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दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों ने 98 प्रतिशत नतीजे लाकर कमाल कर दिया- अरविंद केजरीवाल

  • दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों के 92.2 और सरकारी स्कूलों के 97.90 प्रतिशत नतीजे आएं हैं- अरविंद केजरीवाल
  • 2016 से दिल्ली सरकार के स्कूलों के नतीजों में लगातार सुधार आ रहा, 2016 में 88.9, 2017 में 90, 2019 में 94 और इस साल 98 प्रतिशत नतीजे आए- अरविंद केजरीवाल
  • इन नतीजों ने सरकारी स्कूलों के बच्चों के प्रति हीन भावना को खत्म किया, अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ना गर्व और फक्र की बात- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्लीवासियों ने ईमानदार सरकार चुनी और ‘आप’ की सरकार ने सरकारी स्कूलों का माहौल बदल कर सभी सुविधाएं मुहैया कराई- अरविंद केजरीवाल
  • हमारे स्कूलों के काफी बच्चों के घर में पहली पीढ़ी पढ़ रही होती है, उनके लिए अच्छे नंबरों से पास होना बहुत बड़ी बात – मनीष सिसोदिया
  • हमारे लिए सरकारी स्कूलों के 12वीं के आए 98 प्रतिशत नतीजे मनोबल बढ़ाने वाले हैं- मनीष सिसोदिया
  • मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए उनके सुनहरे भविष्य की कामना की
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नई दिल्ली, 14 जुलाई, 2020

मुख्यमंत्री श्रीअरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 12वीं क्लास के नतीजे 98 प्रतिशत आने पर सभी छात्रों को शुभकामनाएं देते उनके सुनहरे भविष्य की कामना की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों ने 98 प्रतिशत नतीजे लाकर कमाल कर दिया है। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों के 92.2 और सरकारी स्कूलों के 97.90 प्रतिशत नतीजे आएं हैं। जब से दिल्ली में ‘आप’ की सरकार बनी है, तब से सरकारी स्कूलों के नतीजों में लगातार सुधार आ रहा है। 2016 में 88.9, 2017 में 90, 2019 में 94 और इस साल 98 प्रतिशत नतीजे आए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्लीवासियों ने ईमानदार एक सरकार चुनी। ‘आप’ की सरकार ने सरकारी स्कूलों का महौल बदला और सभी सुविधाएं मुहैया कराई। इन नतीजों ने सरकारी स्कूलों के बच्चों के प्रति लोगों की हीन भावना को खत्म किया है। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ना गर्व और फक्र की बात है। वहीं, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे स्कूलों में बहुत सारे ऐसे बच्चे पढ़ते हैं, जिनके घर में पहली पीढ़ी पढ़ रही होती है। उनके लिए अच्छे नंबरों से पास होना बहुत बड़ी बात है।

भारत के 70 साल के इतिहास में किसी राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के कुल नतीजे 98 प्रतिशत नहीं आए होंगे- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री श्रीअरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने सीबीएसई बोर्ड के 12वीं कक्षा के आए उत्साह जनक नतीजों को लेकर मंगलवार को संयुक्त प्रेस वार्ता की। मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले तीन महीने से हर दूसरे- तीसरे दिन मैं आप लोगों को दिल्ली में कोरोना घट या बढ़ रहा है, इसके बारे में बताता रहा हूं। लेकिन आज इस तनावपूर्ण माहौल में आज आपको के लिए एक अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे दिल्ली के बच्चों ने कमाल करके दिखा दिया। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 12वी कक्षा के नतीजे 98 प्रतिशत आएं हैं। मुझे लगता है कि भारत के 70 साल के इतिहास में किसी राज्य के सारे सरकारी स्कूलों के नतीजे मिला कर 98 प्रतिशत नहीं आए होंगे। इस बार प्राइवेट स्कूल के 92.2 प्रतिशत और सरकारी स्कूलों के 97.90 प्रतिशत नतीजे आए हैं। पूरे देश में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के सबसे अच्छे नतीजे हैं। हमारे कुल 916 स्कूलों में 12वीं कक्षा की परीक्षा हुईं, उनमें से 396 स्कूलों के नतीजे 100 प्रतिशत आए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में जब से ‘आम आदमी पार्टी’ की सरकार बनी है, 2016 से नतीजे लगातार अच्छे होते जा रहे हैं। 2016 में 88.9, 2017 में 90, 2019 में 94 और इस साल 98 प्रतिशत नतीजे आए हैं। 
12वीं के नतीजों ने साबित किया, गरीब भी अपने बच्चे को पढ़ा कर उसका भविष्य बनाना चाहता है- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक जमाना था, जब कहते थे कि सरकारी स्कूल बहुत खराब होते हैं। एक जमाना था, जब सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को कुछ लोग हीन भावना से देखते थे कि इन बच्चों को कुछ नहीं आता है। आज हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि हम किसी से कम नहीं हैं। हम किसी से कम बुद्धिमान नहीं हैं। आज इन नतीजों ने साबित कर दिया है कि बुद्धिमता पैसे की मोहताज नहीं होती है। मैने कई लोगों को कहते हुए सुना है कि गरीब लोग अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाता हैं। गरीब आदमी अपने बच्चों को बचपन में ही काम पर लगा देता है, ताकि कुछ पैसे कमा कर लाएगा। इन नतीजों ने इसको गलत साबित कर दिया है। इन नतीजों से यह साबित कर दिया है कि गरीब आदमी भी अपने बच्चे को पढ़ा कर उसका भविष्य बनाना चाहता है। इन नतीजों ने यह साबित कर दिया कि अभी तक सरकारी स्कूल खराब थे, इसलिए गरीब आदमी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजता था। जब स्कूल अच्छे हो गए, तो गरीब भी अपने बच्चों में समय और पैसे का निवेश कर रहा है। एक जमाना था, जब लोग कहते थे कि सरकारी स्कूल के शिक्षक पढ़ाते नहीं हैं। शिक्षक आते हैं, बैठे रहते हैं। स्वेटर बुनते हैं। आज इन नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों से किसी भी स्तर में कम नहीं है। 
आप’ सरकार शिक्षा पर ज्यादा निवेश करने पर यकीन करती है- अरविंद केजरीवाल

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मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में आज भी वही शिक्षक, प्रिंसिपल, बच्चे और अभिभावक हैं, तो पिछले 5 साल में क्या बदल गया? पांच साल में शिक्षा के अंदर इतनी बड़ी क्रांति कैसे आ गई? क्योंकि दिल्ली की राजनीति बदल गई। आप सभी लोगों ने ईमानदार पार्टी को वोट दिया। आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। यह सरकार इस बात पर यकीन करती है कि अगर हमें देश का भविष्य बनाना है, तो सबसे ज्यादा निवेश शिक्षा पर करना पड़ेगा। यह बदलाव हमने नहीं किया है। इसे बदलने वाले शिक्षक, अभिभावक और बच्चे हैं। हमने स्कूलों का माहौल बदला है। हमने बच्चों को पढ़ने और शिक्षकों को पढ़ाने के लिए सभी सुविधाएं दी हैं। घर में जब दो बच्चे होते हैं। जिसमें एक कमजोर और एक बुद्धिमान होता है, तो माता-पिता का सारा ध्यान कमजोर बच्चे पर जाता है। हमारे दो प्रतिशत बच्चे फेल हो गए या उनकी कंपार्टमेंट आई है। मेरा उनसे अनुरोध है कि मायूस मत होना। हम आपके साथ हैं। हम आपके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगवाएंगे और आपको पास कराएंगे। मुझे उम्मीद है कि जब कंपार्टमेंट के नतीजे आएंगे, तब 98 प्रतिशत नतीजे 100 प्रतिशत में बदल जाएंगे। पूरी दिल्ली सरकार और पूरा तंत्र आपके साथ है। अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर हम आपकी मदद करेंगे। मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ नहीं है। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच में यह कोई प्रतियोगिता नहीं हो रही है। यह केवल यह दिखाता है कि कल तक सरकारी स्कूल एक हीन भावना से ग्रस्त थे। जिसके पास पैसे होते थे, वह अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में भेजना चाहता था। लेकिन आज सरकारी स्कूलों के नतीजों ने यह हीन भावना को खत्म कर दिया है। आज सरकारी स्कूलों के बच्चों में एक आत्म विश्वास है। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ना एक गर्व और फक्र की बात मानी जाती है। यह हीन भावना कम हुई है। मैने सरकारी स्कूलों के कई बच्चों को फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते देखा है। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों की आईआईटी के अंदर एडमिशन हो रहे हैं। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे देश की मुख्यधारा के अंदर हैं। ——
कभी लगता था, 90 प्रतिशत पार कर पाएंगे, तो बड़ी बात होगी- मनीष सिसोदिया
वहीं, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने मुख्यमंत्री  श्री अरविंद केजरीवाल का कुशल मार्गदर्शन मिलने पर अभार जताते हुए कहा कि आपके मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार के सभी शिक्षकों ने पिछले 5 साल में बहुत मेहनत की है और आज इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि सी.बी.एस.ई. के 12वीं के बच्चों के नतीजे 98 प्रतिशत आए हैं। जब 2015 में ‘आप’ सरकार बनी, तो उस समय 80, 85, 86 प्रतिशत नतीजे आते थे। उस समय ऐसा लगता था कि कभी 90 प्रतिशत पार कर पाएंगे, तो बड़ी बात होगी। लेकिन फिर 94 प्रतिशत और आज 98 प्रतिशत और असफल रहे 2 प्रतिशत बच्चों को भी खूब मेहनत कराएगें, ताकि 100 प्रतिशत नतीजे हो जाएं। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारे यहां बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं, जिनके यहां पहली पीढ़ी पढ़ाई कर रही है या 12वीं पास कर रही होती है। वो बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और देश के कोने-कोने से आकर के दिल्ली में रह रहे हैं। अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं, मजदूरी कर रहे हैं, अपना काम कर रहे है, उनके घर में बच्चों का स्कूल में पढ़ना और अच्छे नंबर लाकर पास होना बहुत बड़ी बात है। 
इस बार 897 स्कूलों में 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे पास हुए- मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पहले बहुत सारे स्कूल ऐसे भी होते थे, जिनके 50 या 40 प्रतिशत नतीजे आते थे। बहुत बड़ी संख्या में स्कूलों के नतीजे 60 से 70 प्रतिशत से कम बच्चे पास होते थे। लेकिन इस बार हमारे 916 स्कूलों में से 897 स्कूल ऐसे हैं (कुल 19 स्कूलों को छोड़ दें), तो सारे स्कूलों में 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे पास हुए हैं। इसमें से 396 स्कूल ऐसे हैं, जहां 100 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। पिछले साल 203 स्कूल ऐसे थे, जहां पर 100 प्रतिशत बच्चे पास हुए थे। इस बार बढ़कर 396 हो गये हैं। हमारे लिए यह प्रतिशत बहुत मनोबल बढ़ाने वाला है। बहुत सारे इलाके में स्कूल हमें पिछड़े माने जाते थे, अब उनका उत्तीर्ण होने का प्रतिशत भी 90 से ऊपर चला गया है। सिर्फ उत्तीर्ण होने का प्रतिशत ही नहीं बढ़ रहा है, बल्कि उनके बच्चों के नंबर कितने आते हैं, यह भी उनके लिए मायने रखता है। उसका एक क्वाल्टि इंडेक्स बनता है, जिसे क्यूआई कहते हैं। वह भी जारी होता है। क्यूआई पर देखें, तो 2018 में 291 क्यूआई था, यानी बच्चों के कितने नंबर आ रहे हैं। पास होने वाले बच्चों के नंबर वही 40-50 आ रहे हैं या 90, 94, 95 या 98 प्रतिशत तक आ रहे हैं। उस आधार पर इंडेक्स बनता है। पिछले साल 291 से इसका औसत 306 हुआ और इस साल 341 औसत है। 
दिल्ली के 21 प्रतिभा विद्यालयों के नतीजे 99.92 प्रतिशत रहे- मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत में जो टाॅप पर रहे हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा बाजी मारी है, उसमें राजकीय प्रतिभा विद्यालय है। दिल्ली सरकार के 21 प्रतिभा विद्यालय हैं और इनके नतीजे 99.92 प्रतिशत है। यह अपने आप में अपने आप में एक रिकार्ड है। हमने स्कूल ऑफ एक्सिलेंस शुरू किया था। हमने 5 स्कूल आॅफ एक्सिलेंस नाम से नए स्कूल शुरू किए थे। इसमें भी 3 स्कूलों में 100 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। सिर्फ 2 स्कूलों में एक-एक बच्चा फेल हुआ है। यह भी अपने आप में एक अच्छा मॉडल है। इस बार के परिणाम में एक और रोचक बात हुई है। इवनिंग क्लासेज जो होती थी, उन्हें आम तौर पर यह माना जाता था कि इसमें अच्छी पढ़ाई नहीं होती है। हमने पिछले 1-2 साल में काफी मेहनत की है। पिछले साल इविनंग क्लासेज का लगभग 90 प्रतिशत परिणाम रहा था। इस बार इविनंग क्लासेज में 96.53 से ज्यादा बच्चे पास हुए हैं। इवनिंग का परिणाम में भी बहुत सुधार हुआ है। यह बहुत अच्छी चीज है। हमें लगता है कि इसी तरह से हमें मुख्यमंत्री जी का मार्गदर्शन, सभी शिक्षकों का साथ और सभी बच्चों का हौसला बना रहे, तो बहुत जल्द हम दिल्ली में 100 प्रतिशत नतीजे भी प्राप्त करेंगे। जैसा कि शुरूआत भी हो चुकी है, आने वाले समय में हमारे सरकारी स्कूल के बच्चे देश और दुनिया में अपना मापदंड व अपना मान बढ़ाएंगे।

रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली

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