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Independence: एक मनुष्य की एक चाहत होती बस स्वाधीनता हमारी..

!! स्वाधीनता !! (Independence)

Amresh kumar
अमरेश कुमार वर्मा, बेगूसराय, बिहार

Independence: एक मनुष्य की एक चाहत
होती बस स्वाधीनता हमारी
कोई भी मनुष्य इस जगत में
रहना चाहता नहीं दास्तां में ।

जीव, जंतु हो या फिर मनुष्य
रहना चाहता नहीं पराधीन
सबको प्यारी होती है अपनी
स्वाधीनता भरी यह दुनिया ।

पिंजरे की पक्षी से पूछो
क्या है उनका हालचाल
उड़ने के लिए पंख उनके
रहते होंगे कितने व्याकुल ।

हमें किसी को कभी भी यहां
करना चाहिए नहीं परितंत्र
हर – एक, पशु – पक्षी को
आजादी का दृढ़ आधिकार ।

सब आजादी की इस दुनिया में
लेना चाहता स्वाधीनता की सांस
हमें कभी भी किसी प्राणी को
परितंत्र करने का न है अधिकार ।।

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