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पश्चिम रेलवे की 464 पार्सल विशेष ट्रेनों द्वारा 97 हज़ार टन से अधिक अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

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फोटो कैप्शन: अहमदाबाद और राजकोट स्टेशनों पर पार्सल स्पेशल ट्रेन में पार्सलों की लोडिंग गतिविधियों के दृश्य।

अहमदाबाद,14 अगस्त:राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए, पश्चिम रेलवे यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंधित यातायात प्रवाह के बावजूद अत्यावश्यक सामग्री पूरे देश में उपलब्ध कराई जाती रहे। यह गौरव का विषय है कि पश्चिम रेलवे द्वारा न सिर्फ अत्यावश्यक सामग्री, बल्कि अनिवार्य दवाइयों और मेडिकल सामान के परिवहन हेतु देश के विभिन्न हिस्सों के लिए चलाई जा रही विशेष समयबद्ध पार्सल ट्रेनों का सिलसिला जारी रखने के क्रम में अब तक कुल 464 विशेष ट्रेनों का परिचालन किया गया है। 13 अगस्त, 2020 को बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी पार्सल विशेष और पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए एक दूध स्पेशल ट्रेन सहित कुल दो पार्सल स्पेशल ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 12 अगस्त, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 97,000 टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 464 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 31.52 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 72 दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें लगभग 54 हजार टन भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 9.41 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ। इसी तरह 370 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाॅं 33 हजार टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 16.98 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 9588 टन भार वाले 22 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 5.12 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 12 अगस्त, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 11,890 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा ,24.47 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 23,235 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 11,603 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 11,632 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये।

लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी

कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुक़सान लगभग 2120 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 317 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 1803 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 12 अगस्त, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 413.62 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 198.89 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 63.73 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।

प्रदीप शर्मा,
जनसंपर्क अधिकारी,
पश्चिम रेलवे, अहमदाबाद