारमेंट’ समूह ‘खादी ओहाका’ शुरू किया। जिसमें ग्रामीण इलाको में रहने वाले लगभग 400 परिवार शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कर चुके हैं जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी ओहाका खादी का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि हमारे कई स्थानीय उत्पादों में वैश्विक होने की बहुत बड़ी शक्ति है। जिसमें खादी बॉडी फ्रेंडली फैब्रिक के रूप में दुनिया में कई जगहों पर बनाई जा रही है। मेक्सिको में ऐसी ही एक जगह है ओहाका, जहां के ग्रामीण इलाकों में लोग खादी बुनने का काम कर रहे हैं। आज ओहाका खादी पूरी दुनिया में ब्रांड बन चुकी है।

क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए दुनिया के तमाम देशों में स्थित भारतीय मिशन जुटे हुए हैं। इसके तहत भारत के उत्पादों से लोगों का परिचय कराया जा रहा है। जिसमें खादी सबसे महत्वपूर्ण है, यह भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता की पहचान है। ओहाका खादी के ब्रांड बनने से लोगों की रूचि खादी के कपड़ों के अलावा खादी से जुड़े अन्य उत्पादों में भी बढ़ी है।

भारत और मेक्सिको के बीच संबंध
मेक्सिको 1950 में भारत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला लैटिन अमेरिका का पहला देश है। आज दोनों देशों के बीच गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं। मेक्सिकन लोगों में, भारत की संस्कृति, सामाजिक मूल्य और बहुलवादी लोकतंत्र की व्यापक रुचि है। यही नहीं यहां के लोग महात्मा गांधी, रविंद्रनाथ टैगोर और मदर टेरेसा के विचारों से काफी प्रभावित हैं। मेक्सिको के चार बड़े शहरों में गांधी जी मूर्तियां भी स्थापित हैं। मेक्सिको में भारतीय समुदाय छोटा है, जिसमें से दस हजार लोग मेक्सिको सिटी में रहते और बाकी गुआडलजारा, मॉन्टेरी, क्यूर्नवेका, क्वेरेटारो आदि में फैले हुए हैं।