Ghunghat: घूँघट में अरमानों को छुपाए, बड़ों के आगे सर झुकाए..
!! घूँघट !!( Ghunghat) घूँघट (Ghunghat) में अरमानों को छुपाए, बड़ों के आगे सर झुकाएतुम हर दिन कल्पना से परे ना जाने कितना सहती होंपर मजाल है जो उफ़ भी … Read More
!! घूँघट !!( Ghunghat) घूँघट (Ghunghat) में अरमानों को छुपाए, बड़ों के आगे सर झुकाएतुम हर दिन कल्पना से परे ना जाने कितना सहती होंपर मजाल है जो उफ़ भी … Read More
Dosti: जो हँसो आप तो ठहाकों की गूंज उसकी होगी, ख्वाहिशें आपकी और उसे पूरा करने की जिद्द उसकी होगी Dosti: इस ज़माने में ऐसी दोस्ती मिलती कहाँ है …जो … Read More
!! मैं ढूंढा !! (Kavya) Kavya: मैं ढूंढ़ा उसे गर्दिशों मेंठहर गया मानो कोईसाथ नहीं सहारा नहींजिस कदर में जातालोग ठुकरा जाते मुझेकिस तन्हा से कहूँ मैंकिस ओर जाने वोजिस … Read More
!! वक्त का खेल !!(wakt ka khel) wakt ka khel: वक्त – वक्त का खेल है आजएक जैसा न रहता वक्त हमेशाकभी उत्पीड़न तो कभी प्रसन्नवक्त हमेशा रहता है बदलता … Read More
क्या लिखूं,,,,,,!(what to write) ख़्वाब या ख्याल (what to write)ढलती शाम या चांदनी रातमीठी बातें या हसीं मुलाकातेंक्या लिखूं,,,,,!! सुबह की किरन या चंचल मनफूलों का बिस्तर या भीगा तनरेशमी … Read More
!! नारियां !! (Today women) Today women: नारियों के इतिहास देखजिसे पढ़ने का ना था अधिकारपढ़ने लिखने वाले नारियों कोउसके साथ ससुर देते थे ताने । आज नारियों हम पुरुषों … Read More
!! मातृभाषा !! (Mother toungue) Mother toungue: हमारी मातृभाषा है हिन्दी,हमारी जन्म बोली है हिन्दी,हिन्दी को बुलंदी तक पहुंचाना ही,प्रथम कर्तव्य है हमारा। विद्वानों की देन है हिन्दी,भारत में ज्यादातर … Read More
!! स्वाधीनता !! (Independence) Independence: एक मनुष्य की एक चाहतहोती बस स्वाधीनता हमारीकोई भी मनुष्य इस जगत मेंरहना चाहता नहीं दास्तां में । जीव, जंतु हो या फिर मनुष्यरहना चाहता … Read More
क्या ख़्याल है….!!(kya khyal hai) kya khyal hai: चांदनी रात होतेरा मेरा साथ होलव भले कुछ ना कहेंआंखों से सारी बात होहसीं ये मुलाक़ात होमचले हुए जज्बात होनीले अम्बर के … Read More
!! नारी !!(Mai aaj ki Nari) Mai aaj ki Nari: अपनी ख्वाहिशों के बोझ तले,अपने मां बाप को क्यों दफ़न करू।मैं आज की नारी हूं, किसी के आगे क्यों झुकूं। … Read More