Didi lata ki yaad me: ऐ दीदी लता मंगेशकर वापस आ जा इस दुनिया में…

!! ऐ दीदी लता !!(Didi lata ki yaad me) Didi lata ki yaad me: ऐ दीदी लता मंगेशकरवापस आ जा इस दुनिया मेंक्यों चलें गए हमें छोड़ ?तेरे बिना जीना … Read More

Maa Sarswati: हे माँ, हे माँ सरस्वती विद्या-दायिनी, माँ भगवती!

!! हे माँ सरस्वती !! (Maa Sarswati) Maa Sarswatiहे माँ, हे माँ सरस्वतीविद्या-दायिनी, माँ भगवती!नत-सिर, निमीलित नयनप्रणम्य शिरसा, करूँ निवेदनरुग्ण है आज, विश्व-जीवनउद्धार का कुछ करो चिन्तनहे माँ, हे माँ … Read More

Maa sarswati puja: भारती की देवी माँ सरस्वती, विघा का भंडार माँ सरस्वती

माँ सरस्वती (Maa sarswati puja) (Maa sarswati puja) भारती की देवी माँ सरस्वती,विघा का भंडार माँ सरस्वती,संगीत की अधिष्ठात्री माँ सरस्वती,संक्रेंद्रण और ध्यान का प्रतीक माँ सरस्वती। जीवन में दूर कर … Read More

Hamare veer sainik: ठंडी, गर्मी हो या बरसात रहते सीमा पर तैनात: अमरेश कुमार वर्मा

!! सैनिक !! (Hamare veer sainik) Hamare veer sainik: ठंडी, गर्मी हो या बरसातरहते सीमा पर तैनातखुद अपनी नींदों को त्यागदेते हमें चैन की नींदवही हमारे वीर सैनिक । जब … Read More

Vasant ritu: पुष्पों की मुस्कुराहटों ने है दे दी वसंतागमन का संदेश: आदित्य प्रकाश

!! वसंत ऋतु !! (Vasant ritu) Vasant ritu: हो गया है वसंत का आगमनचिड़ियों की चह चह नेपुष्पों की मुस्कुराहटों नेहै दे दी वसंतागमन का संदेश | है भरा पड़ा … Read More

Kavya: इस मिट्टी में वों सुगन्ध कहाँ अब ?: वरुण सिंह गौतम

!! कहर उठी उर में !!(Kavya) Kavya: इस मिट्टी में वों सुगन्ध कहाँ अब ?जब राम कृष्ण बुद्ध की बेला थीकहते वों देश काल के स्वयं प्राणभारत माँ बिखर गई … Read More

Jindagi ke pahlu: स्वार्थ की दुनिया है, स्वार्थ का याराना

!! जिंदगी के पहलु !! (Jindagi ke pahlu) Jindagi ke pahlu व्यक्ति को अपने जीवन में,सफलता तभी मिलती है,जब वह जग को नहीं,स्वयं को भुनाना प्रारंभ करता है। स्वार्थ की … Read More

समय (Samay) होता है बलवान

!! समय !! (Samay) समय (Samay) होता है बलवानइनसे बड़ा न कोयदुनिया में आदर मिलेजो करे इनका सदुपयोग । जब समय रहती है तोसमझदारी नहीं रहतीजब समय नहीं रहतीतब समझदारी … Read More

Dosti: दोस्ती इस जिंदगी का एक गहरा एहसास हैं

!! दोस्ती !!(Dosti) दोस्ती (Dosti) इस जिंदगी काएक गहरा एहसास हैं,की दूर होते हुए भीतू लगता मेरे पास हैं।। तेरे साथ बिताए पलमुझे यूं ही याद आ जाती हैं,पर आती … Read More

Lahar: सुख – दुःख की क्या खींचती व्यथाएँ ? बढ़ – बढ़ लौटती आँगन की जैसी छाया !

शीर्षक :- लहर (Lahar) Lahar: रात गुजर रही मेरे साथचहुँओर दिखा राख – सी चित्रमानो दे रहा कोई संदेशप्रत्याशा है जैसे झींगुर राग घट के दिशा – दिशा तिरती पवनेंमन्द … Read More