Holi ka tyohar:: फागुन की बहार लेकर आई रंगो का त्यौहार
अनुजा सा गहरा रंग प्रीत(Holi ka tyohar)
फागुन की
बहार लेकर आई
रंगो का त्यौहार
लाल, गुलाबी, नीला, पीला
गद-गद मन हो जाए रंगीला
रंगने आया मेरा मन मीत
अनुजा सा गहरा रंग प्रीत
सफेद वस्त्र
पर खिल-खिल जाए
बिछड़े भी
आज हिल-मिल जाए
ठंडी शीत पूरबैया सुहाए
मार्च महीना रंग भर जाए
गाएं सखियां हिल मिल गीत
अनुजा सा गहरा रंग प्रीत
लोग गावे
फागुन गीत मल्हारें
भर-भर कर
पिचकारी मारें
होली जलाएं
प्रियतम पुकारें
हंस – हंस कर
साथ दिन रात गुजारें
वर्षों से चली आ रही रीत
अनुजा सा गहरा रंग प्रीत
रंग में
पिया के रंग जानी है
सीने से
फिर लग जानी है
एक रूह होने की ठानी है
जो सब से जानी अंजानी है
हारे दिल भी गए हैं जीत
अनुजा सा गहरा रंग प्रीत
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